छत्तीसगढ़: मुख्यमंत्री बघेल ने विधान सभा में पेश किया बजट, कहा- वक्त मुश्किल है, नहीं थमने देंगे रफ्तार
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 97 हजार 106 करोड़ रुपये का बजट विधान सभा में पेश किया। 3702 करोड़ रुपये के घाटे के इस बजट में मुख्यमंत्री बघेल ने प्रदेश के हर वर्ग और क्षेत्र के लिए प्रविधान रखा है।
रायपुर, राज्य ब्यूरो। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोमवार को वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 97 हजार 106 करोड़ रुपये का बजट विधान सभा में पेश किया। कोरोना की वजह से आए आर्थिक संकट के बीच बजट पेश करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वक्त मुश्किल है, इसके बावजूद विकास थमने नहीं देंगे। करीब 3,702 करोड़ रुपये के घाटे के इस बजट में मुख्यमंत्री बघेल ने प्रदेश के हर वर्ग और क्षेत्र के लिए प्रविधान रखा है।
मुख्यमंत्री ने बजट में मत्स्य पालन को कृषि के समान दर्जा देने की घोषणा की
अपना तीसरा बजट पेश करते हुए उन्होंने कहा कि हम केवल शहर बनाने नहीं, बल्कि शहर बसाने में भी विश्वास रखते हैं। बजट में मत्स्य पालन को कृषि के समान दर्जा देने की घोषणा की गई है। परंपरागत ग्रामीण व्यावसायिक कौशल को पुनर्जीवित करने के लिए चार नए विकास बोर्डों तेलघानी, चर्म शिल्पकार, लौह शिल्पकार एवं रजककार विकास बोर्ड के गठन करने का एलान किया है।
ग्रामीण कृषि भूमिहीन श्रमिकों के लिए नई न्याय योजना
ग्रामीण कृषि भूमिहीन श्रमिकों के लिए नई न्याय योजना प्रारंभ की जाएगी। बजट में श्री राम वनगमन पर्यटन परिसर के लिए बजट 30 करोड़ का प्रविधान किया गया है। प्रदेश में 119 नए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल और नवा रायपुर में राष्ट्रीय स्तर के बोर्डिग स्कूल की स्थापना के साथ पढ़ना-लिखना योजना के लिए पांच करोड़ 85 लाख रुपये दिए गए हैं।
बघेल ने की 11 नई तहसीलों की घोषणा
प्रशासन को लोगों के करीब पहुंचाने की कोशिश करते हुए बघेल ने 11 नई तहसीलें और पांच नए अनुविभागों के साथ रायपुर पश्चिम, जांजगीर-चांपा के साथ नक्सल आपरेशन के लिए मानपुर, बीजापुर और भानुप्रतापपुर में पांच नए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय की स्थापना की घोषणा की।
2023 तक नल से शुद्घ पेयजल आपूर्ति का लक्ष्य निर्धारित
राज्य के 45 लाख 48 हजार ग्रामीण घरों को वर्ष 2023 तक नल से शुद्घ पेयजल आपूर्ति का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अमृत योजना में शामिल नौ शहरों में दिसंबर 2018 तक स्वच्छ पेयजल के लिए 23 हजार 876 नल कनेक्शन दिए गए थे। यह संख्या अब बढ़कर डेढ़ लाख हो चुकी है। अमृत मिशन योजना के लिए इस वर्ष 220 करोड़ का प्रविधान रखा गया है।
बजट में सड़कों के निर्माण के लिए 1200 करोड़ रुपये
बजट में सड़कों के निर्माण के लिए करीब 1200 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है। मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना में पहुंच विहीन शासकीय भवनों व कार्यालयों को जोड़ा जा रहा है।