संसद में जनता के मुद्दों पर बहस के लिए कांग्रेस की तैयारी, जानें किन मुद्दों पर सरकार को घेरने की है रणनीति

तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने संबंधी प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर और सुप्रीम कोर्ट के पेगासस जासूसी कांड की जांच कराने के फैसले के बाद कांग्रेस शीतकालीन सत्र की कार्यवाही चलाने और जनता से जुड़े मुददों पर बहस के जरिये सरकार को घेरने की रणनीति पर अमल करेगी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Publish:Wed, 24 Nov 2021 09:53 PM (IST) Updated:Thu, 25 Nov 2021 01:04 AM (IST)
संसद में जनता के मुद्दों पर बहस के लिए कांग्रेस की तैयारी, जानें किन मुद्दों पर सरकार को घेरने की है रणनीति
कांग्रेस शीतकालीन सत्र में जनता से जुड़े मुददों पर बहस के जरिये सरकार को घेरने की रणनीति पर अमल करेगी।

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने संबंधी प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर और सुप्रीम कोर्ट के पेगासस जासूसी कांड की जांच कराने के फैसले के बाद संसद के शीतकालीन सत्र में सरकार और विपक्ष के बीच आर-पार की सियासी जंग का फिलहाल कोई मुद्दा नहीं बचा है। इसके मद्देनजर कांग्रेस शीतकालीन सत्र की कार्यवाही चलाने और जनता से जुड़े मुददों पर बहस के जरिये सरकार को घेरने की रणनीति पर अमल करेगी।

इन मुद्दों को किया शामिल 

इसमें चौतरफा बढ़ी महंगाई के अलावा कोरोना पीडि़तों की मदद, अर्थव्यवस्था की चुनौती और बेरोजगारी के साथ ही सीमा पर चीन के लगातार बढ़ते अतिक्रमण जैसे मुद्दों पर बहस कराने की मांग को कांग्रेस ने अपनी सियासी सूची में शामिल किया है।

आज संसदीय रणनीतिक समूह की बैठक

शीतकालीन सत्र में पार्टी की रणनीति तय करने के लिए गुरुवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की अध्यक्षता में पार्टी के संसदीय रणनीतिक समूह की बैठक होगी। पेट्रोल-डीजल के अलावा बीते कुछ समय से खाने-पीने से लेकर दूसरी जरूरी वस्तुओं के दाम में हुए भारी इजाफे को बड़ा मुद्दा बताते हुए कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने दोनों सदनों में इसे जोर शोर से उठाने का पहले ही एलान कर दिया है।

उठाती रही है चीन की चालबाजी का मुद्दा   

अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी, कोरोना प्रबंधन की खामियों और पूर्वी लद्दाख, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम के बाद अब भूटान के सीमावर्ती इलाके में चीन की चालबाजी पर लगाम कसने में सरकार की कथित कमजोरी का मसला राहुल गांधी लगातार उठा रहे हैं और कांग्रेस रणनीतिकारों के अनुसार उनका प्रयास होगा कि सरकार इन सभी मुद्दों पर सदन में बहस कराए ताकि जनता सच्चाई से रूबरू हो।

दो मुद्दों पर गुंजाइश नहीं  

बीते सत्र में कांग्रेस की अगुआई में विपक्षी दलों ने पेगासस जासूसी कांड और कृषि कानूनों पर जबरदस्त हंगामा किया था। कृषि कानूनों की वापसी के एलान के बाद अब केवल इनकी वापसी की विधायी प्रक्रिया ही बाकी रह गई है। सुप्रीम कोर्ट की जांच कराने के फैसले के बाद संसद में पेगासस कांड पर बहस की फिलहाल गुंजाइश ही नहीं बची है।

विपक्षी खेमे में भी अंदरूनी तनातनी

इतना ही नहीं विपक्षी खेमे में भी फिलहाल अंदरूनी तनातनी के हालात बन रहे हैं क्योंकि तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी 2024 में विपक्ष की तरफ से अपनी दावेदारी पेश करने की तैयारियों में जुट गई हैं। इसके लिए वे दूसरे दलों के नेताओं को टीएमसी में शामिल कर रही हैं और कांग्रेस नेताओं को तोड़ने में दीदी पूरी ताकत लगा रही हैं। जाहिर तौर पर ममता की यह दोनों ही सियासी गतिविधियां कांग्रेस को नागवार लग रही हैं। ऐसे में इस बात से इन्कार नहीं किया जा रहा कि शीत सत्र के दौरान संसद में विपक्षी एकजुटता शायद उतनी मुखर और एकजुट नहीं दिखेगी जैसा मानसून सत्र में दिखी थी। 

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