भाजपा ने कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन की अटकलों को किया खारिज, येदियुरप्पा बने रहेंगे सीएम

पिछले कुछ समय से कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन की अटकलों को भाजपा ने खारिज कर दिया है। यह अटकलें पार्टी के भीतर से लगाई जा रही थीं। समय-समय बीएस येदियुरप्पा के कामकाज को लेकर शिकायत की जा रही थीं। इन्हीं शिकायतों के मद्देनजर भाजपा कर्नाटक प्रभारी अरुण सिंह बेंगलुरु पहुंचे।

By Arun Kumar SinghEdited By: Publish:Wed, 16 Jun 2021 07:11 PM (IST) Updated:Wed, 16 Jun 2021 07:11 PM (IST)
भाजपा ने कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन की अटकलों को किया खारिज, येदियुरप्पा बने रहेंगे सीएम
भाजपा कर्नाटक प्रभारी अरुण सिंह बेंगलुरु पहुंचे

बेंगलुरु, एजेंसी। पिछले कुछ समय से कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन की अटकलों को भाजपा ने खारिज कर दिया है। यह अटकलें पार्टी के भीतर से लगाई जा रही थीं। समय-समय बीएस येदियुरप्पा के कामकाज को लेकर शिकायत की जा रही थीं। इन्हीं शिकायतों के मद्देनजर भाजपा कर्नाटक प्रभारी अरुण सिंह बेंगलुरु पहुंचे। कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा, भाजपा कर्नाटक प्रभारी अरुण सिंह और कर्नाटक के अन्य मंत्री बैठक में भाग लेने के लिए भाजपा ऑफिस पहुंचे।

इस मौके पर अरुण सिंह ने कहा कि हमारे पार्टी के सभी कार्यकर्ता, विधायक और मंत्री एकजुट हैं। पार्टी में किसी भी प्रकार का कोई डिफरेंस नहीं है। येदियुरप्पा जी के नेतृत्व में अच्छा कार्य हो रहा है। मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों के साथ मिलकर कोरोना में भी अच्छा कार्य किया। कोरोना में हमारे भाजपा कार्यकर्ताओं ने सेवा कार्यक्रम किया। हम इसकी समीक्षा करेंगे। पौधरोपण और प्लास्टिक न उपयोग हो, इस पर कार्य करेंगे। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को धूमधाम से मनाएंगे, इसके लिए आगामी कार्यक्रमों पर बैठकर चर्चा करेंगे।

पिछले दिनों कर्नाटक भाजपा प्रभारी अरुण सिंह ने साफ किया था कि भाजपा प्रमुख को नहीं बदला जाएगा, यह सिर्फ अफवाह फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा कि पार्टी के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष के नेतृत्व में संगठन का काम अच्छा चल रहा है। हम जमीनी स्तर पर अच्छा काम कर रहे हैं।

पिछले दिनों ऐसी खबर आई आई थी कर्नाटक में भाजपा में ही दो धड़े आमने-सामने हो गए थे। कोरोना संकट के दौरान सीएम बीएस येदियुरप्पा सरकार भी अंदरूनी कलह से फंसे रहे। येदियुरप्पा को मुख्यमंत्री पद से हटाने तक की चर्चा गर्म हो गई थी। हालांकि, उनके समर्थक करीब 65 विधायकों ने विरोधियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था।

उन्होंने पत्र लिखकर ऐसे विधायकों के खिलाफ कार्रवाई लेने की मांग कर दी थी, जो अपनी गतिविधियों से सरकार के लिए परेशानी का सबब बन रहे थे। पिछले दिनों पंचामशाली लिंगायतों को आरक्षण के मुद्दे पर भी विवाद हुआ और फिर कोविड मैनेजमेंट को लेकर भी सीएम अपने मंत्रियों और विधायकों के निशाने पर रहे हैं।

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