दो हजार के नोटों की छपाई में आई कमी लेकिन रोकने पर अभी फैसला नहीं, सरकार ने संसद में जानकारी दी
सरकार ने संसद में कहा है कि 2000 रुपये के नोट की छपाई बहुत कम हो चुकी है लेकिन इनकी छपाई रोकने को लेकर कोई फैसला अब तक नहीं लिया गया है।
नई दिल्ली, एजेंसियां। 2000 रुपये के नोट की छपाई बहुत कम हो चुकी है, लेकिन इनकी छपाई रोकने को लेकर कोई फैसला अब तक सरकार ने नहीं लिया है। केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर में लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। अनुराग ठाकुर ने कहा कि मांग को देखते हुए सभी नोट की उपलब्धता में संतुलन रखने के लिए रिजर्व बैंक से विमर्श के बाद किसी नोट की छपाई पर सरकार फैसला करती है। 31 मार्च, 2019 को सर्कुलेशन में 2000 रुपये के नोटों की संख्या 329.10 करोड़ थी, जो 31 मार्च, 2020 को घटकर 273.98 करोड़ रुपये हो गई थी।
बंगाल में गरीब कल्याण रोजगार योजना लागू नहीं
लोकसभा में एक अन्य प्रश्न के उत्तर में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जानकारी दी कि बंगाल की ओर से अपने घर-गांव लौटे प्रवासी मजदूरों से संबंधित कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं कराए जाने के कारण वहां गरीब कल्याण रोजगार योजना लागू नहीं की जा सकी। प्रवासी मजदूरों के लिए 20 जून को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह योजना लांच की थी।
कंपनी कानून में संशोधन का विधेयक पारित
लोकसभा ने शनिवार को कंपनी कानून में संशोधन से संबंधित एक विधेयक पारित कर दिया। इस संशोधन का मकसद ईज ऑफ डूइंग बिजनेस को बढ़ावा देने और कई तरह के कानून उल्लंघनों को अपराध के दायरे से बाहर करना है। सरकार कंपनी कानून में संशोधन के माध्यम से भारतीय कंपनियों को विदेश में सीधी सूचीबद्धता के मौके मुहैया कराना चाहती है। इसके साथ ही कॉरपोरेट सामाजिक दायित्व यानी सीएसआर अनुपालन नियमों को आसान बनाने और नेशनल कंपनी लॉ अपीलेट ट्रिब्यूनल (एनक्लैट) की कुछ अलग पीठ गठित करने के लिए भी कंपनी कानून में कुछ संशोधन जरूरी थे।
कांग्रेस ने लोकसभा में दिया स्थगन प्रस्ताव का नोटिस
लोकसभा में कांग्रेस के चीफ व्हिप के. सुरेश ने देश में कोरोना के बढ़ते मामलों पर शनिवार को स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया। कांग्रेस नेता ने केंद्र सरकार से ऐसे लोगों के परिजनों को मुआवजा उपलब्ध कराने की भी मांग की जिनकी कोरोना संक्रमण की वजह से मौत हो गई है। इसके अलावा उन्होंने निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे मरीजों का शुल्क भी न्यूनतम करने की मांग की।