बिहार के चुनावी संग्राम में कांग्रेस तेजस्वी को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाए जाने के खिलाफ

महागठबंधन के चेहरे को लेकर सामने आ रही खटपट पर बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने संयम दिखाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का चेहरा कोई समस्या नहीं है। महागठबंधन संयुक्त रुप से बैठकर इस बारे में फैसला करेगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Fri, 25 Sep 2020 10:03 PM (IST) Updated:Fri, 25 Sep 2020 10:03 PM (IST)
बिहार के चुनावी संग्राम में कांग्रेस तेजस्वी को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाए जाने के खिलाफ
महागठबंधन संयुक्त रुप से चुनाव लड़े और चुनाव बाद मुख्यमंत्री के चेहरे का फैसला हो।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बिहार में राजग को चुनौती देने के लिए महागठबंधन पर तो सबकी हामी है, लेकिन चेहरे का संकट बड़ा हो रहा है। सूबे के चुनावी संग्राम के एलान के साथ कांग्रेस का एक बड़ा वर्ग राजद नेता तेजस्वी यादव को मुख्यमंत्री का चेहरा बनाए जाने के खिलाफ है। प्रदेश कांग्रेस के नेता हाईकमान पर इस बात के लिए दबाव बना रहे कि तेजस्वी को चेहरा घोषित नहीं किया जाए बल्कि महागठबंधन संयुक्त रुप से चुनाव लड़े और चुनाव बाद मुख्यमंत्री के चेहरे का फैसला हो।

नीतीश के खिलाफ लोगों की नाराजगी का फायदा महागठबंधन को मिलेगा इसमें संदेह है

रालोसपा नेता उपेंद्र कुशवाहा महागठबंधन के चेहरे के तौर पर तेजस्वी को स्वीकार करने के लिए राजी नहीं थे। सीटों की संख्या के साथ प्रमुख रूप से इसी मुद्दे पर कुशवाहा महागठबंधन छोडने की घोषणा कर चुके हैं। बिहार के कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं की ओर से कुशवाहा प्रकरण के बाद हाईकमान को यह समझाने का प्रयास किया जा रहा है कि तेजस्वी को चेहरा घोषित किए जाने का महागठबंधन को लाभ नहीं होगा। क्योंकि राजद शासन के पुराने दौर की कटु यादें अभी लोगों के जेहन से गायब नहीं हुई हैं। ऐसे में राजद के मौजूदा नेतृत्व के चेहरे को आगे किया जाता है तो नीतीश कुमार के खिलाफ लोगों की नाराजगी होते हुए भी महागठबंधन को इसका फायदा मिलेगा इसमें संदेह है।

महागठबंधन के चेहरे को लेकर खटपट, संयुक्त बैठक में होगा फैसला

हालांकि महागठबंधन के चेहरे को लेकर सामने आ रही खटपट पर बिहार कांग्रेस के प्रभारी शक्ति सिंह गोहिल ने संयम दिखाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री का चेहरा कोई समस्या नहीं है। महागठबंधन संयुक्त रुप से बैठकर इस बारे में फैसला करेगा। चेहरा तय करने के लिए चुनाव से पहले और बाद दोनों का विकल्प खुला है। गोहिल ने कहा कि महागठबंधन को लगेगा कि चुनाव से पूर्व चेहरा घोषित करना जरूरी है तो ऐसा करने में भी दिक्कत नहीं होगी। राजद की ओर से तेजस्वी को चेहरा घोषित किए जाने के सवाल पर गोहिल ने कहा कि हर पार्टी को अपना नेता और चेहरा देने का अधिकार है, इसमें कुछ भी गलत नहीं है। महागठबंधन के नेतृत्व पर इसमें शामिल दलों के नेताओं के साथ संयुक्त बैठक में ही फैसला होगा।

कांग्रेस ने कहा- गठबंधन को चुनाव में आगे रखा जाए न कि चेहरे को

तेजस्वी को चेहरा बनाने के राजद के दबावों पर गोहिल ने भले संयम दिखाया मगर प्रदेश कांग्रेस के नेता हाईकमान के समक्ष इस पेशबंदी में जुटे हैं कि गठबंधन को चुनाव में आगे रखा जाए न कि चेहरे को। पार्टी के एक बड़े वर्ग की इस राय का संकेत देते हुए बिहार कांग्रेस के वरिष्ठ नेता किशोर कुमार झा ने सीधे तेजस्वी के नाम पर एतराज तो नहीं जताया मगर यह कहने से गुरेज नहीं किया कि बेहतर होगा कि महागठबंधन चुनाव जीतने के बाद अपना चेहरा तय करे। इतना ही नहीं झा सरीखे कई नेता तो हाईकमान को यह सलाह भी दे रहे हैं कि बिहार चुनाव अभियान की अगुआई पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी करते हैं तो महागठबंधन को इसका फायदा मिलेगा।

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