भारत के प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने रद किया विदेश दौरा
प्रधान न्यायाधीश को 17 नवंबर को सेवानिवृत्त होने से पहले कुछ दक्षिण अमेरिकी देशों मध्य पूर्व और कुछ अन्य देशों की यात्रा पर जाना था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई ने अपनी विदेश यात्रा रद कर दी है। उन्हें आधिकारिक कार्यक्रमों में शामिल होने विदेश जाना था।
सेवानिवृत्त होने से पहले दक्षिण अमेरिकी देशों की यात्रा पर जाना था
सूत्रों ने बताया कि अयोध्या मामले में पीठ का नेतृत्व करने वाले गोगोई ने कुछ अनिवार्यताओं के चलते अपनी विदेश यात्रा को रद कर दिया है। प्रधान न्यायाधीश को 17 नवंबर को सेवानिवृत्त होने से पहले कुछ दक्षिण अमेरिकी देशों, मध्य पूर्व और कुछ अन्य देशों की यात्रा पर जाना था।
पिछले साल तीन अक्टूबर को 46वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी
सूत्रों ने यह भी बताया कि प्रधान न्यायाधीश ने प्रस्तावित विदेश यात्राओं को अंतिम रूप मिलने से पहले इन्हें रद कर दिया। गोगोई ने पिछले साल तीन अक्टूबर को भारत के 46वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ली थी।
उम्मीद है हिंदुओं की आस्था को ध्यान में रखेगा सुप्रीम कोर्ट: प्रिंस याकूब
हैदराबाद के मुगल वंशज प्रिंस याकूब हबीबुद्दीन तूसी ने बुधवार को उम्मीद जताई कि अयोध्या विवाद पर फैसला सुनाने से पहले सुप्रीम कोर्ट सौ करोड़ हिंदुओं की आस्था को ध्यान में रखेगा।प्रिंस याकूब ने कहा, 'हमें उम्मीद है कि वहां मंदिर का निर्माण किया जाएगा। मैंने वादा किया था कि हम सोने की ईंट देने जा रहे हैं।'
अयोध्या में विवादित जमीन पर मस्जिद का निर्माण नहीं किया जा सकता
उन्होंने लोगों से आग्रह किया कि वे मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड और एमआइएमआइएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी की बातों में न आएं क्योंकि यह संपत्ति बाबर की है। मालूम हो कि प्रिंस याकूब ने पहले दावा किया था कि उन्हें मिस्त्र की अल-अजहर यूनिवर्सिटी से फतवा मिला था जिसमें कहा गया था कि अयोध्या में विवादित जमीन पर मस्जिद का निर्माण नहीं किया जा सकता। प्रिंस याकूब ने बताया कि उन्होंने पहले अल-अजहर यूनिवर्सिटी को एक पत्र लिखा था जिसमें उन्होंने बताया था कि कैसे अयोध्या में विवादित ढांचे को ढहाया गया और अब वहां हिंदू पूजा करते हैं।