नए संसद भवन के निर्माण व सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के पुनर्विकास पर कितना होगा खर्च और कब तक होंगे तैयार? लोकसभा में दी गई जानकारी

कौशल किशोर लोकसभा में बोलेअब तक इन 2 परियोजनाओं पर नए संसद भवन के लिए 238 करोड़ रुपये और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के पुनर्विकास के लिए 63 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए इन 2 परियोजनाओं पर होने वाली अनुमानित लागत 1289 करोड़ रुपये है।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 04:06 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 04:06 PM (IST)
नए संसद भवन के निर्माण व सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के पुनर्विकास पर कितना होगा खर्च और कब तक होंगे तैयार? लोकसभा में दी गई जानकारी
नए संसद भवन के निर्माण व सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के पुनर्विकास पर कितना होगा खर्च और कब तक होंगे तैयार?

नई दिल्ली, एएनआइ। केंद्रीय विस्टा पर लोकसभा में आवास और शहरी मामलों के राज्य मंत्री कौशल किशोर ने कहा कि सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास / विकास मास्टर प्लान के तहत, केवल 2 परियोजनाएं - नए संसद भवन का निर्माण और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का पुनर्विकास, आज की तारीख में लागू किया जा रहा है। इसके बारे में उन्होंने विवरण दिया। उन्होंने बताया, '971 करोड़ रुपये के अनुमान पर नए संसद भवन का निर्माण किया जा रहा है और अक्टूबर 2022 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। 608 करोड़ रुपये के अनुमान पर सेंट्रल विस्टा एवेन्यू का पुनर्विकास किया जा रहा है और इसे नवंबर 2021 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।'

कौशल किशोर ने लोकसभा में बताया, 'अब तक, इन 2 परियोजनाओं पर नए संसद भवन के लिए 238 करोड़ रुपये और सेंट्रल विस्टा एवेन्यू के पुनर्विकास के लिए 63 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं। वित्त वर्ष 2021-22 के लिए इन 2 परियोजनाओं पर होने वाली अनुमानित लागत 1,289 करोड़ रुपये है।' वहीं, उन्होंने बताया कि मौजूदा ढांचों को गिराने की अनुमानित लागत की गणना अलग से नहीं की गई है।

बता दें कि पुराना संसद भवन अब और बोझ ढोने को तैयार नहीं है। समझा जाए तो पर्दे के पीछे सभी दल सहमत दिखेंगे। नए संसद भवन निर्माण को लेकर देश की राजनीति गर्म है, इसे रोकने के चौतरफा प्रयास हो रहे हैं। लेकिन शायद इन्हें अहसास नहीं कि भव्य दिखने वाला संसद भवन अपनी आयु से लगभग 25-30 वर्ष ज्यादा जी चुका है। अगले पांच साल के बाद होने वाले परिसीमन और उसके कारण सांसदों की बढ़ने वाली संख्या को बिठाने के लिए स्थान की बात फिलहाल भूली भी जाए तो भी यह भवन भार ढोने के लिए तैयार नहीं है। वर्ष 2012 में ही सीपीडब्लूडी के चीफ इंजीनियर ने बता दिया था कि अब सेस्मिक जोन-4 में आ चुके दिल्ली में भूकंप संसद भवन के लिए सुरक्षित नहीं है।

यह मानने में गुरेज नहीं होना चाहिए कि राजनीतिक कारणों से भले ही नए संसद भवन का विरोध हो रहा हो लेकिन सुरक्षा और संवैधानिक आधार पर पर्दे के पीछे सभी दल इससे सहमत ही दिखेंगे। खुद संसद के अंदर कई बार भवन की सुरक्षा का सवाल उठ चुका है।

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