Delhi Violence: शीर्ष स्तर पर हुआ डोभाल को दिल्ली के दंगाग्रस्त इलाके में भेजने का फैसला

गृहमंत्री अमित शाह द्वारा दिल्ली के सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक के बाद भी स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रहा था।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Wed, 26 Feb 2020 09:56 PM (IST) Updated:Thu, 27 Feb 2020 07:26 AM (IST)
Delhi Violence: शीर्ष स्तर पर हुआ डोभाल को दिल्ली के दंगाग्रस्त इलाके में भेजने का फैसला
Delhi Violence: शीर्ष स्तर पर हुआ डोभाल को दिल्ली के दंगाग्रस्त इलाके में भेजने का फैसला

नीलू रंजन, नई दिल्ली। सरकार में शीर्ष स्तर पर काफी सोच-विचार के बाद दिल्ली में हालात को काबू करने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल को उतारने का फैसला किया गया। दिल्ली में जारी हिंसा के हालात पर लंबी चर्चा के बाद खुद गृहमंत्री अमित शाह ने आधी रात को अजीत डोभाल को हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा कर हालात में काबू करने को कहा। इसके पहले डोभाल की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ इस मुद्दे पर विचार-विमर्श कर चुके थे। बुधवार को डोभाल ने सुरक्षा से संबंधित मंत्रिमंडलीय समिति को ताजा हालात की जानकारी दी।

दिल्ली पुलिस हिंसा को रोकने में बुरी तरह विफल रही

गृहमंत्रालय के उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार मंगलवार को उत्तरी-पूर्वी दिल्ली के कई इलाकों में जारी हिंसा सरकार के चिंता का सबब बन गया था। रविवार को ही केंद्रीय अ‌र्द्धसैनिक बलों की 13 अतिरिक्त कंपनियां मुहैया कराने के बावजूद दिल्ली पुलिस हिंसा को रोकने में बुरी तरह विफल रही थी।

दिल्ली पुलिस में आपसी तालमेल का अभाव

यहां तक अमित शाह द्वारा दिल्ली के सभी राजनीतिक दलों के साथ बैठक के बाद भी स्थिति सुधरने का नाम नहीं ले रहा था। जमीनी स्तर पर फीडबैक से मालूम हुआ कि इसके लिए दिल्ली पुलिस में आपसी तालमेल के साथ-साथ निचले स्तर पर पुलिसकर्मियों में मनोबल का अभाव प्रमुख कारण है।

 ट्रंप के वापस जाने के बाद पीएम और शाह की डोभाल के साथ लंबी मुलाकात

रात्रिभोज के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के वापस रवाना होते ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली की स्थिति पर अजीत डोभाल से लंबा विचार-विमर्श किया। पीएम से मुलाकात के बाद डोभाल गृहमंत्री के घर गए, जहां दोनों के बीच लगभग एक घंटे तक बातचीत हुई। इस दौरान दिल्ली पुलिस और खुफिया ब्यूरो को वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। अमित शाह ने खुद सुझाव दिया कि पुलिस का मनोबल बढ़ाने, केंद्रीय अ‌र्द्धसैनिक बलों के साथ स्थानीय पुलिस का तालमेल बढ़ाने और हिंसाग्रस्त इलाकों में लोगों को सुरक्षा का भरोसा दिलाने के लिए खुद अजीत डोभाल को हिंसाग्रस्त इलाकों का दौरा करना चाहिए। सूत्रों के अनुसार अमित शाह के सुझाव के बाद अजीत डोभाल तत्काल दंगाग्रस्त इलाकों के दौरे पर निकल गए। उनके जाने का असर भी दिखने लगा।

भाजपा नेताओं को जमीनी स्तर पर फीडबैक लेने के लिए किया गया सक्रिय

सूत्रों के अनुसार जमीनी स्तर पर फीडबैक लेने के लिए भाजपा की पार्टी मशीनरी को भी सक्रिय किया गया। हिंसाग्रस्त इलाके के विधानसभा में भाजपा प्रत्याशियों, निगम पार्षदों और अन्य नेताओं से सीधे संपर्क की जिम्मेदारी दोनों गृह राज्यमंत्रियों को सौंपी गई। स्थानीय नेताओं से मिली जमीनी जानकारी के अनुसार पुलिस बल को संवेदनशील इलाकों में तैनाती और वहां फंसे लोगों को सुरक्षित निकालने का काम रातभर चलता रहा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इससे पुलिस बल के अधिकतम क्षमता का उपयोग करना संभव हो सका।

पल-पल की खबर लेते रहे अमित शाह

पूर्वोत्तर दिल्ली में हिंसा को रोकने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री ने पूरी ताकत झोंक दी। सोमवार की शाम को अहमदाबाद में डोनाल्ड ट्रंप के कार्यक्रम से वापस लौटने के बाद वे खुद लगातार हालात पर नजर बनाए हुए थे और पल-पल की जानकारी ले रहे थे। दिल्ली में हालात को नियंत्रित करने में अमित शाह इतने व्यस्त रहे कि मंगलवार को डोनाल्ड ट्रंप के किसी भी कार्यक्रम में शिरकत नहीं सके। इसी का नतीजा है कि बिना सेना को उतारे 24 घंटे से भी कम समय में हिंसा को नियंत्रित करने में सफलता मिल सकी।

स्थिति से निपटने के लिए सभी दलों को एकजुट होकर काम करने की अपील

दरअसल, अमित शाह ने सोमवार की शाम को अहमदाबाद से शाम सात बजे दिल्ली पहुंचते ही अपने आवास पर उच्च स्तरीय बैठक बुलाई, जिसमें खुफिया ब्यूरो के प्रमुख और दिल्ली पुलिस आयुक्त समेत गृहमंत्रालय के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। लगभग तीन घंटे तक चली बैठक में शाह ने दिल्ली पुलिस को कई कड़े फैसले के निर्देश दिये। इसके बाद भी शाह रात एक बजे तक हालात की जानकारी लेते रहे। अगले दिन सुबह नौ बजे गृह मंत्रालय के अधिकारियों के साथ फिर से हालात की समीक्षा की और उसके बाद 12 बजे दिल्ली के राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों और दिल्ली के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुभाष चोपड़ा, और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी भी मौजूद थे। बैठक में शाह ने स्थिति से निपटने के लिए सभी दलों को एकजुट होकर काम करने की अपील की। इसके तत्काल बाद डेढ़ बजे शाह ने गृहसचिव और खुफिया ब्यूरो के प्रमुख के साथ बैठक कर हालात की समीक्षा की।

किये गए उपाय हिंसा को रोकने के लिए नाकाफी साबित हुए

मंगलवार को शाम होते-होते साफ हो गया कि अभी तक किये गए उपाय हिंसा को रोकने के लिए नाकाफी साबित हो रहे हैं। इसे देखते हुए शाह ने एक साथ कई बड़े फैसले लिये। सबसे पहले छह बजे उन्होंने एसएन श्रीवास्तव को सीआरपीएफ से दिल्ली पुलिस में विशेष आयुक्त बनाकर रवाना किया और उन्हें तत्काल कार्यभार संभालने का निर्देश दिया। इसके बाद साढ़े छह बजे शाह ने अपने आवास पर डिप्टी एनएसए, खुफिया ब्यूरो प्रमुख, दिल्ली पुलिस आयुक्त और अन्य अधिकारियों के साथ मैराथन बैठक की, जिसमें एसएन श्रीवास्तव भी मौजूद थे। इसके बाद 10 बजे के बाद अजीत डोभाल के साथ शाह की लंबी बैठक हुई, जिसमें डोभाल को दंगाग्रस्त इलाके में जाने का निर्णय हुआ। इसके बाद भी अमित शाह रात एक बजे तक हालात की जानकारी लेते रहे।

दंगाग्रस्त इलाकों का दौरा करने के बाद डोभाल ने शाह को दी हालात की जानकारी

मंगलवार की रात और बुधवार को दोपहर बाद दंगाग्रस्त इलाकों के कई घंटे तक दौरे के बाद डोभाल ने अमित शाह को हालात की जानकारी दी। शाह ने सभी अधिकारियों के साफ कर दिया कि अब आगे जरा भी हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी और इसके लिए सभी को जिम्मेदारी व जवाबदेही के साथ काम करना होगा। इसके साथ ही उन्होंने अधिकारियों को हिंसा रोकने के साथ ही हिंसाग्रस्त इलाके में जनजीवन को सामान्य बनाने के लिए काम करने का निर्देश दिया।

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