केंद्र ने कहा- बिहार देश का सबसे पिछड़ा राज्य; राजद ने नीतीश कुमार का मजाक उड़ाया

संसद में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने अपने लिखित जवाब में कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक बिहार का समग्र स्कोर (100 में से 52) सभी राज्यों में सबसे कम है। उन्होंने कहा कि सूचकांक में 115 संकेतकों का इस्तेमाल किया गया है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Thu, 29 Jul 2021 06:43 PM (IST) Updated:Thu, 29 Jul 2021 10:07 PM (IST)
केंद्र ने कहा- बिहार देश का सबसे पिछड़ा राज्य; राजद ने नीतीश कुमार का मजाक उड़ाया
बिहार के मुख्‍यमंत्री और जनता दल यूनाइटेड के नेता नीतीश कुमार

 नई दिल्‍ली, एजेंसी। बिहार भारत का सबसे पिछड़ा राज्य है, केंद्र ने संसद में एक रिपोर्ट के हवाले से कहा है। इस बयान ने बिहार में एक नया राजनीतिक विवाद खड़ा कर दिया है, जिसमें सत्तारूढ़ भाजपा नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली सरकार का हिस्सा है। केंद्र सरकार लोकसभा में नीतीश कुमार की जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) के सांसद और संसद में पार्टी के नेता राजीव रंजन सिंह के एक सवाल का जवाब दे रही थी।

जेडीयू सांसद ने पूछा था सवाल

राजीव रंजन सिंह ने पूछा कि क्या नीति आयोग की 2020-21 की सतत विकास लक्ष्य रिपोर्ट में कहा गया है कि बिहार देश का सबसे पिछड़ा राज्य है। "यदि हां, तो बिहार राज्य के पिछड़ेपन के कारण क्‍या है। इसमें यह भी पूछा गया कि क्या केंद्र सरकार बिहार के लिए विशेष दर्जे की "लंबे समय से लंबित मांग" पर विचार कर रहा है। वहीं, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने के संबंध में भी सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया कि 14वें वित्त आयोग की अनुशंसा के अनुसार अब विशेष राज्य और सामान्य राज्य को मिलने वाले टैक्स शेयर के बंटवारे में कोई फर्क नहीं रह गया है। लिहाजा बिहार को केंद्र के राजस्व में अब 32 की बजाय 42 फीसद हिस्सा मिल रहा है। योजनाओं को लागू करने के लिए यह ज्यादा माकूल स्थिति है।नीति आयोग ने कुछ दिनों पहले राज्यों की स्थिति पर एक रिपोर्ट जारी की थी।

नीति आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, बिहार का समग्र स्‍कोर सबसे कम

संसद में केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने अपने लिखित जवाब में कहा कि नीति आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक, बिहार का समग्र स्कोर (100 में से 52) सभी राज्यों में सबसे कम है। उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा सतत विकास लक्ष्य के 16 मानकों पर 115 संकेतकों (इंडिकेटर) के आधार पर तय किया जाता है। बता दें कि कुछ मानकों पर बिहार ऊपर है, जैसे पेयजल। लेकिन कुल अंक बिहार के निम्नतम हैं।। मंत्री ने बिहार के खराब स्कोर के लिए गरीबी जैसे कारकों को जिम्मेदार ठहराया, जो 15 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों में सबसे खराब साक्षरता दर और सबसे कम मोबाइल उपयोग और इंटरनेट का उपयोग शामिल है।

राव इंद्रजीत सिंह ने कहा कि बिहार की आबादी का एक उच्च अनुपात (33.74 फीसद) गरीबी रेखा से नीचे रहता है और 52.5 फीसद बहुआयामी गरीबी से पीड़ित है। केवल 12.3 फीसद परिवारों के पास स्वास्थ्य बीमा द्वारा कवर किया गया कोई भी सामान्य सदस्य है। पांच साल से कम उम्र के अविकसित बच्चे 42 फीसद हैं, जो देश में सबसे अधिक है। 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग में इसकी साक्षरता सबसे कम (64.7 प्रतिशत) है। उन्होंने संसद को यह भी बताया कि बिहार में सबसे कम मोबाइल टेली घनत्व (50.65 प्रति 100 लोग) और सबसे कम इंटरनेट ग्राहक (प्रति 100 लोग 30.99) हैं।

डबल इंजन वाली सरकार पर कसा तंज

बिहार के विपक्षी राजद (राष्ट्रीय जनता दल) ने इसे लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर तंज कसा और कहा कि संसद के एक्सचेंज को जब्त कर लिया जाए। बिहार विधानसभा में इस मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए तेजस्वी यादव ने पूछा कि डबल इंजन वाली सरकार के बावजूद बिहार सभी मानकों पर क्यों फिसल रहा है।

नीति आयोग एसडीजी (सतत विकास लक्ष्य) सूचकांक 2021 के अनुसार, शीर्ष पांच राज्‍य हैं

1. केरल

2. हिमाचल प्रदेश और तमिलनाडु

3. आंध्र प्रदेश, गोवा, कर्नाटक, उत्तराखंड

4. सिक्किम

5. महाराष्ट्र

नीचे के तीन सबसे पिछड़े राज्य असम, झारखंड और बिहार हैं।

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