छत्तीसगढ़ में बघेल को प्रियंका और टीएस सिंह देव को राहुल गांधी का का साथ मिलने से जारी है संघर्ष

छत्तीसगढ़ में दरअसल उक्त मामले में बघेल को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का साथ मिला है तो दूसरे धड़े के नेता व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का। यही वजह है कि बघेल को अपनी कुर्सी अब भी सुरक्षित नहीं लगी रही।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Thu, 14 Oct 2021 12:05 AM (IST) Updated:Thu, 14 Oct 2021 12:05 AM (IST)
छत्तीसगढ़ में बघेल को प्रियंका और टीएस सिंह देव को राहुल गांधी का का साथ मिलने से जारी है संघर्ष
छत्तीसगढ़ में बघेल को प्रियंका और टीएस सिंह देव को राहुल गांधी का का साथ मिलने से जारी है संघर्ष

मृगेंद्र पांडेय, रायपुर। छत्तीसगढ़ में ढाई-ढाई साल के सस्ता बंटवारे के मामले में विजेता बनकर उभरे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अब भी लाबिंग में क्यों लगे हुए हैं, इसकी वजह अब सामने आई है। दरअसल, उक्त मामले में बघेल को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का साथ मिला है तो दूसरे धड़े के नेता व स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव को पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का। यही वजह है कि बघेल को अपनी कुर्सी अब भी सुरक्षित नहीं लग रही है। इसी कारण वह आलाकमान की ओर से आश्वासन मिलने के बाद भी विधायकों के जरिये दिल्ली में शक्ति प्रदर्शन कराकर अपनी स्थिति मजबूत करना चाहते थे। अब वह सत्ता के साथ ही संगठन में भी पकड़ को मजबूत करना चाहते हैं, जिससे उनके हाथ से सत्ता की चाबी किसी भी हाल में छूटने न पाए।

सूत्र बताते हैं कि मुख्यमंत्री को लेकर विवाद के बीच जब राहुल गांधी के आवास पर दिल्ली में बैठक हो रही थी तब प्रियंका गांधी के हस्तक्षेप के बाद ही मामले को आगे के लिए टाल दिया गया था। इस बैठक के बाद मंत्री सिंहदेव ने कहा था कि मामला आलाकमान के पास पेंडिंग हैं, जबकि बघेल ने कहा था कि ढाई-ढाई साल का कोई फार्मूला ही नहीं था।

अब कांग्रेस की राजनीति के जानकारों का कहना है कि राष्ट्रीय स्तर पर पार्टी का एक धड़ा राहुल तो दूसरा प्रियंका गांधी के साथ है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को राहुल गांधी के पक्ष में माना जा रहा है। राष्ट्रीय स्तर पर युवा नेताओं की टीम इस समय प्रियंका के साथ नजर आ रही है। पंजाब में जो निर्णय लिया गया, उसमें भी प्रियंका की भूमिका अहम रही है। प्रियंका के करीबी होने के कारण उत्तर प्रदेश चुनाव में बघेल को वरिष्ठ पर्यवेक्षक बनाया गया। इतना कुछ होने के बाद भी बघेल आश्वस्त नहीं हैं। उनको कुर्सी का खतरा डरा रहा है।

इस तरह राहुल को साधने की कोशिश राजनीति के गलियारों में चर्चा है कि छत्तीसगढ़ की राजनीति में विधायकों के दमदार समर्थन के बाद अब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल संगठन में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराने की तैयारी में है। साथ ही कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को भी साधने की कोशिश में हैं। यही वजह है कि कांग्रेस प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में सीएम बघेल की कोशिश है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के लिए राहुल गांधी के नाम पर सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास हो। इसको कांग्रेस वर्किंग कमेटी में रखा जाएगा।

सिंह देव भी सक्रिय प्रदेश की राजनीति प्रतिदिन करवट बदल रही है। सीएम बघेल के करीबी नेताओं ने उत्तर प्रदेश चुनाव में जिम्मेदारी मिलने के बाद दावा किया कि ढाई-ढाई साल का फार्मूला फेल हो गया। लखनऊ में प्रियंका से सीएम बघेल की मुलाकात हुई। इसके बाद मंगलवार को एक बार फिर सिंह देव दिल्ली पहुंचे और पार्टी के महासचिव केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की। वेणुगोपाल टीम राहुल के मजबूत स्तंभ हैं।

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