जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने इटली पहुंचे पीएम मोदी, जानें बैठक में किन मुद्दों को उठाएगा भारत
जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी इटली पहुंच चुके हैं। भारत जी-20 शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के साथ सीमा पार आतंकवाद आतंकी फंडिंग और आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों से संबंधित मुद्दों को उठाएगा।
नई दिल्ली, जेएनएन। जी-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी इटली के रोम पहुंच गए हैं। वह इटली के प्रधानमंत्री मारियो ड्रैगी के निमंत्रण पर 30-31 अक्टूबर तक होने वाले 16वें जी-20 शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी गुरुवार देर रात इटली और ब्रिटेन की पांच दिवसीय यात्रा पर रवाना हुए। वह इटली में 29 से 31 अक्टूबर तक रहेंगे। रोम में वह दुनिया में आर्थिक तौर पर सबसे समृद्ध शीर्ष 20 देशों के संगठन जी-20 के राष्ट्राध्यक्षों की बैठक को संबोधित करेंगे। इसके बाद मोदी ब्रिटेन के शहर ग्लासगो जाएंगे जहां एक से दो नवंबर को जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के तत्वावधान में आयोजित बैठक काप-26 में हिस्सा लेंगे।
#WATCH | PM Narendra Modi arrives in Rome, Italy. He will participate in the 16th G-20 Summit here from October 30-31 at the invitation of Italian Prime Minister Mario Draghi.
The PM will also hold a meeting with Italian PM Mario Draghi. pic.twitter.com/uq1rRC8e9Y
— ANI (@ANI) October 29, 2021
कई द्वीपक्षीय बैठकों में भाग लेंगे पीएम मोदी
अगले पांच दिनों के दौरान पीएम कई बहुराष्ट्रीय समारोहों व आयोजनों में हिस्सा लेने के साथ ही वेटिकन में पोप फ्रांसिस, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन, इटली के पीएम मोरियो द्रागी, ब्रिटेन के पीएम बोरिस जानसन, आस्ट्रेलिया के पीएम स्काट मारीसन सहित कई राष्ट्र प्रमुखों के साथ द्विपक्षीय बैठक भी करेंगे।
इन मुद्दों पर होगी चर्चा
विदेश यात्रा पर रवाना होने से पहले जारी बयान में पीएम मोदी ने कहा कि जी-20 की बैठक में सदस्य देशों के नेताओं के साथ कोरोना महामारी के बाद आर्थिक व स्वास्थ्य रिकवरी पर चर्चा होगी। विश्व की मौजूदा व्यवस्था के साथ ही महामारी के बाद जी-20 देश किस तरह से फिर से वैश्विक अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में मदद कर सकते हैं, इस पर भी चर्चा होगी। कोरोना काल के बाद इस समूह के देशों के प्रमुखों की यह पहली आमने-सामने की बैठक होगी।
आतंकवाद का मसला भी उठा सकता है भारत
विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने गुरुवार को बताया कि भारत जी-20 शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के साथ सीमा पार आतंकवाद, आतंकी फंडिंग और आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों से संबंधित मुद्दों को उठाएगा। उन्होंने कहा कि मौजूदा वक्त में आतंकी फंडिंग और आतंकवाद की गतिविधियों का दुनिया पर प्रभाव पड़ रहा है जिसकी ओर भारत वैश्विक नेताओं का ध्यान आकर्षित कर सकता है।
पर्यावरण सुरक्षा के मुद्दे पर रखेंगे अपनी बात
दौरे पर रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने ट्वीट कर कहा कि एक-दो नवंबर, 2021 को काप-26 की बैठक में दुनिया के 120 देशों के प्रमुखों के साथ पर्यावरण सुरक्षा के अहम मुद्दों पर चर्चा होगी। वह पर्यावरण सुरक्षा के लिए भारत सरकार की तरफ से उठाये जाने वाले तमाम कदमों की जानकारी देंगे।
इन मुद्दों पर भी होगी चर्चा
विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने बताया कि जी-20 शिखर सम्मेलन में वैश्विक स्वास्थ्य ढांचा और आर्थिक सुधार जैसे मुद्दों पर भी चर्चा होगी। सम्मेलन से कोविड-19 महामारी से मुकाबले समेत दुनिया के सामने आने वाली चुनौतियों को लेकर ठोस नतीजे निकल सकते हैं। उन्होंने कहा कि जी-20 का मंच भारत के लिए दुनिया की महत्वपूर्ण अर्थव्यवस्थाओं के साथ सम्पर्क करने का महत्वपूर्ण मंच है।
वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड करेंगे लांच
इस दौरे के बारे में विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने बताया कि ग्लासगो में पीएम मोदी ब्रिटिश पीएम जानसन की अध्यक्षता में कुछ चयनित शीर्ष नेताओं की विशेष बैठक में हिस्सा लेंगे। बाद में वह ब्रिटेन व आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्रियों और दूसरे शीर्ष नेताओं के साथ मिलकर वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड (ओएसओडब्लूओजी) लांच करेंगे।
सभी ग्रिड को एक साथ जोड़ना है मकसद
'वन सन, वन वर्ल्ड, वन ग्रिड' अंतरराष्ट्रीय सोलर एलायंस के तहत होगा। इसका मकसद दुनिया में सोलर एनर्जी से चलने वाले सभी ग्रिड को एक साथ जोड़ना है। यह बहुत ही महत्वाकांक्षी योजना होगी। पीएम मोदी छोटे द्वीप देशों में ढांचागत सुविधाओं को बेहतर बनाने को लेकर एक खास अभियान को भी लांच करेंगे। जी-20 देशों की बैठक के बाद जारी होने वाले संयुक्त बयान को दुनिया के भावी आर्थिक एजेंडे के तौर पर देखा जा रहा है।
पर्यावरण के लिए बढ़चढ़ कर भागीदारी निभा रहा भारत
भारत आज अपारंपरिक ऊर्जा स्रोतों के तहत सबसे ज्यादा बिजली क्षमता स्थापित करने वाला देश बन गया है। भारत एक नये तरह का रिकार्ड बना रहा है। असलियत में भारत इस समूह का इकलौता देश है, जो पर्यावरण सुरक्षा से जुड़े लक्ष्यों को समय रहते हासिल कर रहा है। पिछले छह से सात वर्षों में भारत ने विंड, सोलर व दूसरे स्त्रोतों से बनने वाली बिजली की क्षमता में 250 प्रतिशत का इजाफा किया है।
12 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली रोम यात्रा
वहीं इटली में भारतीय राजदूत डॉ नीना मल्होत्रा ने बताया कि पदभार ग्रहण करने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की यह पहली रोम यात्रा होगी। यही नहीं लगभग 12 वर्षों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की रोम की यह पहली यात्रा होगी। उन्होंने कहा कि भारत-इटली के बीच संबंधों को पिछले कुछ वर्षों में काफी बढ़ावा मिला है। इस साल जनवरी-जुलाई के बीच द्विपक्षीय व्यापार में लगभग 36 फीसद की वृद्धि देखी गई है। कोरोना के बावजूद भारत में इटली द्वारा निवेश में वृद्धि हुई है। भारत में लगभग 700 कंपनियां इटली की हैं। साथ ही 100 से अधिक भारतीय कंपनियां इटली में मौजूद हैं।