पीएम मोदी ने सीएम शिवराज से कहा- ब्लैक फंगस और कोरोना को रोकने में केंद्र करेगा हरसंभव मदद

एमपी में कोरोना संक्रमण की स्थिति अब नियंत्रण में है। नए प्रकरणों की संख्या तेजी के साथ घट रही है। संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए किल कोरोना अभियान चल रहा है। यह जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर चर्चा में दी।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Mon, 17 May 2021 09:57 PM (IST) Updated:Mon, 17 May 2021 09:57 PM (IST)
पीएम मोदी ने सीएम शिवराज से कहा- ब्लैक फंगस और कोरोना को रोकने में केंद्र करेगा हरसंभव मदद
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर की बात।

भोपाल, स्टेट ब्यूरो। मध्य प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति अब नियंत्रण में है। नए प्रकरणों की संख्या तेजी के साथ घट रही है। सोमवार को पांच हजार 921 नए पॉजिटिव प्रकरण आए और स्वस्थ होकर घर जाने वाले मरीजों की संख्या 11 हजार 513 रही है। प्रदेश में स्वस्थ होने की दर 87 फीसद है और संक्रमण दर (पॉजिटिविटी रेट) नौ प्रतिशत है। संक्रमण की कड़ी को तोड़ने के लिए किल कोरोना अभियान चल रहा है। यह जानकारी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर चर्चा में दी।

सीएम ने ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की आपूर्ति के लिए पीएम को जताया आभार

मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश को ऑक्सीजन और रेमडेसिविर इंजेक्शन की पर्याप्त आपूर्ति के लिए केंद्र सरकार के सहयोग के लिए प्रधानमंत्री का आभार माना। उन्होंने बताया कि पंचायत स्तर तक संकट प्रबंधन समूह का गठन किया गया है।

कोरोना कर्फ्यू का सफल क्रियान्वयन

कोरोना कर्फ्यू का सफल क्रियान्वयन जन सहयोग से हो रहा है। पोस्ट कोविड केयर सेंटर भी खोले जा रहे हैं। ब्लैक फंगस बीमारी के इलाज के लिए मध्य प्रदेश के पांच मेडिकल कॉलेज (भोपाल, इंदौर, जबलपुर, ग्वालियर और रीवा) में विशेष वार्ड बनाए गए हैं।

ब्लैक फंगस और कोरोना को रोकने में केंद्र करेगा हरसंभव मदद

प्रदेश में ब्लैक फंगस के निशुल्क उपचार की व्यवस्था की गई है। प्रधानमंत्री ने आश्वासन दिया कि ब्लैक फंगस और कोरोना बीमारी को रोकने में मध्य प्रदेश को केंद्र हरसंभव सहायता करेगा।

कोरोना से पहले नहीं थी कोई बीमारी, फिर भी 53 प्रतिशत ने जिंदगी हारी

मध्य प्रदेश के इंदौर में हुए डेथ ऑडिट में खुलासा हुआ है कि कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में मरने वालों में ऐसे लोग ज्यादा थे, जिन्हें मधुमेह, रक्तचाप या अन्य कोई गंभीर बीमारी नहीं थी। वे संक्रमित होने के पहले पूरी तरह स्वस्थ थे, फिर भी कोरोना ने ऐसा जकड़ा कि जीवित न बच सके। यह डेथ आडिट 21 अप्रैल से 11 मई के बीच हुई 158 मौतों का किया गया है।

इंदौर में कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा कहर

स्वास्थ्य विभाग की डेथ आडिट रिपोर्ट में कहती है कि इंदौर में कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा कहर अप्रैल माह में देखा गया। इस महीने मरने वालों में 74 लोग ऐसे थे, जिन्हें कोरोना के साथ पहले से गंभीर बीमारी थी, लेकिन 84 लोग ऐसे थे, जिन्हें कोई गंभीर बीमारी नहीं थी। 53 प्रतिशत लोगों पर लापरवाही, इलाज में देरी व तनाव भारी पड़ गया।

chat bot
आपका साथी