क्वाड को लेकर चिंतित चीन को भारत और आस्ट्रेलिया की दो-टूक, कहा- गठबंधन को लेकर गलतबयानी ना करें
रह रह कर क्वाड पर टीका-टिप्पणी करने वाले चीन को शनिवार को भारत और आस्ट्रेलिया ने खरी-खरी सुना डाली कि उसे इस गठबंधन को लेकर गलबयानी नहीं करनी चाहिए। भारत ने कहा कि नाटो अब अतीत की बात हो चुका है।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। रह रह कर क्वाड पर टीका-टिप्पणी करने वाले चीन को शनिवार को भारत और आस्ट्रेलिया ने खरी-खरी सुना डाली कि उसे इस गठबंधन को लेकर गलबयानी नहीं करनी चाहिए। भारत के विदेश मंत्री एस.जयशंकर ने तो दो टूक यह सीख दे डाली है कि क्वाड ही भविष्य है जबकि आस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री मेरिस पायने ने क्वाड को एक रचनात्मक गठबंधन करार दिया है जो ऐसी वैश्विक व्यवस्था बनाने की कोशिश कर रहा है जो सभी के लिए सही हो।
क्वाड के सदस्यों देशों की बैठक
भारत और आस्ट्रेलिया की यह बात इसलिए महत्वपूर्ण है कि दो हफ्तों के भीतर ही क्वाड के चारों देशों के प्रमुखों की पहली आमने सामने बैठक होने की तैयारी चल रही है। आस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पायने ने कहा कि क्वाड एक रचनात्मक कूटनीतिक कदम है और ऐसी समग्र व सभी को साथ ले कर चलने वाली दुनिया बनाने की भी कोशिश है जिसमें हम सब रहना पसंद करते हैं। कहने की जरूरत नहीं कि पायने ने किस देश की तरफ संकेत किया है।
ये दिग्गज होंगे शामिल
उल्लेखनीय है क्वाड चार देशों भारत अमेरिका, जापान व आस्ट्रेलिया का संगठन है। क्वाड के राष्ट्र प्रमुखों की पहली बैठक मार्च, 2021 में वर्चुअल तरीके से हुई थी। अब 24 सितंबर, 2021 को अमेरिका में होनी है। बैठक में राष्ट्रपति जो बाइडन, जापान के पीएम योशीहिदे सुगा, आस्ट्रेलिया के पीएम स्काट मारीसन और पीएम नरेंद्र मोदी हिस्सा लेंगे। बैठक की तैयारियों को लेकर शनिवार को भारत और आस्ट्रेलिया के बीच हुई टू प्लस टू वार्ता में भी चर्चा हुई है।
विश्व की भलाई के लिए हुुए एकजुट
बैठक के बाद संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में यह सवाल पूछा गया था कि चीन ने क्वाड की तुलना नाटो (नार्थ एटलांटिक ट्रीटी आर्गनाइजेशन- सोवियत संघ के खिलाफ अमेरिका के नेतृत्व में गठित 30 देशों का संगठन) से की है... इस पर जयशंकर ने कहा कि क्वाड के सदस्य देश आपसी मदद और विश्व की भलाई के लिए एक साथ हुए हैं। नाटो शीतयुद्ध काल की व्यवस्था है जो खत्म हो चुका है। क्वाड भविष्य की तरफ देखता है।
इसलिए खास है क्वाड
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि क्याड यह बताता है कि देशों को किन परिस्थितियों में आपस में सहयोग करना पड़ता है। मुझे नहीं लगता है कि इस संगठन की तुलना नाटो या किसी दूसरे संगठन से की जा सकती है। मेरे ख्याल से यह जरूरी है कि जो सच्चाई है उसके बारे में गलतबयानी न की जाए।
एजेंडा बिल्कुल साफ
आस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पायने ने कहा कि क्वाड दूसरे कई क्षेत्रीय या दूसरे वैश्विक संगठनों की तरह ही है। क्वाड के सदस्यों के लिए आसियान (दक्षिण पूर्वी एशियाइ देशों का क्षेत्रीय सहयोग संगठन) केंद्र में है। हम हिंद प्रशांत क्षेत्र में आसियान के दृष्टिकोण को लागू करना चाहते हैं। साथ ही हमारा काफी साफ एजेंडा है। हम वैक्सीन, पर्यावरण के लिए महत्वपूर्ण तकनीक व कोविड महामारी को लेकर कुछ बेहद खतरनाक सूचनाओं के प्रसार पर रोक लगाने में आपसी सहयोग कर रहे हैं।