असम के नए मुख्यमंत्री बने हिमंत विश्व शर्मा, उल्फा को दिया शांति के लिए बातचीत का प्रस्ताव

Himanta Biswa Sarma oath असम के नए मुख्यमंत्री के तौर पर आज हिमंत विश्व शर्मा ने पद की शपथ ली। शर्मा के असम का मुख्यमंत्री चुने जाने के साथ ही कांग्रेस से बाहर जाकर मुख्यमंत्री बनने वाले नेताओं के आंकड़ों में इजाफा हो गया है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Mon, 10 May 2021 09:53 AM (IST) Updated:Mon, 10 May 2021 02:46 PM (IST)
असम के नए मुख्यमंत्री बने हिमंत विश्व शर्मा, उल्फा को दिया शांति के लिए बातचीत का प्रस्ताव
हिमंत विश्व शर्मा ने ली असम के मुख्यमंत्री पद की शपथ

नई दिल्ली, एजेंसी। असम के नए मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को राज्य की कमान संभालने के बाद सबसे पहले उल्फा के कमांडर इन चीफ परेश बरुआ से शांति वार्ता का आग्रह किया। भाजपा नेता और पूर्वोत्तर लोकतांत्रिक गठबंधन के संयोजक हिमंत विश्व शर्मा को आज मुख्यमंत्री पद की शपथ राज्यपाल जगदीश मुखी ने दिलाई। शपथ ग्रहण कार्यक्रम में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी.नड्डा भी मौजूद रहे। उन्होंने रविवार को राज्यपाल जगदीश चंद्र मुखी से मुलाकात कर सरकार बनाने का दावा पेश किया था।  

नए मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद उन्होंने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल के जरिए खुशी जाहिर की। साथ ही इस मौके पर मिली शुभकामनाओं और बधाइयों के लिए शुक्रिया व आभार प्रकट किया।

With blessings & grace of people of Assam, I took over as Chief Minister of the state today.

Taking Assam to greater heights of prosperity and making it as among the leading states, pursuing the ideals and values of Adarniya Pradhan Mantri Sri @narendramodi, is our pledge. pic.twitter.com/fhJERouAVL

— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) May 10, 2021

2015 में छोड़ा था कांग्रेस का दामन

असम में भाजपा के नया चमकता सितारा बन चुके हिमंत विश्व शर्मा को कांग्रेस छोड़े हुए अभी छह साल भी नहीं हुए और वह राज्य के मुख्यमंत्री बनने जा रहे हैं। हिमंत विश्व शर्मा के असम का मुख्यमंत्री चुने जाने के साथ ही कांग्रेस से बाहर जाकर मुख्यमंत्री बनने वाले नेताओं के आंकड़ों में इजाफा हो गया है।  अब देश में नौ गैर-कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्री कांग्रेस की सियासी पृष्ठभूमि से होंगे। पूर्वोत्तर के सात में से अब पांच राज्यों के मुख्यमंत्री पुराने कांग्रेसी हो जाएंगे। अभी जिन पांच राज्यों में चुनाव हुए हैं उनमें से तीन प्रदेशों के मुख्यमंत्रियों ने अपना सियासी सफर कांग्रेस से शुरू किया था। 

सोनोवाल को बताया मार्गदर्शक

सबसे पहले हिमंत को भाजपा विधायक दल और फिर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) विधायक दल का नेता चुना गया। नेता चुने जाने के बाद सरमा ने अपने पूर्ववर्ती सर्बानंद सोनोवाल के कार्यकाल को बेदाग और भ्रष्टाचार मुक्त बताते हुए कहा कि वह उनके मार्गदर्शक बने रहेंगे। वहीं, सोनोवाल ने उन्हें अपना छोटा भाई बताते हुए कहा कि वह राज्य को और ऊंचाईयों पर पहुंचाएंगे।

व्यक्त किया आभार

हिमंत विश्व शर्मा ने यह मौका देने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के प्रति आभार भी व्यक्त किया। हिमंत के नाम का प्रस्ताव खुद सोनोवाल ने किया और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष रंजीत कुमार दास व नवनिर्वाचित विधायक नंदिता गर्लोसा ने उसका अनुमोदन किया। बता दें कि वर्तमान राजग सरकार राज्य में ऐसी पहली गैर-कांग्रेसी सरकार है जिसने लगातार दूसरी बार चुनाव जीता है।

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