असम में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को लगा झटका, भाजपा के सहयोगी बीपीएफ ने कांग्रेस से मिलाया हाथ

बीपीएफ के मुखिया हगरामा मोहिलारी ने ट्वीट कर कहा कि असम में शांति एकता और विकास के लिए पार्टी ने कांग्रेस गठबंधन के साथ जाने का फैसला किया है। उन्होंने यह भी कहा कि बीपीएफ का अब किसी भी तरह से भाजपा के साथ दोस्ताना संबंध नहीं रहेगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Publish:Sun, 28 Feb 2021 11:10 PM (IST) Updated:Sun, 28 Feb 2021 11:10 PM (IST)
असम में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को लगा झटका, भाजपा के सहयोगी बीपीएफ ने कांग्रेस से मिलाया हाथ
असम में शांति, एकता और विकास के लिए कांग्रेस से मिलाया हाथ।

गुवाहाटी, एजेंसियां। असम में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा को झटका लगा है। उसके सहयोगी दल बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) ने कहा कि वह कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन में शामिल होगा। कांग्रेस ने इसका स्वागत किया है।

बीपीएफ के मुखिया ने कहा- असम में शांति, एकता और विकास के लिए कांग्रेस से मिलाया हाथ

बीपीएफ के मुखिया हगरामा मोहिलारी ने ट्वीट कर कहा कि असम में शांति, एकता और विकास के लिए पार्टी ने कांग्रेस गठबंधन के साथ जाने का फैसला किया है। उन्होंने यह भी कहा कि बीपीएफ का अब किसी भी तरह से भाजपा के साथ दोस्ताना संबंध नहीं रहेगा।

कांग्रेस नेता बोर्दोलोई ने कहा- असम में कांग्रेस सत्ता में आ रही, बीपीएफ का पार्टनर बनने पर गर्व

कांग्रेस के प्रचार समिति के चेयरमैन प्रद्युत बोर्दोलोई ने कहा कि असम बसाओ अशोक यात्रा का राज्य में गहरा प्रभाव पड़ा है। बीपीएफ देख रहा है कि हवा का रुख किस तरफ है। कांग्रेस सत्ता में आ रही है और हमें बीपीएफ का पार्टनर बनने पर गर्व है।

तीन चरणों में होगा मतदान, जानिए तारीखें

असम में इस बार तीन चरणों में विधानसभा चुनाव संपन्न होंगे। मतगणना सभी राज्यों में दो मई को होगी। उल्लेखनीय है कि असम विधानसभा का कार्यकाल 31 मई को समाप्त हो रहा है। राज्य में पहले चरण का मतदान 27 मार्च को, दूसरे चरण का मतदान एक अप्रैल को और तीसरे चरण का मतदान छह अप्रैल को होगा।

असम में भाजपा के पास हैं 60 विधायक

असम में विधानसभा की 126 सीटे हैं। इसमें सत्तारूढ़ भाजपा के 60 विधायक हैं। कांग्रेस के पास 26 सीट हैं। वर्तमान में राज्य का कार्यभार मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल संभाल रहे हैं। 126 विधानसभा सीटों में से अनुसूचित जाति के लिए आठ और अनुसूचित जनजाति की 16 सीटें हैं। 

मतदान का समय एक घंटा अधिक रहेगा

सुनील अरोड़ा ने कहा कि उम्मीदवार को प्रचार के लिए डोर टू डोर कैंपेन की इजाजत होगी। लेकिन, इसमें उम्मीदवार को मिलाकर पांच से अधिक लोग शामिल नहीं हो सकेंगे। उन्होंने कहा कि बिहार चुनाव की तरह ही इन चुनावों में भी मतदान का समय एक घंटा अधिक रहेगा। उम्मीदवारों के लिए ऑनलाइन नामांकन की सुविधा होगी। 

chat bot
आपका साथी