कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने कैग के सामने उठाया राफेल विमान सौदे का मुद्दा

कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल की कैग के साथ मुलाकात के बाद आनंद शर्मा ने कहा कि हमने कैग को एक विस्तृत ज्ञापन सौंपा है जो राफेल की खरीद में अनियमितताओं को साफ तौर पर बताता है।

By Tilak RajEdited By: Publish:Wed, 19 Sep 2018 09:14 AM (IST) Updated:Wed, 19 Sep 2018 09:15 PM (IST)
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने कैग के सामने उठाया राफेल विमान सौदे का मुद्दा
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने कैग के सामने उठाया राफेल विमान सौदे का मुद्दा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। राफेल लड़ाकू विमान खरीद में गड़बड़ी का दावा कर रही कांग्रेस ने इस सौदे की जांच के लिए नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) का दरवाजा खटखटाया है। कांग्रेस को कैग ने बताया कि वह राफेल खरीद से जुड़े दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं।

पार्टी ने राफेल सौदे में सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचने, ऑफसेट कांट्रेक्ट से सरकारी कंपनी हिंदुस्तान एरोनाटिक्स लिमिटेड (एचएएल) को बाहर कर एक निजी कंपनी को देने और रक्षा खरीद प्रक्रिया के उल्लंघन के अपने दावों के समर्थन में कागजात भी कैग को सौंपे।

राज्यसभा में नेता विपक्ष गुलाम नबी आजाद की अगुआई में कांग्रेस के उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को कैग राजीव महर्षि से मुलाकात कर राफेल सौदे की जांच की मांग की। इस मुलाकात के बाद कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि पार्टी ने यह बात भी सामने रखी कि संप्रग के समय तय हुई 526 करोड़ रुपये प्रति विमान की दर की जगह राजग सरकार ने पुराना सौदा रद करके 1,670 करोड़ रुपये प्रति विमान की दर से खरीद की है। इस तरह 36 विमानों की खरीद में सरकारी खजाने का 41 हजार करोड़ अतिरिक्त खर्च हुआ है।

सुरजेवाला ने कहा कि कैग को इस तथ्य से जुड़े कागजात भी कांग्रेस ने सौंपे कि कैसे राफेल सौदे के ऑफसेट कांट्रेक्ट से एचएएल को बाहर कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्रांस यात्रा से 12 दिन पहले बनी अनिल अंबानी के रिलायंस समूह की कंपनी को राफेल की निर्माता कंपनी दासौ के साथ 30,000 करोड़ के ऑफसेट कांट्रेक्ट का साझीदार बना दिया गया।

कैग को सौंपे ज्ञापन में भी कांग्रेस ने इन बातों का जिक्र करते हुए रक्षा खरीद परिषद की पूर्व मंजूरी के बिना एकतरफा नया सौदा सिरे चढ़ाने में नियमों की अनदेखी पर सवाल भी उठाए हैं। कैग से मिलने गए कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल में आजाद के साथ वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, जयराम रमेश, आनंद शर्मा, रणदीप सुरजेवाला और राजीव शुक्ल शामिल थे।

कांग्रेस की शिकायतों पर इस संवैधानिक संस्था के रुख के बारे में पूछे जाने पर सुरजेवाला ने कहा कि कैग ने आश्वासन दिया कि संविधान और कानून के अनुरूप राफेल से जुड़े सौदे के कागजों की जांच हो रही है। कैग ने भरोसा दिया है कि वह अपने संवैधानिक दायित्व के तहत सभी पहलुओं की पड़ताल कर जल्द ही इसकी रिपोर्ट संसद में पेश कर देंगे।

सुरजेवाला ने कहा कि हमें विश्वास है कि कैग की जांच के बाद राफेल घोटाले के रहस्यों की परतें खुल जाएंगी ओर मोदी सरकार की भूमिका भी उजागर हो जाएगी। मालूम हो कि कैग सरकार के सभी महकमों के बजट और खर्चे की ऑडिट जांच करता है।

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