छात्रों को विभिन्न विचारधाराओं का अध्ययन करने का अवसर मिलना चाहिए : आरिफ मोहम्मद खान
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा विश्वविद्यालय और कक्षाएं ऐसी जगह हैं जहां छात्रों को कई तरह के विचारों से अवगत कराया जाता है। किसी चीज का आंख मूंदकर विरोध करने के अलावा लोगों को तथ्यों का अध्ययन करना चाहिए।
तिरुवनंतपुरम, एएनआइ। कन्नूर विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में एमएस गोलवलकर, वीर सावरकर और दीनदयाल उपाध्याय की पुस्तकों को शामिल करने की आलोचना पर केरल के राज्यपाल व विश्वविद्यालयों के चांसलर आरिफ मोहम्मद खान ने प्रतिक्रिया दी है। शनिवार को उन्होंने इस पर टिप्पणी करते हुए कहा कि छात्रों को विभिन्न विचारधाराओं का अध्ययन करने का अवसर मिलना चाहिए।
कन्नूर विश्वविद्यालय के विवाद पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए खान ने कहा कि मैं कन्नूर विश्वविद्यालय पाठ्यक्रम मामले से पूरी तरह अवगत नहीं हूं। लेकिन मुझे लगता है कि विश्वविद्यालय और कक्षाएं ऐसी जगह हैं जहां छात्रों को कई तरह के विचारों से अवगत कराया जाता है। उन्होंने आगे कहा कि अधिक रचनात्मक विचारों को विकसित करने के लिए हर विचारधारा का अध्ययन किया जाना चाहिए। किसी चीज का आंख मूंदकर विरोध करने के अलावा, लोगों को तथ्यों का अध्ययन करना चाहिए।
शुक्रवार को विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर गोपीनाथ रवींद्रन ने कहा था कि पाठ को खारिज या प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है। पहले उन्हें पढ़ा जाना चाहिए और फिर या तो स्वीकार या अस्वीकार कर दिया जाना चाहिए। कन्नूर विश्वविद्यालय के राजनीति विज्ञान पाठ्यक्रम का भगवाकरण करने के आरोप गलत हैं। सावरकर और गोलवलकर के पुस्तकों को पाठ्यक्रम में शामिल करने पर भगवाकरण को नहीं देखा जाना चाहिए।
केरल के उच्च शिक्षा मंत्री आर बिंदू ने इसके लिए रवींद्रन से स्पष्टीकरण मांगा था। बता दें कि केरल छात्र संघ (केएसयू), कांग्रेस की छात्र शाखा ने कन्नूर विश्वविद्यालय में एमएस गोलवलकर, वीर सावरकर और दीनदयाल उपाध्याय की पुस्तकों को पढ़ाई में शामिल करने के लिए एक मार्च निकाला था।
केएसयू कार्यकर्ताओं ने स्नातकोत्तर लोक प्रशासन पाठ्यक्रम के तीसरे सेमेस्टर के लिए पुस्तकों को शामिल करने के लिए वाइस चांसलर गोपीनाथ रवींद्रन को रोका। इससे पहले इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) की छात्र इकाई मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन (एमएसएफ) ने भी अलग मार्च निकाला।