कर्नाटक सरकार ने निजी अस्‍पतालों के 50 फीसद बेड कोविड मरीजों के लिए रिजर्व करने को कहा, लॉकडाउन और परीक्षा को लेकर कही यह बात

लॉकडाउन लागू करने को लेकर कर्नाटक के डिप्टी सीएम ने कहा कि अभी तक सरकार ने इसके बारे में नहीं सोचा है। जीवन और आजीविका दोनों का ध्यान रखना आवश्यक है। यह सवाल नहीं उठना चाहिए और सीएम इस बारे में स्पष्ट विचार रहे हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 12 Apr 2021 05:48 PM (IST) Updated:Mon, 12 Apr 2021 05:48 PM (IST)
कर्नाटक सरकार ने निजी अस्‍पतालों के 50 फीसद बेड कोविड मरीजों के लिए रिजर्व करने को कहा, लॉकडाउन और परीक्षा को लेकर कही यह बात
लॉकडाउन लागू करने को लेकर कर्नाटक के सीएम ने कहा

बेंगलुरू, एएनआइ। कर्नाटक में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण राज्‍य के स्‍वास्‍थ्‍य और मेडिकल शिक्षा मंत्री के सुधाकर ने सोमवार को कहा कि राज्‍य के निजी अस्‍पतालों को आदेश दिया गया है कि वे अपने 50 फीसद बेड कोविड मरीजों के लिए रिजर्व करें। डॉ. सुधाकर ने निजी अस्पतालों और नर्सिंग होम एसोसिएशन (PHANA) के साथ एक वीडियो सम्मेलन में भाग लेने के बाद मीडिया से बात करते हुए कहा कि निजी अस्पतालों को कोविड  रोगियों के लिए 50 प्रतिशत बेड आरक्षित करने के लिए कहा गया है क्योंकि यह पहली लहर के दौरान भी ऐसा किया गया था। 

कोरोना के इलाज के लिए कारगर रेमसेडिविर की उपलब्धता के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा, कई दवा कंपनियों ने रेमसेडिविर का उत्पादन बंद कर दिया है। हमें इस दवा की जरूरत है। निजी अस्पतालों ने शिकायत की है कि यह दवा बाजार में उपलब्ध नहीं है। हम सरकारी दरों पर निजी अस्पतालों को रेमसेडिविर इंजेक्‍शन की आपूर्ति के लिए देश के ड्रग कंट्रोलर जनरल के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे। उन्होंने कहा, हमने पर्याप्त मात्रा में वेंटिलेटर और ऑक्सीजन सुनिश्चित करने के लिए उपाय किए हैं। यदि आवश्यक हो, तो औद्योगिक ऑक्सीजन का उपयोग किया जाएगा।

उन्‍होंने कहा कि तकनीकी सलाहकार समिति ने अगले दो महीनों के लिए स्थिति का मूल्यांकन किया है और आवश्यक कदम उठाने की सलाह दी है। पिछले साल हासिल किए गए अनुभव से हमें कोरोना की दूसरी लहर से लड़ने में मदद मिलेगी। सरकार बहुत अच्छी तरह से जानती है कि लोग आर्थिक रूप से मंदी से पीड़ित हैं। हालांकि, अब तक लॉकडाउन लगाने पर कोई विचार नहीं किया गया है। स्‍वास्‍थ्‍य मंत्री ने कहा कि हमने लगभग 2.2 करोड़ कोविड टेस्‍ट किए हैं, जिनमें से 85 प्रतिशत आरटी पीसीआर (RT-PCR) हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को महामारी को नियंत्रित करने में सहयोग करना चाहिए। हमने यह नहीं कहा है कि लॉकडाउन लगाया जाएगा, लेकिन हम जनता से अपील कर रहे हैं कि लॉकडाउन को अपरिहार्य न बनाएं।

उधर, कर्नाटक के डिप्टी सीएम डा. अश्वत्तनारायण सीएन ने कहा कि आवश्यक चिकित्सा उपचार को बहुत दृढ़ता से संबोधित किया जा रहा है। होम आइसोलेशन में लोगों को आवश्यक दवाओं और पल्स ऑक्सीमेट्री के साथ प्रदान किया गया है। अच्छी संख्या में टेस्‍ट किए जा रहे हैं और बेड भी उपलब्ध हैं।  

लॉकडाउन लागू करने को लेकर कर्नाटक के डिप्टी सीएम ने कहा कि अभी तक सरकार ने इसके बारे में नहीं सोचा है। जीवन और आजीविका दोनों का ध्यान रखना आवश्यक है। यह सवाल नहीं उठना चाहिए और सीएम इस बारे में स्पष्ट विचार रहे हैं। आइए लोगों में डर पैदा न करें। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि अर्थव्यवस्था और आजीविका दोनों ही आगे बढ़ें।  

परीक्षाओं को लेकर उन्‍होंने कहा कि केवल कुछ विषयों की परीक्षा बची है, उन्हें ऑनलाइन आयोजित करना एक चुनौती है। इस शैक्षणिक वर्ष को 3-4 महीने पहले ही स्थगित कर दिया गया है। छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करते हुए पर्याप्त कोविड उपायों के साथ परीक्षा आयोजित की जाएगी। अगले साल ऑनलाइन परीक्षा होगी। 

इस बीच, कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए शनिवार रात से राज्य की राजधानी सहित कर्नाटक के कुछ जिलों में 11 दिवसीय 'कोरोना कर्फ्यू' लागू हो गया है। राज्य सरकार ने बेंगलुरु, मैसूरु, मंगलुरु, कालाबुरागी, बीदर, तुमकुरु, उडुपी मणिपाल शहरों में 10 से 20 अप्रैल तक हर दिन 10 बजे से 5 बजे के बीच नाइट कर्फ्यू की घोषणा की है।  

ज्ञात हो कि भारत में पिछले 24 घंटे में कोविड के 1,68,912 नए मामले आने के बाद कुल पॉजिटिव मामलों की संख्या 1,35,27,717 हो गई है। 904 नई मौतों के बाद कुल मौतों की संख्या 1,70,179 हो गई है। देश में सक्रिय मामलों की कुल संख्या 12,01,009 है और डिस्चार्ज हुए मामलों की कुल संख्या 1,21,56,529 है।

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