कर्नाटक में सियासी उथल-पुथल के बीच जेडीएस का फरमान, मीडिया से दूर रहें पार्टी के सभी नेता

जेडीएस ने कर्नाटक में चल रहे सियासी हंगामे के बीच पार्टी के सभी नेताओं को मीडिया से दूर रहने की सलाह दी है। उन्होंने प्रवक्ताओं को टीवी डिबेट में हिस्सा लेने के लिए भी मना किया है।

By Neel RajputEdited By: Publish:Sun, 26 May 2019 12:23 PM (IST) Updated:Sun, 26 May 2019 12:43 PM (IST)
कर्नाटक में सियासी उथल-पुथल के बीच जेडीएस का फरमान, मीडिया से दूर रहें पार्टी के सभी नेता
कर्नाटक में सियासी उथल-पुथल के बीच जेडीएस का फरमान, मीडिया से दूर रहें पार्टी के सभी नेता

बेंगलुरु, एएनआइ। कर्नाटक में चल रही सियासी उथल-पुथल के बीच जेडीएस ने अपने प्रवक्ताओं और विधायकों को मीडिया से दूर रहने की हिदायत दी है। पार्टी प्रमुख एमएस नारायणराव ने एक परिपत्र जारी किया है। इसमें पार्टी प्रवक्ताओं और विधायकों को टीवी डिबेट में हिस्सा नहीं लेने या मीडिया को किसी भी तरह को कोई भी बयान देने से बचने की हिदायत दी गई है।

वर्तमान समय में राज्य में कांग्रेस और जेडीएस के गठबंधन की सरकार है। बता दें कि लोकसभा चुनावों के एलान से पहले ही राज्य सरकार में उथल-पुथल शुरू हो गई थी। कुछ दिन पहले ही कांग्रेस नेता रोशन बेग ने गठबंधन को लेकर नाराजगी नजर जताई थी। उन्होंने एग्जिट पोल में यूपीए के पिछड़ने के लिए जेडीएस के नेतृत्व वाली राज्य सरकार को जिम्मेदार माना था। इनके अलावा और भी कई नेता बगावती तेवर दिखाते नजर आए थे।

अब आम चुनावों में पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा और बेटे एचडी कुमारस्वामी के पुत्र निखिल के साथ-साथ वह अपनी सीट भी नहीं बचा पाए। बता दें कि पिछले साल विधानसभा चुनाव में भाजपा सबसे बड़ा दल बनकर उभरने के बावजूद अपनी सरकार बनाने में नाकामयाब रही थी। तब कांग्रेस ने जेडीएस को समर्थन देकर सरकार बनवा दी थी। 

अब लोकसभा चुनाव में राज्य की 28 में से 26 सीटों पर जीत दर्ज कर भाजपा ने अपना हिसाब बराबर कर लिया है। 26 में से 25 सीटें भाजपा को मिली हैं जबकि 1 सीट पर उसके समर्थन से निर्दलीय उम्मीदवार जीता है।पूर्व प्रधानमंत्री एवं जेडीएस अध्यक्ष एचडी देवेगौड़ा को तुमकुर सीट पर और उनके एक पौत्र निखिल को मांड्या सीट पर करारी शिकस्त मिली है। मांड्या से निखिल कुमारस्वामी को हरानेवाली सुमलता अमरीष भाजपा के समर्थन से बतौर निर्दलीय चुनाव मैदान में थीं। देवेगौड़ा के दूसरे पौत्र प्रवल रेवन्ना जरूर अपने दादा की परंपरागत हासन सीट से जीत दर्ज करने में सफल रहे हैं।

 

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