राफेल सौदे में रक्षा मंत्री ने ठुकराई जेपीसी की मांग, देश को गुमराह कर रही कांग्रेस

कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट से तथ्य छुपाने और देश को गुमराह करने के आरोप सरकार पर लगा रही है।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 17 Dec 2018 10:21 PM (IST) Updated:Tue, 18 Dec 2018 12:09 AM (IST)
राफेल सौदे में रक्षा मंत्री ने ठुकराई जेपीसी की मांग, देश को गुमराह कर रही कांग्रेस
राफेल सौदे में रक्षा मंत्री ने ठुकराई जेपीसी की मांग, देश को गुमराह कर रही कांग्रेस

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राफेल सौदा मामले में सुप्रीम कोर्ट से आए फैसले के बाद विपक्ष की ओर से लगातार उठ रही संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच की मांग को रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने खारिज कर दिया है। रक्षा मंत्री ने कांग्रेस पर देश को जानबूझकर गुमराह करने का आरोप लगाते हुए साफ किया कि इस पूरे मामले में सभी तरह के नियमों का पालन किया गया है। इसमें किसी प्रकार की अनियमितताओं का सवाल ही पैदा नही होता।

राफेल सौदे को लेकर कांग्रेस लगातार सरकार पर हमलावर है। लिहाजा, पलटवार करने के लिए भाजपा ने सोमवार को पूरी तैयारी के साथ देश के 70 शहरों से कांग्रेस पर निशाना साधा। इसके लिए भाजपा ने अपने मुख्यमंत्रियों, केंद्रीय मंत्रियों समेत अपने प्रमुख नेताओं को देश के तमाम शहरों में उतारा। इन शहरों से सुप्रीम कोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए कांग्रेस पर आरोप जड़ा गया कि वह केवल राजनीतिक स्वार्थ लिए देश और सेना को भी अपमानित करने से नहीं चूक रही।

अभियान के तहत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुवाहाटी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने हैदराबाद, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने भुवनेश्वर तो रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने मुंबई से कांग्रेस पर हमला बोला।

इस दौरान रक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार ने नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) को राफेल की कीमत से जुड़ी हर जानकारी पहले ही मुहैया करा दी है। संसदीय प्रणाली के तहत कैग पहले इसे देखता है और इसके बाद ही यह रिपोर्ट संसदीय समिति के पास जाती है। संसदीय समिति द्वारा देखने के बाद इसे सार्वजनिक किया जा सकता है। यह एक पूरी प्रक्रिया है जिसकी शुरुआत कर दी गई है।

सीतारमण के अनुसार, कोर्ट को दिए अपने हलफनामे में सभी तरह के आंकड़ों और जानकारियों को उपलब्ध कराया गया है। सरकार कोर्ट से अनुरोध करेगी कि वह उसे एक बार फिर देखे।

सीतारमण ने आक्रामक तेवर अपनाते हुए विपक्ष की जेपीसी की मांग पर ही सवाल उठा दिए। उन्होंने कहा कि राजनीतिक रूप से विभाजित जेपीसी पहले से ही एक मामले को देखने में व्यस्त है जो सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी देखा जा रहा है। रक्षा मंत्री के अनुसार जिस मामले में सुप्रीम कोर्ट का ही फैसला आ चुका हो, उसमें ज्यादा कुछ रह नही जाता। वहीं, अलग-अलग राजनीतिक विचारधारा वाली जेपीसी से कुछ उम्मीद करना उचित नहीं है।

मालूम हो कि एक ओर जहां सरकार सुप्रीम कोर्ट के फैसले को अपनी जीत बता रही है, वहीं कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट से तथ्य छुपाने और देश को गुमराह करने के आरोप सरकार पर लगा रही है।

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