राष्ट्रपति कोविंद के पास हरसिमरत कौर की अगुवाई में पहुंचा विपक्षी सांसदों का दल, रखी ये मांग

संसद के मानसून सत्र की शुरुआत के साथ ही विपक्ष किसान व पेगासस मुद्दों पर चर्चा की मांग कर रही है जिसके कारण अब तक कुछ ही घंटों का काम दोनों सदनों में हो सका है। आज राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से इसके लिए हरसिमरत कौर ने मिलकर अपील की है।

By Monika MinalEdited By: Publish:Sat, 31 Jul 2021 04:52 PM (IST) Updated:Sat, 31 Jul 2021 04:52 PM (IST)
राष्ट्रपति कोविंद के पास हरसिमरत कौर की अगुवाई में पहुंचा विपक्षी सांसदों का दल, रखी ये मांग
किसानों व पेगासस मुद्दों पर चर्चा के लिए राष्ट्रपति कोविंद के पास पहुंची विपक्ष

नई दिल्ली, एएनआइ। कृषि कानूनों और पेगासस जासूसी प्रकरण पर हो रहे हंगामे के कारण संसद के मानसून सत्र की कार्यवाही अनेकों बार स्थगित हो चुकी है। इसपर चर्चा के लिए शिरोमणि अकाली दल (SAD) की नेता हरसिमरत कौर बादल की अगुवाई में बहुजन समाज पार्टी (BSP), नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (NCP) और जम्मू कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (JKNC) ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (Ram Nath Kovind) से राष्ट्रपति भवन में शनिवार को मुलाकात की और मामले में हस्तक्षेप की अपील की है। 

प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति से अपील की है कि वो केंद्र को निर्देश दें ताकि संसद में विपक्ष  पेगासस व कृषि कानूनों पर चर्चा कर  सके। हरसिमरत कौर बादल ने कहा, 'दो सप्ताह से विपक्ष की ओर से केंद्र सरकार के पास दो मांगें रखी जा रहीं हैं जिनपर बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा है।' पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के नेतृत्व में विपक्ष के नेताओं ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि विपक्ष पेगासस जासूसी प्रकरण, कृषि कानून से संबंधित मुद्दों पर चर्चा चाहती है लेकिन केंद्र इसमें बाधा डाल रही है।

राष्ट्रपति कोविंद से मामले में हस्तक्षेप की मांग करतेे हुए विपक्षी दलों के प्रतिनिधिमंडल ने एक ज्ञापन सौंपा। इसपर शिरोमणि अकाली दल, भाकपा, माकपा, एनसीपी, नेशनल कॉन्फ्रेंस, बसपा और आरएलपी के नेताओं ने हस्ताक्षर किए। बता दें कि इस विपक्ष के प्रतिनिधिमंडल में तृणमूल कांग्रेस, कांग्रेस, और डीएमके का कोई नेता शामिल नहीं हुआ। और न ही इन पार्टियों के नेताओं ने प्रतिनिधिमंडल की मांगों को अपना समर्थन दिया।

हरसिमरत कौर बादल ने बताया कि संसद के बाहर लोगों की आवाज को दबाया जा रहा है। उन्होंने किसानों के मुद्दे को उठाते हुए कहा,'आप इससे अवगत होंगे कि पिछले साल से किसानों के साथ क्या हो रहा है और अब निर्वाचित प्रतिनिधियों की आवाज को भी कुचला जा रहा है। हम आपसे केंद्र पर दबाव बनाने की अपील करते हैं।'

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