पैर में 'चोट' लगने से ममता को मिली महिलाओं की जबरदस्त सहानुभूति, जानें और क्या बोलीं फैशन डिजाइनर अग्निमित्रा

ममता बनर्जी को लगातार तीसरी बार बंगाल की मुख्यमंत्री बनाने में निसंदेह महिलाओं की बड़ी भूमिका रही है। महिलाओं ने दिल खोलकर दीदी को वोट दिया। बंगाल भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष व आसनसोल दक्षिण से निर्वाचित विधायक अग्निमित्रा पाल भी इससे सहमत हैं।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Sat, 08 May 2021 02:49 PM (IST) Updated:Sat, 08 May 2021 02:49 PM (IST)
पैर में 'चोट' लगने से ममता को मिली महिलाओं की जबरदस्त सहानुभूति, जानें और क्या बोलीं फैशन डिजाइनर अग्निमित्रा
पैर में 'चोट' लगने से ममता को मिली महिलाओं की जबरदस्त सहानुभूति

विशाल श्रेष्ठ, कोलकाता। ममता बनर्जी को लगातार तीसरी बार बंगाल की मुख्यमंत्री बनाने में नि:संदेह महिलाओं की बड़ी भूमिका रही है। महिलाओं ने दिल खोलकर 'दीदी' को वोट दिया। बंगाल भाजपा महिला मोर्चा की अध्यक्ष व आसनसोल दक्षिण से  निर्वाचित विधायक अग्निमित्रा पाल भी इससे सहमत हैं।  हालांकि, वह ममता के प्रति महिलाओं के जबरदस्त रूप से बढे रुझान का श्रेय तृणमूल सुप्रीमो के पैर में लगी 'चोट' को देती हैं। खास बातचीत में उन्होंने कहा कि ममता के पैर में लगी 'चोट' से उन्हें महिलाओं की जबरदस्त सहानुभूति मिल गई। इससे महिलाओं के मन में उनके प्रति सॉफ्ट कॉर्नर पैदा हुआ। ये और बात है कि चुनाव खत्म होते ही वह अपने पैरों पर खड़ी हो गई थीं।

भाजपा नेताओं द्वारा बंगाल की महिलाओं को टारगेट करना जनता को नहीं आया रासआगे अग्निमित्रा ने कहा कि तृणमूल का 'बांग्ला निजेर मेये के ई चाये (बंगाल अपनी बेटी को ही चाहता है) वाला चुनावी नारा भी उसके काफी काम आया। महिलाओं ने  ममता को अपने घर की बेटी की तरह देखकर उनके पक्ष में मतदान किया। इसके अलावा देशभर से भाजपा नेताओं के बंगाल आकर यहां की एक महिला को टारगेट करना भी उन्हें रास नहीं आया।

गलतियों के आत्मविश्लेषण करने की है जरुरत 

अग्निमित्रा, जो जानी-मानी फैशन डिजाइनर भी हैं, ने कहा कि बंगाल विधानसभा चुनाव के नतीजे हमारे लिए पूरी तरह अप्रत्याशित हैं। पिछले एक-डेढ़ साल हमने सूबे में जिस तरह जमीनी स्तर पर काम किया और हमें जिस तरह से जनता का प्यार मिला, वह इस नतीजे से बिल्कुल मेल नहीं खाता। हो सकता है कि हमसे कुछ गलतियां हो गई हों। इसलिए हमें जनता का वोट नहीं मिल पाया। आगे ऐसी भूल न हो, इसके लिए आत्मविश्लेषण की जरूरत है।

 केंद्र की योजनाओं को अपने नाम से भुनाने में सफल रही तृणमूल सरकार 

अग्निमित्रा ने कहा कि तृणमूल की जीत की एक प्रमुख वजह यह भी है कि वह केंद्र की योजनाओं को अपने नाम से भुनाने में सफल रही। केंद्र की ओर से दी जाने वाली विभिन्न सुविधाओं को तृणमूल सरकार ने अपना बताकर जनता के सामने पेश किया क्योंकि वे सुविधाएं राज्य प्रशासन व पंचायत व्यवस्था के माध्यम से लोगों तक पहुंचाई जाती हैं। लोगों को लगा कि ममता बनर्जी उनके लिए ये सब कुछ कर रही हैं।

तृणमूल ऐसा माहौल तैयार करने की कोशिश कर रही कि आगे कोई भाजपा में शामिल न हो 

अग्निमित्रा ने चुनाव बाद भाजपा कार्यकर्ताओं पर हो रहे हमलों को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा-'यह दुर्भाग्यपूर्ण है और किसी तरह से जायज नहीं है। हम जनता के फैसले का सम्मान करके अपनी हार स्वीकार कर चुके हैं, इसके बावजूद भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले हो रहे हैं। तृणमूल ऐसा माहौल तैयार करने की कोशिश कर रही है कि आगे कोई भाजपा में शामिल होने की हिम्मत न करें। ममता विरोधी को शून्य करना चाहती हैं। चुनाव बाद हिंसा का प्रतिवाद करने पर हमें गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन हिंसा फैलाने वालों में से अब तक किसी को भी पकड़ा नहीं गया है।

पीएम मोदी के 'दीदी, ओ दीदी' वाले नारे में कुछ भी अशालीन या अपमानजनक नहीं

अग्निमित्रा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 'दीदी, ओ दीदी' वाले नारे में कुछ भी अशालीन या अपमानजनक नहीं देख रहीं। उन्होंने कहा-'पीएम मोदी ने ममता के खिलाफ कुछ भी गलत नहीं कहा बल्कि ममता ने पीएम मोदी के खिलाफ बहुत से अपशब्दों का प्रयोग किया। उन्होंने तो पीएम मोदी की कमर में रस्सी बांधकर ले जाने तक की बात कही थी। तृणमूल ने पीएम मोदी के बयान को लोगों के सामने गलत तरीके से पेश करके इसे भुनाया। किसी को दीदी कहने में कुछ भी गलत नहीं है। बंगाल में दीदी बड़ी बहन को कहा जाता है।

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