कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में प्रत्याशी तय करने के लिए बनाई स्क्रीनिंग कमेटी, जानें- कौन-कौन हैं शामिल

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गांधी परिवार के करीबी भवंर जितेंद्र सिंह को स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य व राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुडडा और वर्षा गायकवाड भी कमेटी में शामिल हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Publish:Fri, 17 Sep 2021 07:31 PM (IST) Updated:Fri, 17 Sep 2021 07:44 PM (IST)
कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में प्रत्याशी तय करने के लिए बनाई स्क्रीनिंग कमेटी, जानें- कौन-कौन हैं शामिल
प्रियंका गांधी और अजय कुमार लल्लू के साथ आराधना मिश्रा भी होंगी सदस्य (फाइल फोटो)

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी को मुकाबले की दौड़ में लाने की कोशिश कर रही कांग्रेस ने टिकट बंटवारे के लिए स्क्रीनिंग कमेटी का गठन कर दिया है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता गांधी परिवार के करीबी भवंर जितेंद्र सिंह को स्क्रीनिंग कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है। प्रदेश की प्रभारी महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा, कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य व राज्यसभा सदस्य दीपेंद्र हुडडा और वर्षा गायकवाड भी कमेटी में शामिल हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी की मंजूरी के बाद पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने स्क्री¨नग कमेटी के गठन की घोषणा की। प्रियंका गांधी सूबे की प्रभारी के नाते बतौर पदेन सदस्य होंगी तो उनके साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, विधायक दल की नेता अराधाना मिश्रा के अलावा उत्तर प्रदेश के सभी प्रभारी कांग्रेस सचिव भी कमेटी के सदस्य होंगे। स्क्रीनिंग कमेटी पार्टी की प्रदेश चुनाव समिति की ओर से उम्मीदवारों के नाम के भेजे गए पैनल की छानबीन कर टिकट दावेदारों का पैनल तैयार करेगी। इसके बाद कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति टिकट का अंतिम फैसला करेगी। इस समिति के गठन के जरिये कांग्रेस ने सूबे में उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। 

कांग्रेस को लड़ाई में लाना बड़ी चुनौती

उत्तर प्रदेश का अगला चुनाव सूबे में कांग्रेस को मुख्य धारा की सियासत में वापसी के लिहाज से बहुत बड़ी चुनौती तो है ही साथ ही प्रियंका के लिए भी अग्नि परीक्षा से कम नहीं है। खासकर यह देखते हुए कि पिछले विधानसभा चुनाव में सपा से गठबंधन के बाद भी कांग्रेस को उसके सियासी इतिहास की सबसे कम सीटें मिलीं और पार्टी के विधायकों की संख्या दहाई में भी नहीं पहुंच पाई थी। इतना ही नहीं बीते लोकसभा चुनाव में भी कमोबेश यही कहानी दोहराई गई और केवल सोनिया गांधी ही राय बरेली से जीत हासिल कर पायीं।

संगठन को सक्रिय करने में जुटी हैं प्रियंका

जाहिर तौर पर कांग्रेस की इस दयनीय सियासी स्थिति को बदलने की कोशिश आसान नहीं है मगर प्रियंका ने पिछले कुछ समय से सूबे के संगठन को सक्रिय कर पार्टी के ढांचे को ट्रैक पर लाने की कोशिश शुरू की है। अभी हाल में हुए सूबे के अपने पांच दिन के दौरे के दौरान भी कांग्रेस महसचिव ने संगठन के साथ चुनाव की जमीनी सियासत की टोह ली और इसके बाद ही पार्टी नेतृत्व ने स्क्रीनिंग कमेटी का गठन कर उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया को जल्द शुरू करने के अपने इरादों का संदेश दे दिया।

chat bot
आपका साथी