Citizenship Amendment Bill : शिवसेना का बिल पर यू-टर्न, उद्धव ठाकरे बोले- बिल से असहमति देशद्रोह नहीं
उद्धव ठाकरे ने नागरिकता संशोधन बिल पर मोदी सरकार को बड़ा झटका दिया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नागरिकता संशोधन बिल पर मोदी सरकार को बड़ा झटका दिया है। उद्धव का कहना है कि जब तक चीजें पूरी तरह से साफ नहीं हो जाती, वो राज्यसभा में इस बिल पर केंद्र सरकार का समर्थन नहीं करेंगे। नागरिकता संशोधन विधेयक लोकसभा में पास हो गया है, अब राज्यसभा की बारी है। सूत्रों के हवाले से ऐसी जानकारी मिल रही है कि राज्यसभा में यह बिल बुधवार को पेश हो सकता है। केंद्र सरकार ने इसे राज्यसभा में भी पास कराने की तैयारी शुरू कर दी है। सोमवार को संसद में 311 वोटों के साथ बिल को मजूरी मिलने के बाद अब भाजपा ने 10 और 11 दिसंबर को अपनी पार्टी के राज्यसभा सांसदों के लिए व्हिप जारी किया है। इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आज इस विधेयक को राज्यसभा में भी पारित कराने की पूरी कोशिश होगी।
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- शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने नागरिकता संशोधन बिल पर मोदी सरकार को बड़ा झटका दिया है। उद्धव का कहना है कि जब तक चीजें पूरी तरह से साफ नहीं हो जाती, वो राज्यसभा में इस बिल पर केंद्र सरकार का समर्थन नहीं करेंगे। उन्होंने बताया कि बिल को लेकर कुछ बदलाव करने की मांग उन्होंने की है। उद्धव ठाकरे ने कहा- जो कोई असहमत होता है, वह देहद्रोही होता है, यह (भाजपा) उनका भ्रम है। यह एक भ्रम है कि केवल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को देश की परवाह है। हमने नागरिकता संशोधन बिल को लेकर सुझाव दिया है। हम चाहते हैं कि इसे राज्यसभा में गंभीर से लिया जाए। ये शरणार्थी कहां रहेंगे? किस राज्य में रहेंगे? यह सब स्पष्ट किया जाना चाहिए।
- लोकसभा में भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने बगैर सबूत के उन्हें बदनाम करने को लेकर मोतिहारी (बिहार) के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) शैशव यादव के खिलाफ विशेषाधिकार हनन प्रस्ताव दिया।
- महिलाओं के खिलाफ अपराध पर सवाल के जवाब में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने कहा कि आपराधिक कानून (संशोधन) अधिनियम, 2018 में 12 साल से कम उम्र की लड़की से दुष्कर्म के लिए मृत्युदंड सहित और भी कड़े दंडात्मक प्रावधानों का प्रावधान किया था। अधिनियम में प्रत्येक 2 महीने के भीतर जांच पूरी होने और परीक्षण को अनिवार्य किया गया है।
- दिल्ली: राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल संसद पहुंचे।
- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के नए केंद्र शासित प्रदेशों के विकास पर एक प्रश्न के लिखित उत्तर में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने लोकसभा में कहा कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के संघ शासित प्रदेशों के सरकारी कर्मचारियों के भत्ते के लिए 7 वें वेतन आयोग के तहत लगभग 7,00 करोड़ रुपये स्वीकृत।
- नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर कांग्रेस और अन्य विपक्षी पार्टियों ने भी कमर कस ली है। कांग्रेस और पीडीपी ने अपने राज्यसभा सांसदों को व्हिप जारी कर कल सदन में मौजूद रहने का निर्देश दिया है।
- शिवसेना लोकसभा के बाद राज्यसभा में भी नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन करेगी। अरविंद सावंत से जब राज्यसभा में बिल को समर्थन करने पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा- अलग-अलग भूमिका होती क्या हमारी? राष्ट्र की चिंता की भूमिका लेकर शिवसेना खड़ी रहती है। इस पर किसी का एकाधिकार नहीं है।
- कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने दुष्कर्म की बढ़ती घटनाओं पर केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा- यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हर मुद्दे पर बोलने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस मामले (महिलाओं के खिलाफ अपराध) में चुप हैं।
- कांग्रेस सांसद राहुल गांधी का कहना है कि नागरिकता संशोधन विधेयक भारतीय संविधान पर हमला है। बता दें कि यह बिल सोमवार को लोकसभा में पारित हो गया है।
- जम्मू-कश्मीर के मामले पर लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने कहा- कश्मीर में हालात पूरी तरह से सामान्य हैं, इसमें कोई दो राय नहीं। हां, मैं कांग्रेस के हालात सामान्य नहीं कर सकता हूं, क्योंकि उन्हें आर्टिकल 370 हटाने के बाद खून-खराबे की उम्मीद थी। ऐसा कुछ नहीं हुआ, अभी तक एक भी गोली नहीं चली है। कश्मीर में 99.5 फीसदी छात्र परीक्षाओं में उपस्थित हुए हैं, श्रीनगर में 7 लाख लोगों ने ओपीडी सेवा ली है। कर्फ्यू और धारा 144 हटाई जा चुकी है, लेकिन अधीर रंजन चौधरी जी के सामान्य हालात का पैमाना केवल राजनीतिक काम हैं। स्थानीय चुनाव भी हुए हैं।
-कांग्रेस सांसद के सुरेश ने महिलाओं, बच्चों और एससी/एसटी के खिलाफ हिंसा के मुद्दे पर लोकसभा में दिया जीरो आवर का नोटिस।
-टीएमसी सांसद सुगाता रॉय ने जेएनयू छात्रों पर दिल्ली पुलिस द्वारा लाठीचार्ज के मुद्दे पर लोकसभा में दिया जीरो आवर नोटिस।
- नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में संसद परिसर में लेफ्ट पार्टियों का प्रदर्शन जारी है। कई विपक्षी पार्टियां इस बिल का विरोध कर रही हैं। लोकसभा में इस बिल को पास कराने के बाद अब राज्यसभा में भाजपा की अग्निपरीक्षा होगी।
- भाजपा सांसद आरके सिन्हा ने वरिष्ठ गणितज्ञ वशिष्ठ नारायण सिंह को पद्म पुरस्कार देने और उनके नाम पर पटना यूनिवर्सिटी का नाम रखने की मांग को लेकर राज्यसभा में दिया जीरो आवर नोटिस। हाल ही में वशिष्ठ नारायण सिंह का हो गया था निधन।
- प्याज की कीमतों को लेकर कांग्रेस की सांसद छाया वर्मा ने राज्यसभा में जीरो आवर नोटिस दिया है। प्याज की कीमतें घटने का नाम नहीं ले रही हैं। देश के ज्यादातर हिस्सों में प्याज की कीमत 100 रुपये के पार है।
- केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल रीजनल कॉम्प्रिहेंसिव इकोनॉमिक पार्टनरशिप (RCEP) में भारत की स्थिति को लेकर आज राज्यसभा में बयान देंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पिछले दिनों असियान देशों के RCEP में शामिल होने से इनकार कर दिया था, क्योंकि उसे इन देशों से अपना व्यापार घाटा बढ़ने का खतरा था।
- गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में आज आर्म्स अमेंडमेंट बिल पेश करेंगे। वैसे, कहा यह भी जा रहा है कि राज्यसभा में आज नागरिक संशोधन विधेयक भी पेश हो सकता है। ये बिल सोमवार को लोकसभा में पारित हो गया है।
- असम के डिब्रुगढ़ में नागरिकता संशोधन विधेयक के विरोध में छात्र संगठन AASU विरोध प्रदर्शन कर रहा है। यहां छात्र संगठन ने 12 घंटों का बंद बुलाया है। इसकी वजह से यहां दुकाने नहीं खुली हैं और सड़कों पर टायर जले नजर आ रहे हैं।
लोकसभा में बिल को 311 वोटों का समर्थन
लोकसभा में सोमवार को 311 वोटों के साथ नागरिकता संशोधन विधेयक को मजूरी मिली। इस बिल के पास होने के बाद पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बंग्लादेश से आने वाले गैर मुस्लिम शरणार्थियों के लिए भारत में नागरिकता का रास्ता तैयार होने लगा है। विधेयक पेश किए जाने से लेकर इसे पारित किए जाने तक विपक्ष के घोर विरोध के बीच भाजपा व सहयोगी दलों के साथ साथ कुछ गैर राजग दलों ने भी इसे बड़े बहुमत से पारित करा लिया।
क्या राज्यसभा में पास हो पाएगा बिल?
भाजपा को राज्यसभा में भी नागरिक संशोधन विधेयक को पास कराने के लिए जितनी सीटों की दरकार है, वो एनडीए के दलों के अलावा शिवसेना, वाईएसआर कांग्रेस और बीजू जनता दल के समर्थन के साथ आसानी से पूरी हो सकती है। राज्यसभा में नागरिकता संशोधन बिल को पास कराने के लिए भाजपा को 239 सीटों के सापेक्ष 120 सीटों के आंकड़े को अपने पक्ष में करने की जरूरत है।
ये है राज्यसभा का गणित!
अगर राज्यसभा की बात करें, तो भाजपा के पास अभी 83 सांसद हैं। इसके अलावा जनता दल यूनाइटेड के छह, एआइएडीएमके के 11 और अकाली दल के तीन सांसद एवं 12 नामित सांसदों का समर्थन भी भाजपा के समर्थन में हैं। इन सब के अलावा नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी और वाइएसआर कांग्रेस भी इस बिल का राज्यसभा में समर्थन कर सकती हैं। इस तरह यह माना जा रहा है कि भाजपा राज्यसभा में बिल को आसानी से पास कराने में कामयाब हो सकेगी। हालांकि, राजनीति में ऊंट किस करवट बैठेगा, यह अनुमान लगा पाना बेहद मुश्किल होता है। कौन-सी पार्टी कब अपना रुख बदल ले, ये कहा नहीं जा सकता है।
विधेयक से नागरिकता को लेकर ये होने जा रहे बड़े बदलाव
नागरिकता के लिए जरूरी 11 साल की अनिवार्यता खत्म कर इसे छह साल कर दी गई है। यानी 2021 में होने वाले पश्चिम बंगाल, असम, केरल चुनाव तक कई राज्यों में ऐसे गैर मुस्लिम मतदाताओं की संख्या बढ़ेगी जो नागरिकता की चाह लिए वर्षो से भारत मे रह रहे थे। अपुष्ट सूत्रों के अनुसार माना जा रहा है कि देश में फिलहाल लगभग दो करोड़ ऐसे लोग हैं जो विभिन्न राज्यों में बसे हैं। ध्यान रहे कि नागरिकता संशोधन विधेयक में उत्तर पूर्व के राज्यों को छूट दे दी गई है। वहां ये नियम लागू नहीं होंगे और ऐसे में भाजपा के खिलाफ वहीं किसी आंदोलन की आशंका खत्म हो गई है। असम में कुछ हिस्सों को छोड़कर बाकी के स्थानों पर यह लागू होगा। ऐसे में बंग्लादेश से आने वाले शरणार्थियों के लिए असम और पश्चिम बंगाल, ओडिशा सबसे मुफीद होगा। जबकि पाकिस्तान और अफगानिस्तान से आने वाले शरणार्थियों के लिए पंजाब, राजस्थान, हरियाणा समेत पूरा मध्य भारत है।