असम-मिजोरम खूनी संघर्ष पर सरकार बोली- आपसी सहयोग से ही सुलझेगा अंतरराज्यीय सीमा विवाद, हम सिर्फ सूत्रधार
लोकसभा में एक लिखित बयान केंद्र सरकार ने कहा कि अंतरराज्यीय विवादों को संबंधित राज्य सरकारों के सहयोग से ही सुलझाया जा सकता है और केंद्र सरकार विवाद के समाधान के लिए केवल एक सूत्रधार के रूप में कार्य करती है।
नई दिल्ली, पीटीआइ। असम और मिजोरम के बीच सीमा विवाद को लेकर हुए खुनी संघर्ष पर केंद्र सरकार ने संसद में कहा कि अंतरराज्यीय सीमा विवादों को इसमें शामिल राज्य सरकारों के सहयोग से ही सुलझाया जा सकता है और केंद्र ऐसे मामलों में सिर्फ एक सुविधाकर्ता के रूप में काम करता है।
गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने देश में राज्यों के बीच सीमा विवादों के निवारण में केंद्र सरकार की भूमिका पर एक सवाल के जवाब में लोकसभा में एक लिखित बयान में यह बात कही। राय ने कहा, 'केंद्र सरकार का दृष्टिकोण लगातार यह रहा है कि अंतरराज्यीय विवादों को संबंधित राज्य सरकारों के सहयोग से ही सुलझाया जा सकता है और केंद्र सरकार आपसी समझ की भावना से विवाद के सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए केवल एक सूत्रधार के रूप में कार्य करती है।
उन्होंने देश में कम से कम सात ऐसे विवादों का हवाला दिया जिनमें से चार में असम शामिल है। उपलब्ध जानकारी के अनुसार, हरियाणा-हिमाचल प्रदेश, केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख-हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र-कर्नाटक, असम-अरुणाचल प्रदेश, असम-नागालैंड, असम-मेघालय और असम-मिजोरम के बीच के क्षेत्रों पर सीमाओं और दावों और प्रति-दावों के सीमांकन से उत्पन्न होने वाले सीमा विवाद हैं। मंत्री ने कहा कि कुछ विवादित क्षेत्रों से कभी-कभी विरोध प्रदर्शन और हिंसा की घटनाएं सामने आती हैं।
अधिकारियों ने कहा कि सोमवार को दो पूर्वोत्तर राज्यों के बीच सीमा विवाद देखते देखते एक खूनी संघर्ष में बदल गया। मिजोरम के साथ राज्य की संवैधानिक सीमा की रक्षा करते हुए असम पुलिस के कम से कम पांच कर्मियों की मौत हो गई। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पहले दावा किया था कि झड़पों के दौरान कार्रवाई में छह पुलिसकर्मी मारे गए थे। असम सरकार के एक बयान ने आधी रात से ठीक पहले इस आंकड़े को संशोधित किया और कहा कि राज्य के पांच पुलिस कर्मियों की मौत हो गई और बल के 50 से अधिक लोग घायल हो गए।