केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा- आंदोलित छात्रों की नाखुशी जल्द खत्म करे जेएनयू प्रशासन

जेएनयू के छात्रावास फीस सबसे कम सालाना 120 रुपए है जबकि बीएचयू में सालाना 2660 रुपए इलाहाबाद विश्वविद्यालय में सालाना 2500 रुपए है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Fri, 22 Nov 2019 11:45 PM (IST) Updated:Fri, 22 Nov 2019 11:45 PM (IST)
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा- आंदोलित छात्रों की नाखुशी जल्द खत्म करे जेएनयू प्रशासन
केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने कहा- आंदोलित छात्रों की नाखुशी जल्द खत्म करे जेएनयू प्रशासन

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की दखल के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने नरमी दिखाते हुए छात्रावास के तय नियमों सहित फीस में की गई बढ़ोत्तरी को कुछ कम तो कर दिया था, लेकिन इससे छात्रों की नाखुशी खत्म नहीं हुई। केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्रों से चर्चा के लिए गठित उच्च स्तरीय कमेटी को बातचीत कर विवाद तुरंत खत्म करने के लिए कहा है।

फीस वृद्धि को लेकर छात्रों की हड़ताल जारी

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हॉस्टल की फीस वृद्धि को लेकर छात्रों की हड़ताल जारी है। इस बीच, कुलपति प्रो. एम जगदीश कुमार ने फैकल्टी सदस्यों से अपील की कि वे छात्रों को अकादमिक नियमों का पालन कराने के लिए कहें। छात्र कक्षाओं में लौटकर परीक्षा की तैयारी और शोध कार्य करें। शैक्षणिक कार्य में देरी से हजारों छात्रों के भविष्य पर असर पड़ेगा।

12 दिसंबर से विश्वविद्यालय की सेमेस्टर परीक्षा हैं

कुलपति ने सभी शिक्षकों को पत्र लिखकर कहा कि संस्थान के शैक्षणिक मानकों और कैलेंडर को अकादमिक परिषद (एसी) और कार्यकारी परिषद (ईसी) में पास किया गया है, ऐसे में इसका पालन जरूरी है। 12 दिसंबर से 20 दिसंबर के दौरान विश्वविद्यालय की सेमेस्टर परीक्षा होनी है, इससे पहले सत्रीय परीक्षा एवं उपयुक्त परीक्षाओं का आयोजन होना है।

विवि की नरमी पर छात्रों की नाखुशी बरकरार

आंदोलित छात्रों ने पिछले दिनों केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय रमेश पोखरियाल निशंक से हुई वार्ता के दौरान भी इसकी शिकायत की थी।  केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय की दखल के बाद विश्वविद्यालय प्रशासन ने नरमी दिखाते हुए छात्रावास के तय नियमों सहित फीस में की गई बढ़ोत्तरी को कुछ कम तो कर दिया था, लेकिन इससे छात्रों की नाखुशी खत्म नहीं हुई।

छात्रों की मांग- फीस बढ़ोत्तरी पूरी तरह से वापस हो

छात्रों की मांग है कि फीस बढ़ोत्तरी को पूरी तरह से वापस लिया जाए। हालांकि मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार फिलहाल यूटिलिटी चार्ज और सर्विस चार्ज न वसूलने का भी फैसला हो रहा है।

जल्द ही छात्र और प्रशासन के बीच सहमति बन सकती है

इस बीच मंत्रालय की ओर से गठित उच्च स्तरीय कमेटी ने छात्रों के साथ ऐसे सभी विषयों पर विस्तृत चर्चा की है। फिलहाल अब तक की बैठक से जो रूझान सामने आए है, वह सकारात्मक है। माना जा रहा है कि जल्द ही छात्र और प्रशासन के बीच कोई सहमति बन जाएगी। बता दें कि जेएनयू के आंदोलित छात्रों से चर्चा के लिए गठित उच्च स्तरीय कमेटी में यूजीसी के पूर्व अध्यक्ष वी एस चौहान, डा अनिल सहस्त्रबुद्धे और यूजीपी के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन को शामिल किया गया है।

जेएनयू के छात्रावास की फीस सबसे कम

छात्रों की इस मांग के बीच देश के सभी प्रमुख केंद्रीय विश्वविद्यालयों में छात्रावास फीस सहित सर्विस चार्ज और यूटीलिटी चार्ज का एक ब्यौरा भी सामने आया है, जिसमें जेएनयू के छात्रावास फीस सबसे कम सालाना 120 रुपए है, जबकि बीएचयू में सालाना 2660 रुपए, अलीगढ़ मुस्लिम विवि में सालाना 12 सौ रुपए और दिल्ली विवि में सालाना पांच सौ रुपए, इलाहाबाद विवि में सालाना 2500 रुपए है। हालांकि यूटिलिटी चार्ज जिसमें बिजली और पानी शामिल है तथा सर्विस चार्ज जिसमें खाना बनाने वाले कुक का वेतन शामिल है, की बात करें, तो बीएचयू को छोड़कर लगभग सभी विवि में इसे लिया जा रहा है। यह स्थिति तब है कि जब जेएनयू की स्थिति दूसरे केंद्रीय विवि से भी अलग है।

जेएनयू में उच्च शिक्षा हासिल करने वाले 71 फीसद छात्रों को मिल रही छात्रवृत्ति

एक रिपोर्ट के मुताबिक जेएनयू में उच्च शिक्षा हासिल करने वाले ( एमफिल, पीएचडी, नेट आदि) करने वाले करीब 71 फीसद छात्र ऐसे है, जिन्हें छात्रवृत्ति मिल रही है। उन्हें 5000 रुपये से लेकर 35000 हजार रुपये तक महीने की छात्रवृत्ति मिल रही है। दूसरे केंद्रीय विवि और राज्य विवि में यह आंकड़ा औसतन दस फीसद ही है। पर एक बड़ा वर्ग ऐसा भी है जिसे कोई छात्रवृत्ति नहीं मिल रही है।

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