पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल: संयुक्त समिति के समक्ष पेशी से अमेजन का इनकार- मीनाक्षी लेखी
संसद भवन में पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2019 पर संयुक्त समिति की अध्यक्ष मीनाक्षी लेखी ने कहा है कि अमेजन के खिलाफ सरकार द्वारा किसी भी कार्रवाई को समिति का पूरा समर्थन है। दरअसल अमेजन समिति के समक्ष पेश होने से इनकार कर दिया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। पर्सनल डाटा प्रोटेक्शन बिल, 2019 पर संयुक्त समिति की दो बैठक 28 और 29 अक्टूबर को आयोजित की जाएगी। लेकिन संसद भवन में आयोजित होने वाली इस बैठक में 28 को पेश होने से अमेजन ने शुक्रवार को इनकार कर दिया। इसके बाद समिति की अध्यक्ष मीनाक्षी लेखी ने कहा कि अमेजन का यह इनकार विशेषाधिकार का उल्लंघन है और सरकार इसके खिलाफ कार्रवाई करती है तो समिति की ओर से पूरा समर्थन है। समिति की बैठक के बारे में जानकारी लोकसभा सचिवालय की ओर से शुक्रवार को दी गई।
मीनाक्षी लेखी ने जानकारी दिया कि 28 अक्टूबर को समिति के सामने पेश होने से अमेजन ने इनकार कर दिया है। संसदीय समिति की अध्यक्ष ने यह भी कहा कि अमेजन के इस इनकार के बाद उसके खिलाफ सरकार द्वारा किसी भी कार्रवाई में समिति का पूरा समर्थन है। इस बैठक में पेटीएम और गूगल द्वारा मौखिक सबूत पेश किया जाएगा। इसके अलावा सोशल मीडिया की बड़ी कंपनियों फेसबुक और ट्विटर को संसद की संयुक्त समिति ने डाटा की सुरक्षा और प्राइवेसी के मुद्दे पर समन जारी किए हैं।
लोकसभा सचिवालय द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक, फेसबुक इंडिया के प्रतिनिधियों को भी संयुक्त समिति के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। उन्हें पर्सनल डेटा प्रोटेक्शन बिल 2019 पर पेश होना है। भाजपा सांसद मीनाक्षी लेखी की अध्यक्षता में यह समिति बैठक कर रही है। समिति में अलग-अलग राजनीतिक दलों के प्रतिनिधि शामिल हैं और इस बिल पर चर्चा राष्ट्रीय हित की दृष्टि से की जा रही है। ट्विटर के अधिकारियों को 28 अक्टूबर को आयोजित होने वाली मीटिंग में आना होगा।
समिति की अध्यक्ष मीनाक्षी लेखी ने कहा कि जिसकी भी जरूरत होगी, चाहे वह व्यक्ति या कोई इकाई हो, उसे डेटा की सुरक्षा और प्राइवेसी के मुद्दे पर पैनल के सामने पेश होने के लिए कहा जाएगा और उनके सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को पैनल द्वारा पूरी तरह जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि राजनीति की नजर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के समन को देखना अनुचित और गलत होगा। समिति में अलग-अलग राजनीतिक दलों से प्रतिनिधि हैं और बिल पर चर्चाएं राष्ट्रीय हित की दृष्टि से की जा रही हैं।