Ayodhya Case : अयोध्‍या जमीन विवाद में सुनवाई पूरी, मुस्लिम पक्ष के वकील ने नक्‍शे को अदालत में फाड़ा

Ayodhya land dispute case अयोध्‍या जमीन विवाद मामले में सुनवाई पूरी हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Wed, 16 Oct 2019 10:32 AM (IST) Updated:Wed, 16 Oct 2019 08:07 PM (IST)
Ayodhya Case : अयोध्‍या जमीन विवाद में सुनवाई पूरी, मुस्लिम पक्ष के वकील ने नक्‍शे को अदालत में फाड़ा
Ayodhya Case : अयोध्‍या जमीन विवाद में सुनवाई पूरी, मुस्लिम पक्ष के वकील ने नक्‍शे को अदालत में फाड़ा

नई दिल्‍ली, एजेंसी/ब्‍यूरो। Ayodhya land dispute case अयोध्‍या जमीन विवाद मामले में सुनवाई पूरी हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने लिखित दस्तावेजों को जमा करने के लिए सभी पक्षों को तीन दिनों का समय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी करने के लिए आज शाम 5 बजे तक का समय लिया था, लेकिन यह एक घंटे पहले ही पूरी कर ली गई है। आज सुनवाई की शुरुआत से ही तीखी दलीलें दी गई। मौका दिए जाने पर अखिल भारतीय हिंदू महासभा की ओर से दलील देनी शुरू की गईं, तो अदालत का माहौल गर्म था। हिंदू महासभा के वकील विकास सिंह की ओर से अदालत में किताब दी गई जिस पर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कड़ी आपत्ति जताई। उन्होंने विकास सिंह की ओर से दिए गए नक्‍शे को भी फाड़ दिया। इस पर मुख्‍य न्‍यायाधीश रंजन गोगोई ने सख्‍त ऐतराज जताया।

Ayodhya land dispute case Update-

- हिंदू महासभा के वकील ने वरुण सिन्‍हा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया है कि 23 दिनों के भीतर इस केस में निर्णय आ जाएगा।

- सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी करने के लिए आज शाम 5 बजे तक का समय लिया था, लेकिन यह एक घंटे पहले ही पूरी कर ली गई है।

- अयोध्‍या जमीन विवाद मामले में सुनवाई पूरी हो गई है। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुरक्षित रख लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई पूरी करने के लिए आज शाम 5 बजे तक का समय लिया था, लेकिन यह एक घंटे पहले ही पूरी कर ली गई है।

- अयोध्या मामले की सुनवाई की कवरेज के सिलसिले में न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (एनबीएस) ने एक एडवाइजरी जारी की है, जिसमें कहा गया है- 1. कोर्ट की कार्यवाही पर किसी भी तरह की अटकलबाजी न की जाए। 2. सुनवाई के तथ्यों पर ही खबर की जाए। 3. किसी भी तरह की मस्जिद को गिराने की फुटेज का इस्तेमाल न की जाए। 4. कोर्ट की सुनवाई को लेकर किसी प्रकार के उत्‍सव को टेलीकास्‍ट न किया जाए। 5. मामले में किसी भी तरह की डिबेट में अतिवादी विचारों को न दिखाया जाए।

- राजीव धवन द्वारा फाड़े गए नक्‍शे के पब्‍लि‍शर कुणाल किशोर ने कहा कि धवन बुद्धिजीवी हैं। यदि उन्‍हें नक्‍शे पर कोई आपत्त‍ि थी तो उन्‍हें इस पर तभी एतराज जताना था, जब इसे दाखिल किया गया था। 

Kunal Kishore, publisher of map that was handed over to Advocate Dhavan: He is an intellectual, he thought if this map is presented before the court his case will become non-existent. If he had objections he could have said that in the time that was given to him. #AyodhyaCase https://t.co/zO5tqnBpkg" rel="nofollow pic.twitter.com/sx2iF9gnll — ANI (@ANI) October 16, 2019

- मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने कहा कि अखिल भारतीय हिंदू महासभा की दलीलों में विभ‍िन्‍नताएं हैं। 

Senior advocate Dr Rajiv Dhavan appearing for one of the Muslim parties in #AyodhyaCase in Supreme Court says, Hindu Mahasabha has variations in their submissions in the case. https://t.co/kuUJPLx1CK" rel="nofollow — ANI (@ANI) October 16, 2019

- ऑल इंडिया बाबरी मस्जिद कमेटी (All India Babri Masjid Action Committee) के संयोजक जफरयाब जिलानी ने सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा अपील वापस लिए जाने की अफवाहों पर कहा कि मुझे सुन्नी वक्फ बोर्ड द्वारा अपील वापस लेने की कोई जानकारी नहीं है।

All India Babri Masjid Action Committee (AIBMAC) convener Zafaryab Jilani: I have no information on withdrawal of appeal by Sunni Waqf Board. (file pic) #AyodhyaCase pic.twitter.com/EzxgW0fZIM — ANI (@ANI) October 16, 2019

- समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने अखिल भारतीय हिंदू महासभा के अधिवक्‍ता द्वारा सौंपे गए कागजात और नक्‍शे को अदालत में फाड़ दिया। 

- मामले में अखिल भारतीय हिंदू महासभा के वकील की दलील के बाद सीजेआई रंजन गोगोई ने नाराजगी जताते हुए कहा कि यदि इसी तरह बहस और दलीलें चलती रही तो हम कोर्ट के बाहर चले जाएंगे। 

Ayodhya Ram Temple-Babri Masjid land case: The lawyer of All India Hindu Mahasabha says, with great respect to the Court, I have not disturbed the decorum of the Court. https://t.co/7nUT7tKowO" rel="nofollow — ANI (@ANI) October 16, 2019

- मुस्लिम पक्ष के वकील ने शीर्ष अदालत में कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट का फैसला मानेंगे।

- CJI रंजन गोगोई ने मामले में एक पक्ष हिंदू महासभा के हस्तक्षेप के आवेदन को खारिज करते हुए कहा कि यह मामला आज शाम पांच बजे तक खत्म हो जाएगा। अब बहुत हुआ...

Chief Justice of India (CJI) Ranjan Gogoi while dismissing intervention application of one of the parties Hindu Maha Sabha in #Ayodhya land case: This matter is going to be over by 5 pm today. Enough is enough. https://t.co/wOxgLGEoWB" rel="nofollow— ANI (@ANI) October 16, 2019

- राम जन्मभूमि मामले में 40वें दिन की सुनवाई शुरू हो गई है। मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि सुनवाई आज शाम पांच बजे तक पूरी हो। 

#Ayodhya राम जन्मभूमि मामले में शुरू हुई 40वें दिन की सुनवाई । मुख्य न्यायाधीश ने कहा आज शाम 5बजे पूरी हो जाएगी सुनवाई।@JagranNews— Mala Dixit (@mdixitjagran) October 16, 2019

चार या पांच नवंबर को आ सकता है फैसला 

इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने साल 2010 में अपने फैसले में 2.77 एकड़ विवादित भूमि को तीन पक्षकारों-सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और राम लला- के बीच बराबर बराबर बांटने का आदेश दिया था, जिसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट हाईकोर्ट के उक्‍त आदेश के खिलाफ 14 अपीलों पर सुनवाई की। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, इस मामले में चार या पांच नवंबर को फैसला आ सकता है। 

यूपी में 30 नवंबर तक अधिकारियों की छुट्टियां रद, अयोध्‍या में धारा-144

अयोध्या भूमि विवाद पर सुप्रीम कोर्ट से जल्‍द फैसला आने की संभावना और आने वाले त्‍यौहारों पर सुरक्षा चिंताओं को देखते हुए प्रशासन ने अयोध्‍या में दस दिसंबर तक धारा 144 लागू कर दी है। समाचार एजेंसी एएनआइ के मुताबिक, उत्तर प्रदेश में फील्‍ड में तैनात पुलिस एवं प्रशासन के सभी अधिकारियों की छुट्टियां 30 नवंबर तक रद कर दी गई हैं। यही नहीं अधिकारियों को अपने मुख्‍यालयों में बने रहने के निर्देश जारी किए गए हैं। 

ऐतिहासिक भूल सुधारने का वक्‍त 

मंगलवार को हिंदू पक्षकार के वकील के. परासरन ने अपनी दलील में मस्जिद बनाए जाने को ऐतिहासिक भूल करार दिया था। उन्होंने कहा था कि मुगल शासक बाबर ने करीब 433 साल पहले अयोध्या में भगवान राम के जन्म स्थान पर मस्जिद का निर्माण कराया था जो कि ‘ऐतिहासिक भूल’ थी। आज उसे सुधारने की जरूरत है। उन्‍होंने यह भी कहा कि भारत एक सभ्य देश है जिसने कभी किसी दूसरे मुल्‍क पर हमला नहीं किया। 

दूसरी मस्जिद में हो सकती है नमाज 

हिंदू पक्ष के वकील के.परासरन ने कल अपनी दलीलों में कहा था कि अयोध्या में इस स्‍थान के अलावा कुल 50 से लेकर 80 मस्जिदें हैं। मुसलमान कहीं भी नमाज पढ़ सकते हैं, लेकिन हिंदुओं के लिए यह भगवान राम का जन्मस्थान है और इसको नहीं बदला जा सकता है। अयोध्या में मस्जिदों की संख्या बताने पर मुस्लिम पक्ष के वकील राजीव धवन ने सवाल किया कि वहां मंदिर कितने हैं यह भी बता दीजिए। इस पर परासरन ने कहा कि यह भी जनसंख्या के हिसाब से है।

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