बीएसएफ की शक्ति बढ़ाने का मामला : चिदंबरम ने की थी अधिक अधिकार देने की पहल, 2011 में पेश हुआ था विधेयक

बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर किए जाने को भले ही कांग्रेस संघीय ढांचे के खिलाफ करार दे रही है लेकिन सच्चाई यह भी है कि संप्रग सरकार के दौरान तत्कालीन गृह मंत्री चिदंबरम ने बीएसएफ को इससे भी ज्यादा अधिकार देने की कोशिश की थी।

By TaniskEdited By: Publish:Fri, 15 Oct 2021 09:23 PM (IST) Updated:Fri, 15 Oct 2021 09:23 PM (IST)
बीएसएफ की शक्ति बढ़ाने का मामला : चिदंबरम ने की थी अधिक अधिकार देने की पहल, 2011 में पेश हुआ था विधेयक
मौजूदा अध्यादेश में बीएसएफ को 2011 की तरह अत्यधिक शक्ति नहीं दी गई।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर किए जाने को भले ही कांग्रेस संघीय ढांचे के खिलाफ करार दे रही है, लेकिन सच्चाई यह भी है कि संप्रग सरकार के दौरान तत्कालीन गृह मंत्री पी चिदंबरम ने बीएसएफ को इससे भी ज्यादा अधिकार देने की कोशिश की थी। उस समय भाजपा ने इसका विरोध किया था, लेकिन बंगाल और पंजाब सरकार ने चुप्पी साध ली थी।

2011 में चिदंबरम ने राज्यसभा में बीएसएफ एक्ट में संशोधन का विधेयक पेश किया था। चिदंबरम का कहना था कि विधेयक पेश करने के पहले सभी 29 राज्यों से राय मांगी गई थी। इनमें से 13 राज्यों ने अपनी राय दी थी। इनमें केवल सिक्किम ने बीएसएफ को अत्यधिक शक्ति देने को राज्य के अधिकार क्षेत्र में दखल करार दिया था। इसके तहत बीएसएफ को 15 किलोमीटर के दायरे में राज्य में कहीं भी तलाशी लेने, जब्ती करने और गिरफ्तार करने का अधिकार दिया गया था। मार्च 2012 में विधेयक पर राज्यसभा में बहस के दौरान भाजपा ने तीखा विरोध किया था। अब भाजपा का तर्क है कि जिस तरह ड्रोन सीमा के अंदर 20-20 किलोमीटर तक भेजे जा रहे हैं, उसे देखते हुए यह अधिकार दिया जाना सही है।

हैरानी की बात यह है कि बीएसएफ के क्षेत्राधिकार को 15 से बढ़ाकर 50 किलोमीटर किए जाने पर तीखा विरोध करने वाले बंगाल ने पूरे राज्य में तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी के अधिकार का समर्थन किया था। वहीं पंजाब ने गृह मंत्रालय के बार-बार कहने के बावजूद कोई प्रतिक्रिया नहीं दी थी, जबकि पंजाब सरकार मौजूदा समय में विधेयक का विरोध कर रही है।

गृह मंत्रालय के अनुसार, मौजूदा अध्यादेश में बीएसएफ को 2011 की तरह अत्यधिक शक्ति नहीं दी गई है। बल्कि उसे सिर्फ ड्रग्स व हथियारों की तस्करी और अवैध घुसपैठ के मामले में यह अधिकार दिया गया है। इन इलाकों में सामान्य पुलिसिंग का अधिकार राज्य पुलिस के अधीन ही होगा। इसके साथ ही विभिन्न राज्यों में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र के अलग-अलग होने को भी एक समान किया गया है।

अभी तक गुजरात में 80 किलोमीटर, राजस्थान में 50 किलोमीटर और पंजाब, बंगाल व असम जैसे राज्यों में 15 किलोमीटर का अधिकार क्षेत्र था। अब सभी राज्यों में इसे 50 किलोमीटर कर दिया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि बदलती हुई चुनौतियों को देखते हुए समय-समय पर बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में परिवर्तन किया जाता रहा है। 1972 से पहले बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र सिर्फ पांच किलोमीटर के दायरे में था, जिसे पाकिस्तान के साथ युद्ध के बाद बढ़ाकर 15 किलोमीटर किया गया था।

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