नायडू और ममता पर भड़के जेटली, कहा- जो कुछ छिपाना चाहते हैं वही CBI को रोक रहे हैं

अरुण जेटली ने कहा कि राज्यों में मामलों की जांच से सीबीआई को रोकना भ्रष्टाचार में प्रभुत्व घोषित करने के समान है।

By Arti YadavEdited By: Publish:Sat, 17 Nov 2018 01:28 PM (IST) Updated:Sun, 18 Nov 2018 07:34 AM (IST)
नायडू और ममता पर भड़के जेटली, कहा- जो कुछ छिपाना चाहते हैं वही CBI को रोक रहे हैं
नायडू और ममता पर भड़के जेटली, कहा- जो कुछ छिपाना चाहते हैं वही CBI को रोक रहे हैं

भोपाल/मुंबई, ब्यूरो,एजेंसी। केंद्रीय वित्तमंत्री अरण जेटली ने सीबीआई को मामलों की जांच से बाहर रखने के आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के फैसले की शनिवार को कड़ी आलोचना की। उन्होंने कहा कि राज्यों में मामलों की जांच से सीबीआई को रोकना भ्रष्टाचार में प्रभुत्व घोषित करने के समान है।

मुंबई में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जेटली ने आंध्र और पश्चिम बंगाल का नाम लिए बिना कहा कि किसी ने कल (शुक्रवार) यह कहते हुए भ्रष्टाचार में प्रभुत्व घोषित किया है कि वे अपने यहां सीबीआई को नहीं घुसने देंगे। यह शासन-प्रणाली के साहसिकवाद की सबसे बुरी स्थिति है।

किसी राज्य को भ्रष्टाचार की छूट नहीं मिल सकती
इससे पूर्व भोपाल में मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा का चुनावी घोषणा पत्र 'समृद्ध मध्य प्रदेश दृष्टि पत्र' जारी करते हुए जेटली ने पत्रकार वार्ता में कहा कि आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल ने सीबीआई को अपने राज्य में जांच के भय से रोका है। ऐसा कदम वही लोग उठाते हैं जिनके हाथ रंगे हैं और जिन्हें जांच का डर है।

जेटली का कहना था कि सीबीआई को मामलों की जांच से बाहर करने से किसी राज्य को भ्रष्टाचार की छूट नहीं मिल जाती। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में शारदा-नारदा घोटाले की जांच समाप्त नहीं होगी। आंध्र प्रदेश के निर्णय पर उनका कहना था कि किसी को बचाने के लिए यह कदम उठाया गया है। उसका यह कदम किसी विशेष मामले से प्रेरित नहीं है, बल्कि कुछ घटित होने की आशंका में उठाया गया है।

नोटबंदी को बताया नैतिक कदम
नोटबंदी-जीएसटी को देशहित में नैतिक कदम बताते हुए वित्तमंत्री ने कहा कि इसके बाद देश की आय बढ़ी जिससे राज्यों को भी ज्यादा पैसा मिला और गरीबों की सुविधाएं बढ़ीं। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जब सरकार संभाली तब 3.8 करोड़ लोग टैक्स भरते थे जो अब बढ़कर 6.86 करोड़ हो गए हैं।

पांच साल पूरे होने तक करदाताओं की संख्या पहले से दोगुनी तक पहुंचने की संभावना है। जेटली ने पेट्रोल-डीजल की कीमतों के सवाल पर कहा कि केंद्र और भाजपा शासित राज्यों ने कुल 9 रुपए कीमतें घटाई लेकिन कांग्रेस शासित 19 राज्यों ने ऐसा क्यों नहीं किया यह उन्हीं से पूछें।

पब्लिक हमसे ज्यादा समझदार
मप्र विधानसभा में 200 पार के नारे पर उनका जवाब था यह महज जुमला नहीं है, निर्णय जनता देती है। वह हम-आपसे ज्यादा समझदार है। उन्होंने बताया कि मप्र में हमारी सरकार ने राजनीति के एजेंडे को बदला जो बदहाली की विरासत थी, उससे मप्र को बाहर निकाला। गाय और राम वन गमन पथ को भुलाने के सवाल पर उन्होंने बताया कि गाय का जिक्र तो हमारे संविधान में ही है, रही बात राम वन गमन पथ की तो हर मुद्दा घोषणा पत्र का विषय नहीं रहता। विकास का मुद्दा हमारी सरकार में सतत बना रहेगा।

हमने पहले की 90 फीसदी घोषणाएं पूरी कीं : शिवराज
पिछले घोषणा पत्र पर कितना अमल हुआ? इस सवाल का जवाब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने दिया वह बोले कि हमने 90 फीसदी घोषणाएं पूरी कीं। मोदी और शिवराज की तुलना संबंधी मुद्दे पर भी शिवराज ने कहा कि मोदीजी करोड़ों लोगों के नेता हैं। उन्होंने विश्व में देश का मान-सम्मान और स्वाभिमान बढ़ाया। उनके ही पीछे हम सभी हैं।

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