महाराष्ट्र चुनाव में इन भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया पार्टी के खिलाफ काम, जल्द होंगे निष्कासित

सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि एकनाथ खडसे की सभी चिंताओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा और जिसने भी पार्टी के खिलाफ चुनाव में काम किया है उन्हें पार्टी से निकाल दिया जाएगा।

By Pooja SinghEdited By: Publish:Wed, 11 Dec 2019 10:02 AM (IST) Updated:Wed, 11 Dec 2019 12:55 PM (IST)
महाराष्ट्र चुनाव में इन भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया पार्टी के खिलाफ काम, जल्द होंगे निष्कासित
महाराष्ट्र चुनाव में इन भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया पार्टी के खिलाफ काम, जल्द होंगे निष्कासित

मुंबई, एएनआइ। महाराष्ट्र में सियासी तूफान के बाद राज्य में सरकार तो बन गई, लेकिन अब सामने आया है कि कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम किया। दरअसल, भाजपा नेता एकनाथ खडसे ने यह आरोप लगाया है। मुंबई में हुई पार्टी बैठक के दौरान भाजपा नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा कि एकनाथ खडसे की सभी चिंताओं पर विचार-विमर्श किया जाएगा और जिसने भी पार्टी के खिलाफ चुनाव में काम किया है उन्हें पार्टी से निष्कासित कर दिया जाएगा। 

गौरतलब है कि राज्य में हुए विधानसा चुनाव 2019 में सबसे ज्यादा सीटें भाजपा-शिवेसना गठबंधन को मिली थी, लेकिन दोनों पार्टियों में 50-50 के फॉर्मूले पर सहमति नहीं बन पाई। शिवसेना ढाई साल के लिए मुख्‍यमंत्री पद की अपनी मांग पर अड़ी रही, उधर भाजपा भी नहीं झुकी। इसके चलते भाजपा-शिवसेना का गठबंधन टूट गया। इसके बाद काफी दिनों तक राज्य में सरकार गठन को लेकर सियासी उठा-पटक जारी रही। इस दौरान राज्‍यपाल भगत सिंह कोश्‍यारी ने पहले भाजपा, फिर शिवसेना और आखिर में एनसीपी को सरकार गठन का अवसर दिया, लेकिन कोई भी सफल नहीं रहा।

जब भाजपा, शिवसेना और एनसीपी सरकार बनाने में असफल रहे, तब राज्‍यपाल ने महाराष्‍ट्र में राष्‍ट्रपति शासन की सिफारिश कर दी, जिसे मान लिया गया। राष्‍ट्रपति शासन लगने के बाद भी शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच राज्‍य में सरकार गठन को लेकर बैठकों का लंबा दौर चला। इस बीच सबको चौंकाते हुए देवेंद्र फड़नवीस ने अजीत पवार के साथ हाथ मिलकर मुख्‍यमंत्री पद की शपथ ग्रहण कर ली। अजीत पवार ने इस दौरान मंत्री पद की शपथ ली थी। इस फैसले से आहत शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस सुप्रीम कोर्ट पहुंचे।

सुप्रीम कोर्ट ने फड़नवीस को सदन में बहुमत साबित करने को कहा। इसके बाद अजीत पवार ने मंत्री पद से इस्‍तीफा दे दिया। पवार के पीछे हटने पर फड़नवीस ने भी अपना इस्‍तीफा राज्‍यपाल को सौंप दिया। इसके बाद शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने सरकार बनाने का प्रस्‍ताव राज्‍यपाल को दिया और इजाजत मिलने पर उद्धव ठाकरे को मुख्‍यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। इसके बाद सदन में भी शिवसेना ने बहुमत हासिल कर विपक्षियों के इरादों पर पानी फेर दिया।

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