Farmers Protest : कांग्रेस का आरोप, केंद्र सरकार ने बैठक कर किसानों की आंखों में झोंकी धूल
कांग्रेस पार्टी शुरूआत से कृषि कानून के खिलाफ है और समय समय पर इसके विरोध में कई बार विरोध प्रदर्शन भी कर चुकी है। अब देश में चल रहे किसान प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस एक बार फिर से इस कानून के विरोध में उतर आई है।
नई दिल्ली, एएनआइ। मंगलवार को केंद्र सरकार के साथ हुई किसानों की बैठक को लेकर कांग्रेस पार्टी ने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा है कि सरकार ने किसान संगठनों के साथ इस मीटिंग की आड़ में धोखा किया है। उन्होंने कहा कि उनको लगता था कि सरकार मीटिंग के जरिए किसानों की पुकार सुनेगी और तीन कृषि विरोधी कानूनों को खत्म करने का एलान करेगी, लेकिन सरकार ने उनकी आंखों में धूल झोंकने का काम किया है।
क्या पीएम और बीजेपी पार्टी की सरकार बताएगी कि 3 खेती विरोधी कानूनों पर विचार करने के लिए कानून बनाने से पहले ये कमेटी क्यों नहीं बनाई गई। मोदी सरकार ने ये काले कानून चोर दरवाज़े से अध्यादेश बनाकर क्यों लेकर आई: रणदीप सिंह सुरजेवाला, कांग्रेस https://t.co/fHVgsZcN0c" rel="nofollow— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 2, 2020
बता दें कि कांग्रेस पार्टी शुरूआत से कृषि कानून के खिलाफ है और समय समय पर इसके विरोध में कई बार विरोध प्रदर्शन भी कर चुकी है। अब देश में चल रहे किसान प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस एक बार फिर से इस कानून के विरोध में उतर आई है। कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, 'क्या पीएम और बीजेपी पार्टी की सरकार बताएगी कि तीन खेती विरोधी कानूनों पर विचार करने के लिए कानून बनाने से पहले ये कमेटी क्यों नहीं बनाई गई। मोदी सरकार ये काले कानून चार दरवाजे से अध्यादेश बनाकर क्यों लेकर आई।
उन्होंने आगे कहा, 'कल जब किसान संगठनों को बातचीत के लिए बुलाया गया तो हम सबको उम्मीद थी कि मोदी सरकार किसानों की पुकार सुनेगी और तीन कृषि विरोधी कानूनों को खत्म करने की घोषणा करेगी, लेकिन कृषि मंत्री ने विशेष कमेटी का जुमला पेशकर किसानों की आंखों में धूल झोंकने का काम किया है।'
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, 'जब कांग्रेस और विपक्षी दलों ने देश की संसद में इन कानूनों का विरोध किया था और इन्हें संसद की विशेष समिति में भेजने की मांग रखी थी तो मोदी सरकार ने उस मांग को क्यों नहीं माना। क्या जो काम विशेष कमेटी करेगी वो संसद की विशेष समिति को नहीं करना चाहिए था।'