रायसीना डायलॉग में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, देश की वैक्सीन बनाने की क्षमता वैश्विक सहयोग का नतीजा
रायसीना डायलॉग में विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि महामारी से पहले भी भारत सभी को मानवीय सहायता आपदा प्रतिरोध प्रदान करता रहा है। हमने एक व्यावहारिक तरीके से प्रदर्शन किया है हमारा विश्वास है कि दुनिया एक परिवार है।
नई दिल्ली, एएनआइ। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत सरकार के अन्य देशों को कोविड-19 के वैक्सीनों की आपूर्ति कर 'वैक्सीन मैत्री' का बचाव करते हुए कहा कि देश की वैक्सीन बनाने की क्षमता भी अंतरराष्ट्रीय सहयोग का नतीजा है। यह इकतरफा रास्ता नहीं है। रायसीना डायलॉग में मंगलवार को एस.जयशंकर ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय सहयोग इकतरफा नहीं हो सकता है। इसमें हम दूसरों को कुछ देते हैं और बदले में उनसे कुछ लेते भी हैं। मुझे लगता है कि लोगों को यह बात समझने की जरूरत है। विदेश मंत्री ने देश में नोवल कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ने के बीच दूसरे देशों को कोविड-19 वैक्सीन देने का विरोध होने की बीच सरकार की ओर से अहम बयान माना जा रहा है।
भारत ने महामारी से सबक लिया, टीका निर्माता व निर्यातक बना : विजय राघवन
इस बीच, प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन ने कहा कि भारत ने कोविड-19 महामारी से तेजी से सबक लिया और वह न केवल टीका का निर्यातक बना बल्कि उसने इसका विकास भी किया। रायसीना डायलॉग 2021 के एक सत्र को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए राघवन ने कहा कि जब महामारी आई तब निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई), स्वास्थ्य सेवा उपकरण, वेंटीलेटर की भारत में कम आपूíत थी, क्योंकि वैश्विक आपूíत श्रृंखला प्रभावित हो गई थी।
उन्होंने कहा कि हमने तेजी से सबक सीखा और तत्काल दो बातों पर ध्यान दिया। हमने उत्पादन को बढ़ाया। टीके के मोर्चे पर हमने कुछ ऐसा किया जो काफी प्रभावित करने वाला था। इसके अलावा हमने दूसरे स्थानों पर विकसित किए गए टीके का उत्पादन बढ़ाया। हमने अपने यहां टीके भी विकसित किए।
ये तीन बड़े एजेंडे
रायसीना डायलॉग के एजेंडे में नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था, बाधारहित सप्लाई चेन बनाए रखने और चीन की घेराबंदी बढ़ाने पर चर्चा होगी। ऑस्ट्रेलिया के प्रधान मंत्री, स्कॉट मॉरिसन भी बाद के एक सत्र में सम्मेलन में भाग लेंगे। COVID-19 महामारी की असाधारण परिस्थितियों के बीच आयोजकों ने कार्यक्रम को ऑनलाइन आयोजित करने का निर्णय लिया है।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया, 'प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 13 अप्रैल को एक वीडियो संदेश के साथ इस वार्ता का आरंभ करेंगे।' बताया कि रवांडा के राष्ट्रपति पॉल कगामे और डेनमार्क के प्रधानमंत्री मेट्टे फ्रेडरिक्सन रायसीना संवाद में मुख्य अतिथि के तौर पर हिस्सा लेंगे। ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मरीसे पायने और फ्रांस के विदेश मंत्री जीन वेस ली ड्रायन भी रायसीना डायलॉग में हिस्सा लेंगे। कई अन्य अधिकारी भी इसमें मौजूद रहेंगे। पुर्तगाल, स्लोवेनिया, रोमानिया, सिंगापुर, नाइजीरिया, जापान, इटली, स्वीडन, ऑस्ट्रेलिया, केन्या, चिली, मालदीव, ईरान, कतर और भूटान के विदेश मंत्री भी इसमें भाग लेंगे।
50 सत्र में 150 वक्ता शामिल होंगे
2021 संस्करण में 50 सत्र होंगे, जिसमें 50 देशों और बहुपक्षीय संगठनों के 150 वक्ता शामिल होंगे। 80 से अधिक देशों से 2000 से अधिक उपस्थित लोगों ने पूर्व-पंजीकृत किया है और बड़ी संख्या में प्रतिभागियों को विभिन्न सामाजिक मीडिया प्लेटफार्मों के माध्यम से संवाद में शामिल होने की संभावना है।