भाजपा शासित राज्यों को पार्टी के निर्देश- सरकार में लोगों को नियुक्त करने से पहले वैचारिक पृष्ठभूमि जांच लें

भाजपा ने सभी पार्टी शासित राज्यों को एक विशेष निर्देश जारी किया है। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने सभी पार्टी शासित राज्य सरकारों को सलाह दी है कि किसी भी व्यक्ति को सरकार में कोई भी पद देने से पहले उसकी उचित वैचारिक पृष्ठभूमि की जांच करें।

By Shashank PandeyEdited By: Publish:Sun, 13 Jun 2021 11:32 AM (IST) Updated:Sun, 13 Jun 2021 11:32 AM (IST)
भाजपा शासित राज्यों को पार्टी के निर्देश- सरकार में लोगों को नियुक्त करने से पहले वैचारिक पृष्ठभूमि जांच लें
भाजपा शासित राज्यों को पार्टी का निर्देश।(फोटो: दैनिक जागरण)

नई दिल्ली, आइएएनएस। भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने सभी पार्टी शासित राज्य सरकारों को सलाह दी है कि किसी भी व्यक्ति को सरकार में कोई भी पद देने से पहले उसकी उचित वैचारिक पृष्ठभूमि की जांच करें। हालांकि पार्टी के सूत्रों का दावा है कि यह एक मौखिक सलाह है और इसको लेकर लिखित निर्देश नहीं दिए गए हैं। भाजपा शासित राज्यों को सरकारी पदों पर नियुक्त करने से पहले व्यक्तियों की पृष्ठभूमि की जांच करने के लिए कहा गया है, जिसमें उनकी राजनीतिक राय और पिछले कार्यों से संबंधित है। सूत्रों ने कहा कि ऐसे व्यक्तियों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे इंटरनेट मीडिया प्लेटफॉर्म की उचित जांच होनी चाहिए, जिसमें भाजपा की केंद्र सरकार, भाजपा, आरएसएस के साथ-साथ उनके राजनीतिक विरोधियों के बारे में उनकी राय भी शामिल है।

भाजपा की ओर से यह कदम मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संचार सलाहकार/विशेष कर्तव्य अधिकारी (ओएसडी) के रूप में तुषार पांचाल की नियुक्ति को लेकर पैदा हुए विवाद के बाद उठाया गया है। अपनी नियुक्ति के एक दिन के भीतर तुषार ने ट्विटर पर घोषणा की कि वह मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की टीम में शामिल नहीं होंगे। इस घटनाक्रम से वाकिफ एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने कहा कि राज्य सरकार ने एक व्यक्ति को सरकार में एक महत्वपूर्ण पद के लिए एक नियुक्त दिया। अपने पुराने इंटरनेट मीडिया पोस्ट के लिए आलोचना का सामना करने के बाद उन्होंने इसे स्वीकार करने से इनकार कर दिया। लेकिन इनकार केंद्रीय नेतृत्व के हस्तक्षेप के बाद आया है।

मध्य प्रदेश भाजपा के एक नेता ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व ने पूछा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पार्टी (भाजपा) और आरएसएस की आलोचना करने वाले व्यक्ति को सरकार का हिस्सा कैसे बनाया जा सकता है। इसको लेकर पता चला है कि केंद्रीय नेतृत्व ने किसी भी तरह की शर्मिंदगी से बचने के लिए सुधारात्मक कदम उठाने की सलाह दी है।

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