कांग्रेस ने कहा- चुनावों को प्रभावित करने में फेसबुक की हो जांच, भाजपा से गठजोड़ के लगाए आरोप

कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक पर BJP का समर्थन करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने बयान जारी करके कहा है कि फेसबुक का BJP के साथ गठजोड़ नया नहीं हैं। पवन खेड़ा ने फेसबुक को ‘फेकबुक’ तक कह डाला।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Tue, 26 Oct 2021 08:00 AM (IST) Updated:Wed, 27 Oct 2021 09:41 AM (IST)
कांग्रेस ने कहा- चुनावों को प्रभावित करने में फेसबुक की हो जांच, भाजपा से गठजोड़ के लगाए आरोप
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा का फेसबुक और भाजपा पर हमला।(फोटो: फाइल)

नई दिल्ली, प्रेट्र। कांग्रेस ने सोमवार को फेसबुक पर भारत के चुनावों को प्रभावित करने और लोकतंत्र को कमजोर करने का आरोप लगाया और इसकी संयुक्त संसदीय समिति से जांच कराने की मांग की। कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने भारत में अपने प्लेटफार्म पर नफरत फैलाने वाले पोस्ट के खिलाफ कार्रवाई शुरू नहीं करने पर फेसबुक की आलोचना की।

उन्होंने कथित लीक आंतरिक रिपोटरें का हवाला देते हुए कहा कि फेसबुक ने खुद को एक फेकबुक में बदल दिया है। आरोपों पर फेसबुक इंडिया की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई।कांग्रेस नेता ने यह भी आरोप लगाया कि फेसबुक सत्तारूढ़ भाजपा के सहयोगी के रूप में काम कर रहा है और उसके एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है। खेड़ा ने फेसबुक में काम कर चुकीं व्हिसलब्लोअर फ्रांसिस हाउगन के शोध दस्तावेज का हवाला दिया और आरोप लगाया कि हिंदी और बांग्ला में इस तरह के नफरत भरे पोस्ट करने वालों के खिलाफ कोई निर्णायक कार्रवाई नहीं की गई।

दुष्कर्म के प्रयास के आरोपित को बरी करने का फैसला सुप्रीम कोर्ट से रद

सुप्रीम कोर्ट ने दंड कानूनों के तहत अपराध करने के लिए तैयारी और प्रयास के बीच अंतर स्पष्ट करते हुए सोमवार को मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के उस फैसले को रद कर दिया, जिसमें 2005 में दो नाबालिग लड़कियों के साथ दुष्कर्म के प्रयास के आरोप से एक व्यक्ति को बरी कर दिया गया था। इसके साथ ही शीर्ष कोर्ट ने आरोपित को तत्काल जेल में आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया।अपने फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने अपराध के लिए शतरें, तैयारी और प्रयास के संदर्भ में विस्तार से चर्चा की।

सर्वोच्च अदालत ने कहा कि अपराध के प्रयास में इरादा व नैतिक अपराध शामिल है और सामाजिक मूल्यों पर इसका प्रभाव वास्तविक अपराध से कम नहीं है।शीर्ष कोर्ट का यह फैसला मध्य प्रदेश सरकार की एक अपील पर आया है। इसमें सर्वोच्च अदालत ने हाई कोर्ट के फैसले को त्रुटिपूर्ण बताया। हाई कोर्ट ने आठ और नौ साल की दो बच्चियों से दुष्कर्म के प्रयास के आरोप से यह कहते हुए एक अभियुक्त को बरी कर दिया था कि उसने केवल तैयारी की थी और नाबालिगों के साथ दुष्कर्म का प्रयास नहीं किया था।

chat bot
आपका साथी