Rajnath Singh Announcement: रक्षा क्षेत्र में आत्‍मनिर्भर बनेगा भारत, देश में बनेंगे 101 उपकरण; पढ़ें पूरी लिस्ट

Rajnath Singh Announcement आत्‍मनिर्भर भारत अभियान के तहत 101 रक्षा उपकरणों के आयात पर रोक लगाने का ऐलान किया गया है।

By Manish PandeyEdited By: Publish:Sun, 09 Aug 2020 09:21 AM (IST) Updated:Sun, 09 Aug 2020 02:43 PM (IST)
Rajnath Singh Announcement: रक्षा क्षेत्र में आत्‍मनिर्भर बनेगा भारत, देश में बनेंगे 101 उपकरण; पढ़ें पूरी लिस्ट
Rajnath Singh Announcement: रक्षा क्षेत्र में आत्‍मनिर्भर बनेगा भारत, देश में बनेंगे 101 उपकरण; पढ़ें पूरी लिस्ट

नई दिल्ली, एएनआइ। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आत्‍मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए कई बड़े ऐलान किए हैं।  रक्षा मंत्रालय 101 से ज्यादा वस्तुओं की लिस्ट तैयार की है, जिनके आयात पर प्रतिबंध लगाया जाएगा। इस लिस्ट में कुछ उच्च तकनीक वाले हथियार सिस्टम भी शामिल हैं। आयात पर प्रतिबंध को 2020 से 2024 के बीच धीरे-धीरे लागू करने की योजना है।

रक्षा मंत्री ने बताया कि रक्षा क्षेत्र में घरेलू उत्‍पादन को बढ़ावा देने के लिए बनाई गई इस लिस्ट को सेना, पब्लिक और प्राइवेट इंडस्‍ट्री से चर्चा के बाद तैयार की गई है। उन्होंने बताया कि इन 101 वस्तुओं में सिर्फ आसान वस्तुएं ही शामिल नहीं हैं बल्कि कुछ उच्च तकनीक वाले हथियार सिस्टम भी हैं जैसे आर्टिलरी गन, असॉल्ट राइफलें, ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, LCHs, रडार और कई अन्य आइटम हैं जो हमारी रक्षा सेवाओं की जरूरतों को पूरा करने के लिए हैं। इन 101 उत्पादों की लिस्‍ट में आर्मर्ड फाइटिंग व्‍हीकल्‍स भी शामिल हैं।

Ministry of Defence (MoD) is now ready for a big push to Atmanirbhar Bharat initiative. MoD will introduce import embargo on 101 items beyond given timeline to boost indigenisation of defence production: Defence Minister Rajnath Singh (file pic) pic.twitter.com/iq7ivDQcbg

— ANI (@ANI) August 9, 2020

राजनाथ सिंह के मुताबिक, ऐसे उत्‍पादों की करीब 260 योजनाओं के लिए तीनों सेनाओं ने अप्रैल 2015 से अगस्‍त 2020 के बीच लगभग साढ़े तीन लाख करोड़ रुपये के कॉन्‍ट्रैक्‍ट्स दिए थे। अगले 6 से 7 सालों में घरेलू इंडस्‍ट्री को लगभग 4 लाख करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह फैसला भारतीय रक्षा उद्योग को अपने स्वयं के डिजाइन और विकास क्षमताओं का उपयोग करके सशस्त्र बलों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए एक अवसर प्रदान करेगा

बता दें कि रक्षा मंत्री ने यह घोषणा ऐसे वक्त की है जब वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच तनाव जारी है। शनिवार को एक बार फिर दोनों देशों के बीच हुई सैन्य स्तरीय वार्ता बेनतीजा रही। जानकारी के मुताबिक मुताबिक देपसांग और पैंगोग त्सो के पास एलएसी को लेकर बना मतभेद बरकरार है। उधर, भारतीय सेना पहले से ही पूरी सतर्कता बरत रही है। समूचे वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत सभी रणनीतिक स्थलों पर अपने सैनिकों की संख्या लगातार ब़़ढा रहा है। वायु सेना भी पूरी तरह से मुस्तैद है ताकि किसी भी स्थिति का सामना किया जा सके।

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