Karnataka Bypolls Result 2019 : जीत से भाजपा को बहुमत की विजयश्री, कांग्रेस नेता सिद्धरमैया व दिनेश गुंडु राव का इस्तीफा
Karnataka Bypolls Result 2019 भाजपा ने विधानसभा उपचुनाव में 15 में 12 सीटें जीतकर ना सिर्फ सरकार बचा ली है बल्कि एक बार फिर कर्नाटक की सियासी जमीन पर अपने पैर जमा लिए हैं।
बेंगलुरु, एजेंसियां। भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा उपचुनाव में कुल 15 में 12 सीटें जीतकर ना सिर्फ राज्य में अपनी सरकार बचा ली है, बल्कि एक बार फिर कर्नाटक की सियासी जमीन पर अपने पैर जमा लिए हैं। इस उप चुनाव में विपक्षी दल कांग्रेस ने सिर्फ दो सीटें जीती हैं, जबकि जनतादल (एस) का खाता ही नहीं खुला है। जदएस समर्थित एक निर्दलीय उम्मीदवार ने बेंगलुरु ग्रामीण की होसाकोटे सीट जीती है। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि वह वादे के मुताबिक विकासोन्मुखी और स्थिर सरकार देंगे।
चुनाव अधिकारी जी.जदियप्पा ने सोमवार को पांच दिसंबर को हुए चुनावों के नतीजे की घोषणा करते हुए बताया कि भाजपा ने अठानी, कागवाड़, गोकाक, येलापुर, हिरेकेरुर, रानीबेन्नुर, विजयनगर, चिक्कबल्लापुर, केआरपुरा, यशवंतपुर, महालक्ष्मी लेआउट और कृष्णराजापेट विधानसभा सीटें जीती हैं। जबकि कांग्रेस ने मैसुरु जिले की हुनासुर सीट और बेंगलुरु सेंट्रल की शिवाजीनगर सीट जीती है।
कांग्रेस विधायक दल के नेता सिद्धरमैया और प्रदेश कांग्रेस प्रमुख दिनेश गुंडु राव ने पार्टी के खराब प्रदर्शन के चलते अपने पदों से इस्तीफा दे दिया है। दोनों नेताओं ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजा है। जबकि पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवेगौड़ा की पार्टी जद एस ने इस चुनाव में अपनी पिछली तीन सीटें (केआरपेट, महालक्ष्मी लेआउट और हुनसुर) भी गंवा दी हैं।
दरअसल, कर्नाटक में महज चार महीने से सत्तारूढ़ येदियुरप्पा सरकार को 223 सीटों वाली विधानसभा में 112 सीटों के स्पष्ट बहुमत के लिए कुल सात और सीटों की जरूरत थी। इस उपचुनाव में जबरदस्त प्रदर्शन से भाजपा की सरकार अब और तीन साल तक कायम रहेगी। मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा अपनी 18 सदस्यीय कैबिनेट में जल्द ही अब विस्तार भी कर सकते हैं। मौजूदा विधानसभा का पांच साल का कार्यकाल मई, 2023 में पूरा हो रहा है। इस विधानसभा में भाजपा के पास कुल 105 विधायक (एक निर्दलीय समेत) थे जो अब बढ़कर 117 हो गए हैं। कांग्रेस के 66 और जद एस के 34 विधायक हैं। एक बसपा विधायक, एक नामित सदस्य और एक विधानसभा अध्यक्ष हैं।
ध्यान रहे कि कांग्रेस और जद एस के 17 बागी विधायकों के कारण ही चार महीने पहले एचडी कुमारस्वामी के नेतृत्व वाली 14 माह पुरानी गठबंधन सरकार गिर गई थी और भाजपा सरकार सत्तारूढ़ हुई थी। तब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और कांग्रेस व जद एस के बागी विधायकों को अयोग्य घोषित किए जाने के चलते फिर से इन सीटों पर उप चुनाव कराए गए।
कांग्रेस-जद एस के गढ़ में सेंध
इस उप चुनाव में कुल 15 विधानसभा सीटों में भाजपा को कुल मतों के 50.3 फीसद वोट मिले। बल्कि भाजपा ने कांग्रेस और जद एस के गढ़ में भी सेंध लगाई है। मांड्या के वोक्कलिंगा गढ़ में भाजपा का पहली बार खाता खुला है। कर्नाटक में पहली बार दर्ज इस इतिहास से मुख्यमंत्री यदियुरप्पा का सपना साकार हुआ है। अमित शाह की पार्टी ने चिक्कबल्लपुरा और गोकाक विधानसभा क्षेत्रों में भी खाता खोला है।
कांग्रेस को 31.3, जदएस को 12.3 फीसद वोट
कांग्रेस को 31.3 फीसद और जद एस को 12.3 फीसद वोट मिले हैं। भाजपा ने कुल 15 सीटों में से कांग्रेस के 11 बागियों और जद एस के तीन बागियों को चुनाव मैदान में उतारा था। जबकि कांग्रेस 15 सीटों पर लड़कर महज दो सीटें जीत पाई जबकि जद एस के राज्य में सभी 12 उम्मीदवार हार गए। निर्दलीय उम्मीदवार शरत कुमार बचेगौड़ा ने हाईप्रोफाइल होसाकोटे सीट भाजपा के एमटीबी नागराज से झटक ली।
नागराज ने अपने चुनावी हलफनामे में 1230 करोड़ की संपत्ति होने का एलान किया था। नागराज कांग्रेस के बागी नेता हैं। जबकि बचेगौड़ा भाजपा के बागी नेता हैं जिन्हें पार्टी ने निर्दलीय पर्चा भरने पर पार्टी से निकाल दिया था। जद एस ने होसाकोटे से अपना उम्मीदवार न खड़ा करते हुए बचेगौड़ा का समर्थन किया था। बचेगौड़ा भाजपा सांसद बीएन बचेगौड़ा के बेटे हैं।