संकट वाले राज्य में छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी बन रहे संजीवनी, कई राज्‍यों का दिया गया जिम्‍मा

देश में कांग्रेस की राज्य इकाइयों में जहां-जहां संकट खड़ा हो रहा है वहां छत्तीसगढ़ के नेताओं को जिम्मेदारी देकर आलाकमान संजीवनी के रूप में पेश कर रहा है। राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार से पहले घोषणा पत्र के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए मंत्री ताम्रध्वज साहू को भेजा गया।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Mon, 02 Aug 2021 09:49 PM (IST) Updated:Mon, 02 Aug 2021 09:49 PM (IST)
संकट वाले राज्य में छत्तीसगढ़ के कांग्रेसी बन रहे संजीवनी, कई राज्‍यों का दिया गया जिम्‍मा
छत्तीसगढ़ के नेताओं को जिम्मेदारी देकर आलाकमान संजीवनी के रूप में पेश कर रहा

 रायपुर, राज्य ब्यूरो। देश में कांग्रेस की राज्य इकाइयों में जहां-जहां संकट खड़ा हो रहा है, वहां छत्तीसगढ़ के नेताओं को जिम्मेदारी देकर आलाकमान संजीवनी के रूप में पेश कर रहा है। राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार से पहले घोषणा पत्र के क्रियान्वयन की समीक्षा के लिए मंत्री ताम्रध्वज साहू को भेजा गया। ताम्रध्वज साहू ने राजस्थान में पार्टी नेताओं से मुलाकात की। इस दौरान चुनाव घोषणा पत्र में किए गए वादों की समीक्षा की।

राजस्थान में ताम्रध्वज, त्रिपुरा में सिंहदेव को दिया जिम्मा, आलाकमान को सौंपेंगे रिपोर्ट

कांग्रेस ने राजस्थान में आधे से ज्यादा वादों को पूरा करने का दावा किया है। इसकी रिपोर्ट ताम्रध्वज साहू केंद्रीय संगठन को सौंपेंगे। वहीं, त्रिपुरा में कांग्रेस छोड़कर दूसरी पार्टियों में जा रहे नेताओं को बचाने का जिम्मा कैबिनेट मंत्री टीएस सिंहदेव को दिया गया। मंत्री सिंहदेव ने सोमवार को त्रिपुरा में कांग्रेस नेताओं की बैठक ली। उनके साथ केंद्रीय संगठन ने अविनाश पांडे को भेजा है।

सिंहदेव ने बताया कि त्रिपुरा में तृणमूल कांग्रेस और भाजपा विधानसभा चुनाव से पहले जोड़तोड़ में जुटी है। कांग्रेस नेताओं से संपर्क किया जा रहा है। केंद्रीय संगठन के निर्देश पर पार्टी नेताओं से मुलाकात की है। इस दौरान लोगों की शिकायतों को लेकर विस्तार से चर्चा की गई है। प्रदेश संगठन से नेताओं की नाराजगी नहीं है, लेकिन विपक्षी दल के लोग संपर्क करके कांग्रेस को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं।

कांग्रेस के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो त्रिपुरा में 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और तृणमूल कांग्रेस अपने-अपने दलों को मजबूत करने की कोशिश में है। ऐसे में कांग्रेस के प्रभावशाली लोगों को अपने पाले में करने की कवायद शुरू हो गई है। तृणमूल कांग्रेस के एक दर्जन नेता पिछले एक सप्ताह से अगरतला में सक्रिय हैं और अलग-अलग दलों के नेताओं से संपर्क साध रहे हैं।

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