भारत में राफेल पर सियासी घमासान, फ्रांस में वायुसेना उपाध्यक्ष ने भरी उड़ान

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि लड़ाकू विमान की क्षमता को परखने के लिए वायुसेना उपाध्यक्ष चार दिन पहले ही पेरिस पहुंच गए थे।

By Manish NegiEdited By: Publish:Fri, 21 Sep 2018 09:24 AM (IST) Updated:Fri, 21 Sep 2018 10:43 AM (IST)
भारत में राफेल पर सियासी घमासान, फ्रांस में वायुसेना उपाध्यक्ष ने भरी उड़ान
भारत में राफेल पर सियासी घमासान, फ्रांस में वायुसेना उपाध्यक्ष ने भरी उड़ान

नई दिल्ली, प्रेट्र। वायुसेना उपाध्यक्ष एयर मार्शल रघुनाथ नांबियार ने गुरुवार को फ्रांस में दासौ एविएशन द्वारा भारत के लिए निर्मित पहला राफेल लड़ाकू विमान उड़ाकर उसकी क्षमता को परखा।

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि लड़ाकू विमान की क्षमता को परखने के लिए वायुसेना उपाध्यक्ष चार दिन पहले ही पेरिस पहुंच गए थे। वह फ्रांस में दासौ एविएशन द्वारा भारत के लिए बनाए जा रहे लड़ाकू विमानों की प्रगति का जायजा भी ले रहे हैं। भारत को इन विमानों की आपूर्ति अगले साल सितंबर से शुरू होनी है। ये विमान कई तरह के शक्तिशाली हथियारों और मिसाइलों को ले जाने में सक्षम हैं।

भारतीय वायुसेना की एक टीम दासौ एविएशन की मदद के लिए पहले से ही फ्रांस में है ताकि भारत की जरूरत के मुताबिक इन विमानों में वायु और हथियार प्रणालियां लगाई जा सकें।

राफेल पर 10 अक्टूबर को सुनवाई

सुप्रीम कोर्ट में भारत-फ्रांस के बीच हुए राफेल लड़ाकू विमान सौदे पर रोक लगाने की याचिका पर 10 अक्टूबर को सुनवाई होगी। राफेल विमान सौदे से जुड़े मामले की सुनवाई मनोनीत चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुआई वाली बेंच करेगी। याचिका में कहा गया है कि दूसरे देशों के मुकाबले भारत को ये विमान बहुत ऊंची कीमत में बेचने का सौदा हुआ है। ऐसे में सरकार ने देश के खजाने को नुकसान और अपने चहेतों और उनकी कंपनियों के हितों को लाभ पहुंचाया है। याचिका में विमानों के सौदे को लेकर किए गए करार को रद करने की मांग की गई है।कांग्रेस पार्टी लगातार इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेर रही है। संसद से लेकर सड़क तक इस मुद्दे पर कांग्रेस ने रक्षा मंत्री से सवाल किए हैं।

chat bot
आपका साथी