छत्तीसगढ़ी भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल कराने की तैयारी, मुख्यमंत्री बघेल ने PM मोदी को लिखा पत्र

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ी भाषा को प्राथमिकता से आठवीं अनुसूची में शामिल करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Sun, 16 Aug 2020 12:02 PM (IST) Updated:Sun, 16 Aug 2020 12:02 PM (IST)
छत्तीसगढ़ी भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल कराने की तैयारी, मुख्यमंत्री बघेल ने PM मोदी को लिखा पत्र
छत्तीसगढ़ी भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल कराने की तैयारी, मुख्यमंत्री बघेल ने PM मोदी को लिखा पत्र

रायपुर, जेएनएन। छत्तीसगढ़ी भाषा को 8वीं अनुसूची में शामिल करने की तैयारी की जा रही है। इसको लेकर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ी भाषा को प्राथमिकता से आठवीं अनुसूची में शामिल करने को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। बघेल ने पीएम से आग्रह किया है कि भारतीय गणतंत्र के 26वें राज्य छत्तीसगढ़ के गठन का यह बीसवां वर्ष है, लेकिन सांस्कृतिक दृष्टि से इस राज्य की पृथक पहचान का इतिहास अत्यंत प्राचीन है। छत्तीसगढ़ राज्य की भाषा छत्तीसगढ़ी का भी इतिहास है।

छत्तीसगढ़ी का व्याकरण हीरालाल काव्योपाध्याय ने तैयार किया था, जिसका संपादन और अनुवाद प्रसिद्ध भाषाशास्त्री जार्ज ए. ग्रियर्सन ने किया था, जो सन 1890 में जर्नल ऑफ द एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल में प्रकाशित हुआ था। छत्तीसगढ़ी को आठवीं अनुसूची में शामिल करने के संबंध में केंद्र शासन द्वारा यह अवगत कराया जाता रहा है कि छत्तीसगढ़ी सहित देश की अन्य भाषाओं को आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना विचाराधीन है। इस परिप्रेक्ष्य में छत्तीसगढ़ राज्य की पौने तीन करोड़ जनता की भावना के अनुरूप आपसे अनुरोध है कि इसको प्राथमिकता से आठवीं अनुसूची में शामिल किया जाना आवश्यक है।

स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सीएम भूपेश बघेल ने देश और प्रदेशवासियों को शुभकामनाएं दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि आज का शुभ दिन हमें हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के संकल्प और सपनों को न्याय के रास्ते पर चलकर पूरा करने का संदेश देते हुए संकल्पबद्ध रहने की प्रेरणा देता है।

इस दौरान उन्होंने राज्य को कई बड़ी योजनाओं की सौगात दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में मजदूरों का भला हो सके, इसके लिए भूमिहीन किसानों के लिए मजदूर न्याय योजना की शुरूआत की जाएगी। लोगों को रोजगार मिल सके, इसके लिए रायपुर में फिल्म सिटी का निर्माण किया जाएगा। छत्तीसगढ़ के व्यंजनों को पहचान मिल सके, इसके लिए हर जिले में खान-पान रेस्टोरेंट 'गढ़ कलेवा' खोला जाएगा। इस दौरान उन्होंने राज्य में नए उद्यानिकी कॉलेज, खाद्य तकनीकी कॉलेज और विशिष्ट पॉलिटेक्निक कॉलेज खोलने का ऐलान किया।

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