चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ कमल नाथ ने खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा
स्टार कैंपेनर का दर्जा छीनने के साथ ही निर्वाचन आयोग (ECI) ने यह भी कहा था कि अब आगे वह जिस विधानसभा में प्रचार करेंगे उनके उस चुनावी अभियान का पूरा खर्च संबंधित उम्मीदवार के खाते में जाएगा।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ को कांग्रेस के स्टार प्रचारकों की सूची से हटाने संबंधी चुनाव आयोग के फैसले के खिलाफ कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई है। शनिवार को राज्यसभा सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तनखा ने पार्टी की ओर से चुनाव आयोग के निर्णय के खिलाफ याचिका दायर की है। तनखा ने बताया कि शीर्षस्थ कोर्ट को मामले में जल्द सुनवाई की आवश्यकता से अवगत करवाया गया है। हालांकि इस पर जब भी फैसला होगा, हमारे लिए स्थिति स्पष्ट करने जैसा होगा।
पक्ष में फैसला आने पर स्टार प्रचारक होने के कारण चुनाव में होने वाला खर्च पार्टी के खर्च में जुड़ेगा और प्रत्याशियों को राहत मिलेगी। उन्होंने यह भी कहा कि चुनाव आयोग ने जो कार्रवाई की है, उसमें आयोग ने नोटिस जारी कर हमारा पक्ष तक नहीं मांगा।
कमल नाथ को स्टार प्रचारक की सूची से हटाने के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि आयोग ने अपने अधिकार क्षेत्र से बाहर जाकर फैसला किया है। मालूम हो, डबरा विधानसभा क्षेत्र की चुनावी सभा में कमल नाथ ने भाजपा प्रत्याशी इमरती देवी को लेकर अपशब्द कहे थे। इसी को लेकर भाजपा ने चुनाव आयोग से शिकायत की थी।
पद नहीं है स्टार प्रचारक
शनिवार को कमल नाथ ने चुनाव आयोग के फैसले पर सवाल उठाए कि स्टार प्रचारक कोई पद नहीं है। चुनाव आयोग ने न तो मुझे कोई नोटिस दिया था, न ही मुझसे इस बारे में कुछ पूछा था। प्रचार अभियान के आखिरी दो दिन में चुनाव आयोग ने ऐसा क्यों किया, यह तो केवल उन्हीं को मालूम है।
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश में 3 नवंबर को 28 सीटों पर उपचुनाव हैं। राज्य में चुनावी सरगर्मी के बीच तीखी बयानबाजी चल रही है। सभी पार्टी के नेता अपने-अपने प्रत्याशियों के लिए चुनाव प्रचार में लगे हुए हैं।