पंजाब में जलाए गए PM मोदी के मुखौटा पर भड़के जेपी नड्डा बोले- सब राहुल गांधी के इशारे पर हुआ

राहुल गांधी ने कहा था पूरे पंजाब में पीएम मोदी का पुतला जलाया गया। ये दुखद है कि पंजाब में पीएम के प्रति लोगों का गुस्सा इस स्तर तक पहुंच गया है। इसपर नड्डा ने सीधा राहुल को कसूरवार ठहराया।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Mon, 26 Oct 2020 01:19 PM (IST) Updated:Mon, 26 Oct 2020 01:24 PM (IST)
पंजाब में जलाए गए PM मोदी के मुखौटा पर भड़के जेपी नड्डा बोले- सब राहुल गांधी के इशारे पर हुआ
जेपी नड्डा बोले- सब राहुल गांधी के इशारे पर हुआ।

नई दिल्ली, एजेंसी। पंजाब में कृषि कानूनों को लेकर भारी विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इस बीच दशहरे के मौके पर पंजाब में कई जगहों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले जलाए गए। वहीं, इसको लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी कई सवाल खड़े किए थे। अब इसपर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने उलटा राहुल गांधी को निशाने पर लिया है। नड्डा ने कहा कि पंजाब में ये ड्रामा राहुल गांधी के इशारे पर हुआ है। ये घटना शर्मनाक तो है लेकिन हम ऐसी उम्मीद कर रहे थे।

राहुल गांधी ने ट्वीट करते हुए कहा था कि पूरे पंजाब में पीएम मोदी का पुतला जलाया गया। राहुल ने कहा कि ये दुखद है कि पंजाब में पीएम के प्रति लोगों का गुस्सा इस स्तर तक पहुंच गया है, पीएम मोदी को इन लोगों से बात करनी चाहिए। राहुल ने अपनी ट्वीट के साथ एक कॉपी भी लगाई थी, जिसमें रविवार को पंजाब में कुछ लोगों द्वारा रावण के पुतले में पीएम मोदी का मुखौटा लगाकर जलाया गया था।

This happened all over Punjab yesterday. It’s sad that Punjab is feeling such anger towards PM.

This is a very dangerous precedent and is bad for our country.

PM should reach out, listen and give a healing touch quickly. pic.twitter.com/XvH6f7Vtht— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) October 26, 2020

नड्डा ने जवाब देते हुए कहा कि नेहरू-गांधी खानदान ने कभी भी प्रधानमंत्री पद का आदर नहीं किया है। 2004-2014 के बीच भी ऐसा ही देखने को मिला था जब यूपीए के शासनकाल में पीएम पद को संस्थागत तरीके से कमजोर किया गया था।

उन्होंने आगे कहा, 'अगर कोई एक पार्टी जिसका आचरण घृणा योग्य है, तो वो कांग्रेस है। एससी/एसटी समुदायों पर अत्याचार राजस्थान में हमेशा ज्यादा रहा है, राजस्थान के साथ-साथ पंजाब में भी महिलाएं असुरक्षित हैं और उनके पंजाब के मंत्री छात्रवृत्ति घोटाले कर रहे हैं।'

बता दें कि पंजाब में नए कृषि कानूनों के खिलाफ काफी दिनों से प्रदर्शन हो रहा है। पंजाब की कैप्टन अमरिंदर सिंह सरकार ने केंद्र के कृषि कानूनों को असरहीन करने के लिए राज्य की विधानसभा में चार बिल पास किए हैं। हालांकि, राज्यों के पास सीमित अधिकार हैं। दरअसल इन विधेयकों पर न सिर्फ राष्ट्रपति की मंजूरी चाहिए बल्कि इसके बाद भी केंद्र को अधिकार होगा कि इसी विषय पर नया कानून बनाए या फिर राज्यों के संशोधित कानूनों को निरस्त कर दे।

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