Assembly Polls 2022: विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा की बड़ी फौज तैयार, धर्मेंद्र प्रधान को बड़ी जिम्मेदारी

शिक्षा कौशल विकास और उद्यमिता मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को उत्तर प्रदेश विधानसभा की 403 सीटों का प्रभार दिया गया है जबकि जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत पंजाब को देखेंगे। वहीं उत्तराखंड के चुनाव प्रभारी के रूप में संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी को तैनात किया गया है।

By Nitin AroraEdited By: Publish:Wed, 08 Sep 2021 11:42 AM (IST) Updated:Wed, 08 Sep 2021 10:39 PM (IST)
Assembly Polls 2022: विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा की बड़ी फौज तैयार, धर्मेंद्र प्रधान को बड़ी जिम्मेदारी
Assembly Polls 2022: भाजपा ने यूपी, पंजाब समेत अन्य राज्यों में चुनाव प्रभारी घोषित किए, धर्मेंद्र प्रधान को बड़ी जिम्मेदारी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मणिपुर में फिर से सरकार गठन के लिए जहां विकास और जातिगत फार्मूले को धार दी जा रही हैं वहीं रणनीति और संगठन के तौर पर भी भाजपा राज्य के एक-एक जोन को अभी से कसने में जुट गई है। चुनाव प्रभारी के रूप में वरिष्ठ व अनुभवी नेताओं के साथ कुछ नए चेहरे भी जोड़े गए हैं। हाई प्रोफाइल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अनुभवी प्रदेश प्रभारी राधामोहन सिंह के साथ अब केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को चुनाव प्रभारी और केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर समेत अन्य सात को सह चुनाव प्रभारी नियुक्त किया गया है।

उनके साथ-साथ छह जोन के अलग से छह क्षेत्र प्रभारी बनाए गए हैं। वहीं उत्तराखंड के चुनाव प्रभारी के रूप में संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी को तैनात किया गया है। मणिपुर की जिम्मेदारी अनुभवी श्रम व पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव को दी गई है। पंजाब का जिम्मा जल संसाधन मंत्री गजेंद्र शेखावत और सह प्रभारी हरदीप सिंह पुरी व दो अन्य को नियुक्त किया है। गोवा की जिम्मेदारी महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस को दी गई है। विधानसभा चुनाव में यूं तो पांच छह माह की देरी है लेकिन भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तत्काल प्रभाव से मंत्रियों को जिम्मेदारी लेने को कहा है। चुनाव प्रभारी की नियुक्ति में ही रणनीति का संकेत है। उत्तर प्रदेश सबसे अहम भी है और देश में तेज हुई ओबीसी राजनीति भी यहीं सबसे ज्यादा गर्म है। ऐसे में प्रधान की नियुक्ति को रणनीति के रूप में ही देखा जा रहा है।

बिहार और उत्तर प्रदेश में भाजपा गैर यादव ओबीसी राजनीति पर फोकस करती रही है। प्रधान ओबीसी हैं और साथ ही बिहार समेत कई राज्यों में प्रभारी के रूप में कामकाज देखने का अनुभव है। बतौर शिक्षा मंत्री उन्होंने ओबीसी, दलित व आरक्षित वर्ग को कोटे को भरने के लिए हाल ही में निर्देश भी जारी किया है। ध्यान रहे कि पिछले संसद सत्र में राज्यों को ओबीसी तय करने का अधिकार देने के लिए विधेयक आया था तब प्रधान ही समाजवादी पार्टी पर सबसे ज्यादा आक्रामक रहे थे।

उप्र में उनके साथ सह प्रभारी बनाए गए युवा मंत्री अनुराग अगड़ी जाति से हैं। अनुराग जम्मू-कश्मीर के डीडीसी चुनाव में भी प्रभारी बनाए गए थे। उनका कौशल रंग भी लाया था। हाल में बतौर खेल मंत्री भी उन्होंने युवाओं का दिल जीता है। केंद्रीय राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल, शोभा करांदलजे, अन्नपूर्णा देवी के साथ साथ हरियाणा के पूर्व मंत्री और जाट नेता कैप्टन अभिमन्यु , विवेक ठाकुर और सरोज पांडे को भी सह प्रभारी बनाया गया है।

उत्तराखंड और मणिपुर भी भाजपा के लिए अहम है। लिहाजा यहां भी अनुभवी मंत्री लगाए गए हैं। भूपेंद्र फिलहाल बिहार और गुजरात के प्रदेश प्रभारी भी हैं। अनुभवी होने के साथ साथ वे केंद्रीय नेतृत्व के विश्वस्त भी माने जाते हैं। ऐसे में उत्तर पूर्व में उन्हें जिम्मेदारी देने का यह संदेश भी है कि भाजपा इस पूरे क्षेत्र को अहम मानती है। उत्तराखंड में प्रल्हाद जोशी के साथ मदद के लिए बंगाल से आने वाली तेज तर्रार सांसद लाकेट चटर्जी और राष्ट्रीय सचिव आरपी ¨सह को लगाया गया है। पंजाब में फिलहाल भाजपा के लिए चुनौती यह है कि वह अपने दम पर कुछ सीटें लाए। लिहाजा शेखावत के साथ सह प्रभारी के रूप में केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी, केंद्रीय विदेश राज्यमंत्री मीनाक्षी लेखी और सांसद विनोद चावड़ा को लगाया गया है।

उप्र के लिए सात सदस्यों वाली उच्चस्तरीय अनौपचारिक समिति

उत्तर प्रदेश की चुनाव तैयारी कई स्तरों पर होगी। सांगठनिक तैयारी को बल देने के लिए जहां चुनाव प्रभारियों की बड़ी फौज तैयार की गई है वहीं सात सदस्यों की एक उच्चस्तरीय अनौपचारिक समित का गठन भी हो गया है जो विशेष रणनीति पर काम करेगी। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर बुधवार को इसकी पहली बैठक भी हो गई। इसमें धमेंद्र प्रधान, अनुराग ठाकुर, भूपेंद्र यादव, केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी के साथ साथ रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य ¨सधिया और केंद्रीय सूचना प्रौद्यौगिकी राज्यमंत्री राजीव चंद्रशेखर शामिल हैं।

सूत्रों के अनुसार शीर्ष नेतृत्व का मानना है कि रणनीति पर कई स्तरों पर चर्चा जरूरी है। साथ ही साथ ऐसी समिति भी होनी चाहिए जो किसी प्रोजेक्ट, किसी राजनीतिक प्रतिक्रिया आदि पर भी तत्काल निर्णय ले सके। प्रधान और ठाकुर चुनाव प्रभार देख ही रहे हैं, भूपेंद्र का भी चुनावी अनुभव है। नकवी लंबे समय से भाजपा का चुनावी कामकाज देखते रहे हैं। राजीव चंद्रशेखर राजनीतिज्ञ होने के साथ साथ चुनावी सर्वेक्षण जैसे कामकाज से भी जुड़े रहे हैं। लिहाजा उनकी भूमिका भी अहम मानी जा रही है।

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