नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में 70 संगठन हुए एकजुट, गुवाहाटी में प्रदर्शन जारी

गुवाहाटी में नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में करीब 70 संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ये संगठन जनता भवन के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं।

By Vikas JangraEdited By: Publish:Fri, 16 Nov 2018 11:09 AM (IST) Updated:Fri, 16 Nov 2018 11:09 AM (IST)
नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में 70 संगठन हुए एकजुट, गुवाहाटी में प्रदर्शन जारी
नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में 70 संगठन हुए एकजुट, गुवाहाटी में प्रदर्शन जारी

नई दिल्ली, जेएनएन। गुवाहाटी में नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में करीब 70 संगठन विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। ये संगठन जनता भवन के सामने प्रदर्शन कर रहे हैं। बता दें कि केंद्र सरकार ने साल 2016 में नागरिकता बिल में संशोधन कर दिया था।

बता दें कि छह दशक पुराने नागरिकता अधिनियम में संशोधन के लिए लाए गए विवादास्पद विधेयक पर शीतकालीन सत्र में संयुक्त संसदीय समिति की रिपोर्ट पेश किए जाने की संभावना है। संयुक्त संसदीय समिति इस विवादित विधेयक की जांच कर रही है। इस विधेयक का असम एवं पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में जोरदार विरोध हो रहा है। असम में इससे पहले 46 संगठन बंद और विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं। 

इसीलिए हो रहा है पूर्वोत्तर में विरोध

पूर्वोत्तर में बड़े पैमाने पर लोग और संगठन इसका विरोध कर रहे हैं। उनक कहना है कि इससे 1985 के असम समझौते के प्रावधान निष्प्रभावी हो जाएंगे। इस समझौते में सभी गैरकानूनी आव्रजकों को वापस भेजने के लिए 24 मार्च 1971 की तारीख निर्धारित की गई है। ऐसे लोगों का धर्म भले जो भी हो।

क्या है संशोधन विधेयक में

लोकसभा में नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन के लिए नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2016 पेश किया गया था। अन्य बातों के अलावा संशोधन विधेयक में अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई को भारत की नागरिकता प्रदान करना शामिल है। ऐसे लोगों को 12 साल की जगह छह वर्ष भारत में रहने के आधार पर नागरिकता दी जाएगी। भले ही ऐसे लोगों के पास कोई उचित दस्तावेज हो या नहीं।

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