जेटली ने कहा- सरकार एनपीए को लेकर करेगी सरकारी बैंकों के कामकाज की समीक्षा

25 सितंबर को होने वाली इस बैठक में फंसे कर्ज यानी एनपीए कम करने के संबंध में अब तक की प्रगति सहित कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Tue, 18 Sep 2018 08:53 PM (IST) Updated:Tue, 18 Sep 2018 09:02 PM (IST)
जेटली ने कहा- सरकार एनपीए को लेकर करेगी सरकारी बैंकों के कामकाज की समीक्षा
जेटली ने कहा- सरकार एनपीए को लेकर करेगी सरकारी बैंकों के कामकाज की समीक्षा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बैंकिंग क्षेत्र में बड़े सुधारों की दिशा में कदम उठाने के बाद सरकार अब सरकारी बैंकों के कामकाज की समीक्षा करने जा रही है। इसी सिलसिले में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली अगले हफ्ते सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों के प्रमुखों के साथ बैठक करेंगे।

सूत्रों ने कहा कि 25 सितंबर को होने वाली इस बैठक में फंसे कर्ज यानी एनपीए कम करने के संबंध में अब तक की प्रगति सहित कई अन्य मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। साथ ही मुद्रा योजना, प्रधानमंत्री जन धन योजना और अटल पेंशन योजना जैसी सरकारी योजनाओं की समीक्षा भी की जाएगी। यह बैठक ऐसे समय हो रही है जब एक दिन पहले ही सरकार ने तीन सरकारी बैंकों- बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक के एकीकरण की प्रक्रिया शुरु करने की घोषणा की है। जेटली की अध्यक्षता वाले मंत्री समूह ने इन तीनों बैंकों के विलय के संबंध में फैसला किया था।

सूत्रों ने कहा कि इस बैठक में कर्ज में वृद्धि तथा फंसे कर्ज की स्थिति के बारे में भी चर्चा की जाएगी। सरकार ने हाल में कई कार्यकारी और विधायी कदम फंसे कर्ज की वसूली का रास्ता साफ करने के लिए उठाए हैं। ऐसे में बैठक में इस बात पर चर्चा होगी कि ये कदम कितने प्रभावी साबित हुए हैं।

उल्लेखनीय है कि बैंकों ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 36,551 करोड़ रुपये के फंसे कर्ज की वसूली की है जो पिछले साल की समान तिमाही के मुकाबले 49 प्रतिशत अधिक है। वित्त वर्ष 2017-18 में बैंकों ने 74562 करोड़ रुपये की वसूली की थी। हालांकि वित्त वर्ष 2017-18 में बैंकों को भारी भरकम 87,357 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। सबसे ज्यादा घाटा पंजाब नेशनल बैंक को 12,283 करोड़ रुपये का हुआ। पिछले वित्त वर्ष में सिर्फ दो सरकारी बैंकों- इंडियन बैंक और विजया बैंक ने ही लाभ दर्ज किया जबकि शेष 19 बैंकों को घाटा हुआ।

उल्लेखनीय है कि बैंक फंसे कर्ज के संकट का सामना कर रहे हैं। बैंकों के सकल एनपीए का अनुपात मार्च 2018 के अंत में बढ़कर 12.1 प्रतिशत हो गया है। मार्च 2015 के अंत में सकल एनपीए राशि 3.23 लाख करोड़ रुपये थी जो मार्च 2018 के अंत में बढ़कर 10.35 लाख करोड़ रुपये हो गयी है।

बैंकिंग क्षेत्र में सुधारों पर रिपोर्ट कार्ड पेश करेगी सरकार

सरकारी बैंकों को फंसे कर्ज से निकालने और उनका पूंजी आधार मजबूत बनाने के मुद्दे को सरकार आम चुनाव में भुनाने की तैयारी कर रही है। केंद्र अगले साल लोक सभा चुनाव से ठीक पहले बैंकिंग क्षेत्र के सुधारों पर रिपोर्ट कार्ड पेश करेगा। इस रिपोर्ट कार्ड में उन उपायों को ब्यौरा दिया जाएगा जिनके जरिए सरकार ने एनपीए संकट को हल किया गया है।

वित्त मंत्रालय के वित्तीय सेवा विभाग के सचिव राजीव कुमार का कहना है कि सरकार मार्च 2019 में बैंकिंग क्षेत्र के सुधारों पर रिपोर्ट कार्ड पेश करेगी। वहीं इंडियन बैंक्स एसोसिएशन यानी आइबीए ने बैंकों की स्वतंत्र रैंकिंग तैयार करने की दिशा में कदम उठाया है।

सूत्रों ने कहा कि मोदी सरकार ने बीते चार साल में बैंकों को फंसे कर्ज से निकालने और उनका पूंजी आधार मजबूत बनाने के लिए दो दर्जन से अधिक कदम उठाए हैं। सरकार ने बीते चार साल में जो सुधार किए उससे एनपीए में कमी आनी शुरु हो गयी है। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में एनपीए में 21,000 करोड़ रुपये की कमी आयी।

पिछले चार वर्षो में बैंकों ने एनपीए के चलते हुए नुकसान के लिए भारी भरकम 5.88 लाख करोड़ रुपये की प्रॉविजनिंग की है। साथ ही कर्ज वृद्धि दर भी अब जोर पकड़ने लगी है। इस साल अगस्त में कर्ज में 13.5 प्रतिशत वृद्धि हुई है।

बैंकों के फंसे कर्ज को वसूलने के लिए सबसे प्रमुख कदम इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के रूप में उठाया है। इसके अलावा 250 करोड़ रुपये से अधिक के लोन खातों की विशेष निगरानी की जा रही है। वहीं छुपे हुए एनपीए को भी बाहर निकाला गया है। इसके अलावा 50 करोड़ रुपये से अधिक उधार लेने वाले व्यक्ति के पासपोर्ट का ब्यौरा भी लिया जा रहा है।

इसके अलावा भारतीय बैंकों को विश्व स्तरीय बनाने के लिए सरकारी बैंकों को एकीकरण की प्रक्रिया भी शुरु की है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया में उसके सहयोगी बैंकों को विलय हो चुका है। भारतीय महिला बैंक का अधिग्रहण भी एसबीआइ कर चुकी है जबकि बैंक ऑफ बड़ौदा, देना बैंक और विजया बैंक के विलय की घोषणा सरकार ने एक दिन पहले ही की है।

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