3,300 करोड़ के रक्षा सौदों को मंजूरी, मेक इन इंडिया के तहत होगा निर्माण

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर प्रणाली को डिजाइन और विकसित करेगा।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Mon, 21 Oct 2019 09:33 PM (IST) Updated:Mon, 21 Oct 2019 09:33 PM (IST)
3,300 करोड़ के रक्षा सौदों को मंजूरी, मेक इन इंडिया के तहत होगा निर्माण
3,300 करोड़ के रक्षा सौदों को मंजूरी, मेक इन इंडिया के तहत होगा निर्माण

नई दिल्ली, एएनआइ। रक्षा मंत्रालय (Defence Ministry) ने सोमवार को भारतीय सेना (Indian Army) के लिए 3,300 करोड़ रुपये से अधिक के रक्षा सौदों को मंजूरी दे दी है। इसके तहत मेड इन इंडिया एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलें (Anti-Tank Missiles) शामिल है, जो दुश्मन के टैंकों को नेस्तनाबूत करने में सक्षम हैं।

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (Defence Acquisition Council) की बैठक हुई। इस बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मेक इन इंडिया के अनुरूप भारत में निजी कंपनियों द्वारा रक्षा उपकरणों के डिजाइन, विकास और निर्माण के लिए तीन परियोजनाओं को मंजूरी दी गई।

इन परियोजनाओं के तहत तीसरी पीढ़ी के एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल (ATGM), टी-72 और टी-90 टैंकों के लिए सहायक विद्युत इकाइयों (Auxiliary Power Units) का निर्माण शामिल है। तीसरी परियोजना में पहाड़ और ऊंचाई वाले इलाकों के लिए इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर (Electronic Warfare) प्रणालियों को लगाना है।

सरकार ने कहा कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर प्रणाली को डिजाइन और विकसित करेगा। इसके सीथ ही डीआरजीओ इसके उत्पादन में भागीदार भी होगा। तीसरी पीढ़ी के एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइल युद्ध के समय में सुरक्षाबलों को आगे बढ़ने में मदद करेंगे।

एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, मेक- II श्रेणी के तहत दोनों परियोजनाओं को आगे बढ़ाया जाएगा और निजी क्षेत्र में स्वदेशी अनुसंधान और विकास को बढ़ावा मिलेगा। रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि पहली बार भारतीय निजी उद्योग द्वारा जटिल सैन्य उपकरणों को डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जाएगा।

बता दें कि पिछले महीने रक्षा अधिग्रहण परिषद ने दुश्मन के कवच को भेदने में सक्षम टी-72 और टी-90 टैंक के लिए विशेष गोला बारूद के उत्पादन सहित लगभग 2,000 करोड़ रुपये की खरीद के प्रस्तावों को मंजूरी दी है।

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