सरकार का दो टूक, ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम्स भारत विरोधी मुहिम में शामिल

दुष्प्रचार पर वार 14 फरवरी को इसी वजह से ब्रिटिश सांसद का ई-बिजनेस वीजा रद किया था-सरकार ने कहा-वीजा खारिज करना किसी भी देश का संप्रभु अधिकार

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Wed, 19 Feb 2020 07:27 AM (IST) Updated:Wed, 19 Feb 2020 07:27 AM (IST)
सरकार का दो टूक, ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम्स भारत विरोधी मुहिम में शामिल
सरकार का दो टूक, ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम्स भारत विरोधी मुहिम में शामिल

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत सरकार के सूत्रों ने मंगलवार को यह स्पष्ट कर दिया कि ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम्स का ई-बिजनेस वीजा उनकी भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल होने के चलते किया गया था। सरकार ने डेबी के भारत आगमन से तीन दिन पहले ही 14 फरवरी को उन्हें इस बारे में जानकारी दे दी थी। सूत्रों ने कहा कि वीजा या इलेक्ट्रॉनिक यात्रा पत्र प्रदान करना, उसे खारिज या निरस्त करना किसी देश का संप्रभु अधिकार है।

अब्राहम्स को पिछले साल सात अक्टूबर को ई-बिजनेस वीजा जारी किया गया था, जो कारोबारी बैठकों में भाग लेने के लिए पांच अक्टूबर, 2020 तक वैध था। एक सूत्र ने कहा, 'भारत के राष्ट्रीय हितों के खिलाफ गतिविधियों में उनके शामिल होने की वजह से 14 फरवरी, 2020 को उनका ई-बिजनेस वीजा रद कर दिया गया। इस वीजा के खारिज होने के बारे में 14 फरवरी को उन्हें सूचित कर दिया गया।'

सूत्रों ने कहा कि अब्राहम्स के पास विगत 18 फरवरी को यहां आइजीआइ एयरपोर्ट पहुंचने पर वैध वीजा नहीं था और इसीलिए उन्हें लौटने को कहा गया। ध्यान रहे कि कश्मीर पर ब्रिटिश संसदीय दल की अध्यक्ष अब्राहम्स को सोमवार को नई दिल्ली हवाई अड्डे पर पहुंचने पर भारत में प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई थी। लेबर पार्टी की सांसद ने कहा था कि वैध वीजा होने के बावजूद उन्हें यहां हवाई अड्डे पर उतरने के बाद भारत से वापस लौटा दिया गया।

आगमन पर वीजा का प्रावधान नहीं

सूत्रों ने कहा कि एयरपोर्ट पर ब्रिटिश नागरिकों के लिए 'आगमन पर वीजा' का कोई प्रावधान नहीं है। उन्होंने अब्राहम्स की इस दलील को खारिज किया कि उन्हें 'आगमन पर वीजा' दिया जाना चाहिए था। नियमों के अनुसार व्यापारिक बैठकों के लिए पहले जारी ई-बिजनेस वीजा का इस्तेमाल दोस्तों और परिजनों से मिलने के लिए नहीं किया जाता, जैसा ब्रिटेन की लेबर पार्टी की सांसद ने कहा था। एक सूत्र ने कहा, 'नियमों के मुताबिक इसकी अनुमति नहीं है और अलग से वीजा आवेदन करना होगा।'

अनुच्छेद 370 हटाने का विरोध किया था

वह उन ब्रिटिश सांसदों के दल में शामिल थीं जिन्होंने पिछले साल अगस्त में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने पर चिंता जताते हुए औपचारिक पत्र जारी किए थे। विपक्षी सांसद ने उस समय ब्रिटेन के विदेश मंत्री डोमिनिक राब को लिखे पत्र में कहा था, 'हम भारत के गृह मंत्री अमित शाह की इस घोषणा से बहुत चिंतित हैं कि जम्मू कश्मीर भारतीय संविधान का अनुच्छेद 370 राष्ट्रपति के आदेश से खत्म कर दिया गया है।'

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने ब्रिटिश सांसद डेबी अब्राहम्स को भारत से वापस भेजे को बहुत जरूरी करार देते हुए कहा कि देश की संप्रभुता पर हमला करने के हर प्रयास को विफल करना होगा। सिंघवी ने ट्वीट कर कहा, 'डेबी अब्राहम्स को भारत से वापस भेजा जाना वाकई जरूरी था क्योंकि वह सिर्फ एक सांसद नहीं, बल्कि पाकिस्तान की कठपुतली हैं जो पाक सरकार और आइएसआइ के साथ अपनी नजदीकियों के लिए जानी जाती हैं। भारत की संप्रभुता पर हमला करने के हर प्रयास को विफल करना होगा।

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