VIDEO: राफेल का फर्स्‍ट लुक आया सामने, जानिए- राहुल ने कब-कब इस मुद्दे पर मुंह की खाई

संसद के मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि भारत और फ्रांस सरकार के बीच हुए करार में गोपनीयता की कोई शर्त नहीं है।

By Tilak RajEdited By: Publish:Wed, 14 Nov 2018 09:45 AM (IST) Updated:Wed, 14 Nov 2018 09:55 AM (IST)
VIDEO: राफेल का फर्स्‍ट लुक आया सामने, जानिए- राहुल ने कब-कब इस मुद्दे पर मुंह की खाई
VIDEO: राफेल का फर्स्‍ट लुक आया सामने, जानिए- राहुल ने कब-कब इस मुद्दे पर मुंह की खाई

नई दिल्‍ली, जेएनएन। भारत को मिलने वाले राफेल लड़ाकू विमान ने फ्रांस में पहली उड़ान भरी है। मंगलवार को फ्रांस के इस्त्रे-ले-ट्यूब एयरबेस पर भारतीय वायुसेना को मिलने वाले राफेल लड़ाकू विमान के बेड़े में से पहले विमान का परीक्षण किया गया है। विमान को रनवे पर उतारा गया और उसके विभिन्न परीक्षण किए गए।

राफेल सौदे में गड़बड़ी के आरोप लगा रहे राहुल को दासौ के सीईओ का करारा जवाब

इधर, राफेल विमान सौदे पर आरोप-प्रत्यारोप के बीच अब फ्रांसीसी कंपनी दासौ के सीईओ एरिक ट्रैपियर ने मोर्चा संभाला है। समाचार एजेंसी एएनआइ को दिए एक साक्षात्कार में उन्होंने सौदे से जुड़े हर पहलू पर बात की। विमान की कीमत से लेकर हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) से सौदा टूटने और रिलायंस डिफेंस से करार होने के कारणों पर भी उन्होंने प्रकाश डाला। कीमत को लेकर कांग्रेस के आरोपों पर उन्होंने बताया कि भारत को इस सौदे में विमान पहले के मुकाबले नौ फीसद सस्ता मिल रहा है।

उन्होंने कहा, ‘नए सौदे में 36 विमानों की कीमत पुराने सौदे के 18 फ्लाईअवे (उड़ने के लिए तैयार) विमानों जितनी ही है। सीधे तौर पर सौदे की राशि दोगुनी हो जानी चाहिए थी, लेकिन सरकार से सरकार के बीच हुए करार के चलते हमने कीमत में नौ फीसद की कटौती की है। भारत को विमान कम कीमत पर मिल रहे हैं।’ कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा खुद को झूठा कहे जाने पर भी ट्रैपियर ने जवाब दिया। उन्होंने कहा, ‘मैं झूठ नहीं बोलता। मेरी जगह इस पद पर आप भी होते, तो झूठ नहीं बोल पाते।’

राहुल ने कब-कब मुंह की खाई

-संसद के मानसून सत्र में अविश्वास प्रस्ताव के दौरान राहुल गांधी ने कहा था कि भारत और फ्रांस सरकार के बीच हुए करार में गोपनीयता की कोई शर्त नहीं है। उन्होंने दावा किया था यह बात फ्रांस दौरे पर खुद वहां के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उन्हें बताई थी। हालांकि जिस वक्त राहुल संसद में यह दावा कर रहे थे उसी समय फ्रांस की सरकार ने उनके दावे का खंडन कर दिया था।

-सौदे में रिलायंस के शामिल होने को लेकर राहुल ने फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान का हवाला देकर प्रधानमंत्री पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि मोदी ने खुद रिलायंस का नाम सौदे में शामिल करने का दबाव बनाया था। हालांकि राहुल के बयान के अगले ही दिन ओलांद ने उनके दावे का खंडन कर दिया था।

बेहद शक्तिशाली है राफेल

-राफेल विमान एक बार में करीब 26 टन वजन के साथ उड़ान भरने में सक्षम है।

-यह विमान 3,700 किलोमीटर के रेडियस में कहीं भी हमला कर सकता है।

-राफेल 36 हजार से 60 हजार फीट की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है और यहां तक महज एक मिनट में पहुंच सकता है।

-एक बार ईंधन भरने पर यह लगातार 10 घंटे की उड़ान भर सकता है।

-राफेल पर लगी गन एक मिनट में 125 फायर करने में सक्षम है।

ये लगे हैं आरोप 

एनडीए सरकार पर राफेल सौदे को लेकर विपक्षियों ने आरोप लगाया है कि हर विमान को करीब 1,670 करोड़ रुपये में खरीद रही है, जबकि यूपीए सरकार जब 126 राफेल विमानों की खरीद के लिए बातचीत कर रही थी तो उसने इसे 526 करोड़ रुपये में अंतिम रूप दिया था। सुप्रीम कोर्ट में दो वकीलों एमएल शर्मा और विनीत ढांडा के अलावा एक गैर सरकारी संस्था ने जनहित याचिकाएं दाखिल कर सौदे पर सवाल उठाए हैं।

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