UN के वर्चुअल संवाद में पीएम मोदी ने कहा, 2030 तक 2.6 करोड़ एकड़ बंजर जमीन का होगा पुनरोद्धार
संयुक्त राष्ट्र के वर्चुअल संवाद में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हम 2030 तक 26 मिलियन हेक्टेयर खराब भूमि को बहाल करने की दिशा में भी काम कर रहे हैं। यह 2.5-3 बिलियन टन CO2 के बराबर अतिरिक्त कार्बन सिंक को प्राप्त करने की भारत की प्रतिबद्धता में योगदान देगा।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत सरकार वर्ष 2030 तक 2.6 करोड़ एकड़ बंजर जमीन का पुनरोद्धार करने की योजना पर काम कर रही है। इस काम से भारत पर्यावरण में तीन अरब टन कार्बन उत्सर्जन को रोकने में मदद करेगा। पीएम मोदी सोमवार को संयुक्त राष्ट्र में मरुस्थलीकरण, सूखा व भूमिक्षरण विषय पर आयोजित उच्च स्तरीय संवाद को संबोधित करते हुए यह जानकारी दी।
पीएम ने कहा- भूमि को नुकसान से बचाना मानवता की सामूहिक जिम्मेदारी
उन्होंने विश्व के सभी देशों से आग्रह किया कि भूमि व पर्यावरण को नुकसान से बचाने के लिए पूरी मानवता को सामूहिक तौर पर जिम्मेदारी उठानी होगी और भूमि पर बढ़ते दबाव को कम करना होगा। मोदी ने कहा, 'हमारे सामने बहुत सारा काम है लेकिन यह किया जा सकता है। साथ मिल कर यह काम हो सकता है।' मोदी ने कहा कि भारत हमेशा से भूमि को अहमियत देता रहा है और भूमि को माता का दर्जा दिया जाता है। भारत ने हमेशा से इस मामले में अंतरराष्ट्रीय फोरम में अग्रणी भूमिका निभाई है।
स्थानीय तकनीक की मदद से भूमिक्षरण रोकने पर खास जोर
भारत ने पिछले दस वर्षों में 30 लाख हेक्टेयर अतिरिक्त जमीन पर वन क्षेत्र लगाया है। इससे देश के वन क्षेत्र में एक चौथाई फीसद की वृद्धि हुई है। इसके साथ ही भारत सरकार भूमिक्षरण को रोकने के लिए भी राष्ट्रीय प्रतिबद्धता से काम कर रहा है। उन्होंने गुजरात के कच्छ क्षेत्र में भूमिक्षरण रोकने और वन लगाने की योजना के सकारात्मक असर के बारे में भी बताया। इससे वहां के लोगों के जीवन पर भी सकारात्मक असर पड़ा है।
पीएम मोदी ने स्थानीय तकनीक की मदद से भूमिक्षरण रोकने पर खास जोर दिया। भूमिक्षरण को विकासशील देशों के लिए खास तौर पर चुनौतीपूर्ण बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत दूसरे विकासशील देशों को इस काम में मदद कर रहा है। अपने भाषण के अंत में उन्होंने कहा कि अपने भावी पीढ़ी को एक स्वस्थ विश्व देना हम सभी का पावन कर्तव्य है।