Pulwama Terror Attack: भारत ने सऊदी प्रिंस के सामने खोला पाकिस्तान का चिट्ठा

प्रिंस सलमान के साथ द्विपक्षीय बैठक में भारत ने उठाया सीमा पार आतंक का मुद्दा

By Sachin BajpaiEdited By: Publish:Wed, 20 Feb 2019 09:23 PM (IST) Updated:Thu, 21 Feb 2019 12:53 AM (IST)
Pulwama Terror Attack: भारत ने सऊदी प्रिंस के सामने खोला पाकिस्तान का चिट्ठा
Pulwama Terror Attack: भारत ने सऊदी प्रिंस के सामने खोला पाकिस्तान का चिट्ठा

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। भारत और सउदी अरब के बीच बुधवार को हुई शीर्षस्तरीय वार्ता में पाकिस्तान के आतंकी स्वरूप और पुलवामा हमले के मुद्दे पर खासी चर्चा हुई है। देर रात खबर लिखे जाने तक दोनो देशों ने संयुक्त बयान तो जारी नहीं किया है लेकिन भारत का दावा है कि सउदी अरब ने पुलवामा हमले की बेहद कठोर शब्दों में निंदा की है और यह भी कहा कि किसी भी देश को आतंकवाद को पनाह नहीं देनी चाहिए। भारत व सउदी अरब ने पाकिस्तान का नाम लिये बगैर यह कहा है कि दूसरे देशों में आतंक फैलाने वाले आतंकियों को नष्ट किया जाना चाहिए। लेकिन भारत के दो दिनों के दौरे पर आये सउदी अरब के भावी राष्ट्राध्यक्ष प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने सीधे तौर पर ना तो पुलवामा हमले का जिक्र किया और ना ही पाकिस्तान का नाम लिया।

सउदी प्रिंस के भारत आगमन पर प्रोटोकॉल को अलग रख कर पीएम नरेंद्र मोदी ने उनकी हवाई अड्डे पर आगवानी की। बुधवार को उनका राष्ट्रपति भवन में भव्य स्वागत किया गया और राजकीय सम्मान दिया गया। प्रिंस सलमान ने पीएम मोदी को अपना बड़ा भाई बता कर दोनो नेताओं के बीच बनी अलग किस्म की केमिस्ट्री की झलक भी दी। इसके बाद पीएम मोदी के साथ उनकी एकांत में द्विपक्षीय वार्ता हुई और फिर इन दोनो की अगुवाई में आधिकारिक तौर पर बातचीत हुई।

बातचीत के बाद संयुक्त बयान देते हुए पीएम ने पुलवामा हादसे को एक बर्बर आतंकी हमला बताया और कहा कि हम दोनो के बीच यह सहमति बनी कि उन देशों पर दबाव बनाया जाना चाहिए जो आतंकियों को पनाह दे रहे हैं। आतंकियों के ढांचे को नष्ट करना व उन्हें सजा दिलाना बेहद महत्वपूर्ण है। उसके बाद प्रिंस सउदी ने अपने बयान में आतंकवाद व कट्टरवाद को एक साझा चुनौती तो करार दी और इसमें भारत को हर संभव मदद देने का आश्वासन भी दिया लेकिन ना तो पुलवामा हमले का जिक्र किया और ना ही आतंकियों को पनाह देने वाले देश का जिक्र किया।

भारत व सउदी अरब की द्विपक्षीय वार्ता के बारे में विदेश मंत्रालय में सचिव (आर्थिक माामले) टी एस त्रिमूर्ति ने कहा है कि दोनो देशों ने पुलवामा हमले की बेहद कठोर शब्दों में निंदा की है। यह भी सहमति बनी है कि किसी भी देश में आतंकियों को पनाह नहीं मिलनी चाहिए और दूसरे देशों में आतंकी वारदातों को अंजाम देने वाले संगठनों व आतंकियों को नष्ट करने का कदम उठाना चाहिए। सउदी अरब ने संयुक्त राष्ट्र में भारत की तरफ से आतंकियों व इसे पनाह देने वाले देशों पर सख्त कार्रवाई करने संबंधी प्रस्ताव का भी समर्थन किया है।

इसके साथ ही यह भी कहा है कि भारत व पाकिस्तान के बीच हर समस्या का द्विपक्षीय बातचीत से समाधान निकाला जाना चाहिए लेकिन बातचीत के लिए सही माहौल भी बनाना जरुरी है। यह एक तरह से भारत के इस रुख का समर्थन है कि अगर पाकिस्तान आतंक को समर्थन देना बंद करे तभी उसके साथ बातचीत की जाएगी। सउदी अरब ने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी परियोजनाओं को लेकर भी भारत के पक्ष का समर्थन किया है कि यह अंतरराष्ट्रीय तय मानकों के आधार पर आगे बढ़ाया जाना चाहिए और दूसरे देशों की अखंडता का भी ध्यान रखा जाना चाहिए। कहने की जरुरत नहीं कि भारत इस मुद्दे को चीन की गुलाम कश्मीर के एक हिस्से से होते हुए पाकिस्तान तक बनने वाले आर्थिक कैरीडोर के संबंध में उठाता है। सउदी प्रिंस भारत के बाद चीन की यात्रा पर जा रहे हैं। अब देखना होगा कि वह चीन में क्या बोलते हैं।

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